नायब तहसीलदार के 8 लाख रुपए और सोना रेस्ट हाउस से चोरी ! कहाँ से आई इतनी नकद राशि, क्या है चर्चा ? जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

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पन्ना जिले के अजयगढ़ क़स्बा में स्थित लोक निर्माण विभाग का रेस्ट हाउस जिसके एक कमरे में कई माह से रुके हैं नायब तहसीलदार उमेश तिवारी।

* पन्ना जिले के अजयगढ़ क़स्बा में स्थित रेस्ट हाउस की घटना

* चोरी को लेकर फैली अफवाह रेत माफियाओं ने रिश्वत के रूप में दी थी राशि

* नायब तहसीलदार ने रेत माफिया से रिश्वत और 8 लाख की चोरी को बताया बकवास

* बोले- रेत खदानें वर्तमान बंद हैं, अगर चालू होतीं तो इन आरोपों को मान भी लेता

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अजयगढ़ क़स्बा में स्थित लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस से कथित तौर नायब तहसीलदार के आठ लाख रुपये नकद और सोना चोरी हो गया। चोरी की यह घटना रविवार 8 मार्च की दोपहर की है। उस समय नायब तहसीलदार उमेश तिवारी कलेक्टर की बैठक में शामिल होने के लिए पन्ना आए थे। शाम को जब वह वापस अजयगढ़ पहुंचे तो रेस्ट हाउस में उनके कमरे के अंदर रखे नकदी रुपए एवं सोने के आभूषण गायब मिले। सनसनीखेज चोरी की घटना को लेकर यह अफवाह तेजी से फैली कि चोरी गए रुपए और आभूषण नायब तहसीलतार को क्षेत्र में सक्रिय रेत माफियाओं से रिश्वत के रूप में मिले थे।
इस घटनाक्रम की भनक जब उच्चाधिकारियों को लगी तो अजयगढ़ से लेकर पन्ना तक प्रशासनिक हल्कों में अंदरखाने हड़कम्प मच गया। पन्ना जिले में लम्बे समय से प्रशासन के अघोषित संरक्षण में चल रहे रेत की लूट की छूट देने के एवज में वसूली के खेल का भंडाफोड़ होने तथा इसमें लिप्त बड़े खिलाड़ियों के बेनकाब होने के डर से चोरी की घटना पर पर्दा डाल दिया गया। इसलिए चोरी की घटना के चार दिन बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई। नायब तहसीलदार उमेश तिवारी ने चोरी की घटना को लेकर फैली चर्चाओं पर हैरानी जताते हुए स्वीकार किया कि इस तरह की बातें मुझे भी सुनने को मिलीं है और कई लोगों ने इस सम्बंध उनसे बात भी की है। उन्होंने इन बातों को अफवाह बताते हुए कहा इसमें आधी हकीकत-आधा फ़साना (झूठ) है।

सिर्फ 22-23 हजार रुपये और चैन हुई चोरी

अजयगढ़ तहसील कार्यालय में स्थित बीरा मण्डल के नायब तहसीलदार उमेश तिवारी का कक्ष।
पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार उमेश तिवारी ने चोरी की घटना को लेकर फैलीं कई तरह की चर्चाओं के रडार न्यूज़ से बात करते हुए बीच अपनी तरफ से वस्तु स्थिति स्पष्ट की है। उनका कहना है कि अजयगढ़ रेस्ट हाउस से मेरे सिर्फ 22-23 हजार रुपये नकद, सोने की एक चैन और सोने की एक अँगूठी चोरी गई है। श्री तिवारी ने आठ लाख रुपये नकद और सोना चोरी होने की खबर को कोरी बकवास बताते हुए स्वीकार किया कि इस तरह की अफवाह मुझे भी सुनने को मिली है और कई लोगों ने इस सम्बंध उनसे बात भी की है। उनसे पूँछा गया कि चोरी की घटना को लेकर यह भी चर्चाएं है कि कथित तौर पर उक्त आठ लाख रुपये नकद और सोना आपको अजयगढ़ क्षेत्र में सक्रिय रेत माफियाओं से रिश्वत के रूप मिला था। साथ ही जिस युवक पर संदेह है उसके सम्बन्ध में दबी जुबान सुगबुगाहट है कि वह आपके वसूली एजेण्ट के रूप में अजयगढ़ क्षेत्र में सक्रिय रेत माफियाओं से उगाही करता था ?
सांकेतिक तस्वीर।
नायब तहसीलदार श्री तिवारी ने हँसते हुए कहा कि रेत खदानें अगर चल रहीं होती तो इसको भी मान लेता कि रुपए आने चाहिए। मगर रेत खदानें अभी बंद है सिर्फ एक चाँदीपाठी खदान चालू है। उन्होंने अपनी सफाई में सवाल उठाते हुए कहा कि, अगर कोई कलेक्शन करेगा तो अपने घर रखेगा या फिर किसी और जगह रखेगा यहाँ रेस्ट हाउस में क्यों रखेगा। रेत माफियाओं से मेरे लिए कलेक्शन करने की बात पूरी तरह बकवास है। उल्लेखनीय है कि चर्चा के दौरान नायब तहसीलदार ने चोरी की घटना की खबर को फ़िलहाल ब्रेकिंग बनाकर प्रकाशित न करने का आग्रह करते हुए कहा, इससे बदनामी होगी कि पहले चोरी हुई फिर माल मिल गया। उनका कहना है कि एफआईआर दर्ज कराने के बाद आप लोग खबर छाप देना।
सूत्रों की मानें तो चोरी की इस घटना को लेकर प्रशासनिक हलकों में अंदर ही अंदर खलबली मची है। मामले को दबाने के लिए ही थाना में अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई। दरअसल रेत की लूट से लाभान्वित होने वाले अफसरों को डर है कि रिपोर्ट दर्ज कराने पर रेत का बचा-खुचा रायता भी फ़ैल सकता है और अंदर की बातें खुलकर बाहर आ सकतीं है। चोरी के मामले को बाहरी तौर पर इसलिए भी निपटाया जा रहा है क्योंकि अजयगढ़ जनपद अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता भरत मिलन पाण्डेय, सपा नेता दशरथ पहलवान और क्षेत्र के रेत माफियाओं के बीच प्रशासनिक मैनेजमेंट की चर्चा के वायरल वीडियो में किए गए दावों के जिन्न ने अभी तक पूरी तरह पीछा नहीं छोड़ा है।

पुलिस हिरासत में है संदेही युवक

फाइल फोटो।
नायब तहसीलदार उमेश तिवारी के कथित तौर पर आठ लाख रुपये नकद और सोना चोरी करने वाला संदेही व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि उनका ही विश्वस्त निजी सहयोगी पवन यादव निवासी ग्राम सीलोना (खड्डन पुरवा) थाना अजयगढ़ बताया जा रहा है। पवन को लेकर यह चर्चा है कि वह नायब तहसीलदार के एजेण्ट के रूप में अजयगढ़ क्षेत्र में सक्रिय रेत माफियाओं से उगाही करता रहा है। श्री तिवारी उनके लिए वसूली करने की बातों को बेबुनियाद और झूठ बताया है। हालाँकि पवन के ऊपर उन्हें पूरा संदेह है कि उसी ने 22-23 हजार रुपये नकद, सोने की एक चैन और सोने की एक अँगूठी चुराई है।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि संदेही युवक पवन यादव घटना के बाद से ही अजयगढ़ थाना पुलिस की हिरासत में है। जहां उसने पूंछतांछ में चोरी करने की बात भी कबूल कर ली है। लेकिन इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी। अजयगढ़ थाना के निरीक्षक अरविन्द कुजूर से सम्पर्क करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल फोन नम्बर- 8989220044 पिछले दो से दिनों बंद बता रहा है।
फाइल फोटो।
मालूम होकि रविवार 8 मार्च को चोरी की घटना का पता चलने पर नायब तहसीलदार ने सबसे पहले रेस्ट हाउस के कर्मचारियों पर संदेह जताते हुए उन्हें धमकाया था। उनके द्वारा मोबाइल पर इस घटना की सूचना अजयगढ़ थाना के निरीक्षक को दी गई। कुछ देर बाद दो पुलिसकर्मी रेस्ट हाउस पहुंचे और वहां तैनात कर्मचारियों के नाम-पता लिखकर पूँछताँछ के लिए बुलाए जाने पर थाना आने की बात कहकर वापस लौट गए। मगर इसके बाद चोरी के संदेह में पुलिस ने नायब तहसीलदार उमेश तिवारी के निजी सहयोगी पवन यादव निवासी ग्राम सीलोना (खड्डन पुरवा) को हिरासत में ले लिया। पवन के चार दिनों से पुलिस थाना अजयगढ़ में होने की पुष्टि वहाँ लगे सीसीटीव्ही कैमरों के फुटेज से की जा सकती है।

कई महीनों से रेस्ट हाउस में डटे साहब

पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील में पदस्थ युवा नायब तहसीलदार उमेश तिवारी अपनी कार्यशैली व अफसरी वाले अंदाज को लेकर अजयगढ़ क्षेत्र में आमजन के बीच अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। इनके पास बीरा माण्डल का प्रभार है, इसी इलाके में अजयगढ़ तहसील की अधिकाँश रेत खदानें आतीं हैं। श्री तिवारी अजयगढ़ में अपनी पोस्टिंग के बाद से लोक निर्माण विभाग के स्थानीय रेस्ट हाउस के एक कमरे में रह रहे हैं। अजयगढ़ में कोई शासकीय आवास खाली न होने की वजह से उन्होंने रेस्ट हाउस को ही अपना आवास बना रखा है।
तहसील कार्यालय अजयगढ़। फाइल फोटो
श्री तिवारी से पूंछा गया, अजयगढ़ में यह आम चर्चा है कि रेस्ट हाउस में अक्सर रेत माफियाओं के साथ आपकी बैठकें होती रहती है और वहीं पर लेनदेन होता है। नायब तहसीलदार का कहना है कि रेस्ट हाउस में रुकने के लिए आपेक्षित लोग आते रहते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सभी मुझसे मिलने के लिए वहाँ आते हैं। उन्होंने कहा कि यह कॉमन सेंस की बात है यदि किसी को कोई लेनदेन भी करना है तो क्या कोई सार्वजनिक स्थान पर ऐसा कुछ करेगा, वह तो कहीं दूर एकांत में चुपचाप बात करेगा। आपने बताया कि नवागत एसडीएम बी. बी. पाण्डेय भी रेस्ट हाउस में ही रुके हैं। इसलिए वहां किसी तरह की कोई आपत्तिजनक गतिविधि होने का सवाल ही नहीं उठता है।

अनियमितताएं उजागर होने के बाद भी कार्रवाई नहीं 

विदित हो कि अजयगढ़ क्षेत्र में करीब एक माह पूर्व तक संचालित रहीं पंचायतों की रेत खदानों पर पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने स्वयं छापामार कार्रवाई करते हुए रेत खनन में उपयोग हो रहीं प्रतिबंधित मशीनों और अवैध रेत परिवहन कर रहे डेढ़ दर्जन ट्रकों को पकड़ा था। इस दौरान पंचायतों की रेत खदानों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाए जाने एवं अनुबंध शर्तों के उल्लंघन के मद्देनजर कलेक्टर श्री शर्मा ने सख्त कार्रवाई करते हुए पांच खदानों की ईटीपी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी। जोकि अभी भी जारी है। इसके पश्चात कलेक्टर ने तत्कालीन अजयगढ़ एसडीएम सुरेश गुप्ता को भी वहां से हटा दिया था। लेकिन प्रभारी तहसीलदार और बीरा मण्डल के नायब तहसीलदार उमेश तिवारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
रेत से लोड वाहनों की धरपकड़ की कार्रवाई को अंजाम देते हुए पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा। फाइल फोटो।
जबकि केन नदी में संचालित अजयगढ़ क्षेत्र की अधिकाँश रेत खदानें बीरा मण्डल के अंतर्गत ही आतीं है। कलेक्टर ने जिन पांच रेत खदानों की ईटीपी पर रोक लगाई थी उसमें चार खदानें बीरा मण्डल की हैं। इस कार्रवाई के दौरान कलेक्टर ने रडार न्यूज़ से चर्चा में कहा था कि पंचायतों की रेत खदानों में सामने आईं अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए सम्बंधितों की जबाबदेही सुनिश्चित करते हुए उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। लेकिन इस मामले में अजयगढ़ से मात्र एसडीएम को हटाने बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। बहरहाल, नायब तहसीलदार की चोरी की वास्तविकता और रेत खदानों में मिली गड़बड़ी पर आगे की कार्रवाई के सम्बन्ध में पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से उनका पक्ष जानने के लिए कई बार सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

इनका कहना है –

“नायब तहसीलदार ने मुझे सिर्फ 22-23 हजार रुपए और कुछ सोने के कुछ आभूषण चोरी होने की जानकारी दी थी। मैं उस समय अजयगढ़ में नहीं था, इस सम्बन्ध में मेरी कलेक्टर साहब से बात हुई थी उन्होंने मुझसे कहा था कि नायब तहसीलदार उमेश तिवारी से रेस्ट हाउस का रूम खाली करा लें।”

– बी. बी. पाण्डेय एसडीएम अजयगढ़ जिला पन्ना।

“अजयगढ़ रेस्ट हाउस से नायब तहसीलदार का क्या सामान चोरी गया और वे कितने समय से वहां रुके हैं, इसकी मुझे ज्यादा जानकारी नहीं, आप एसडीओ अरुण पटैरिया से बात कर लें उन्हीं के अनुभाग अंतर्गत अजयगढ़ आता है। वही बेहतर बता पाएंगे।”

– ए. बी. साहू  प्रभारी कार्यपालन यंत्री लोनिवि संभाग पन्ना।