विश्रामगंज के जंगल में भड़की भीषण आग, पाँच हेक्टेयर में पेड़-पौधे जलकर हुए ख़ाक

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विश्रामगंज एवं पन्ना बफ़र रेन्ज के सीमावर्ती जंगल में तेजी से फैलती आग का दृश्य।

* गर्मी का मौसम शुरू होते ही आगजनी की घटनाओं में हुआ इजाफा

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) गर्मी की दस्तक के साथ ही जिले में आगजनी घटनाएं लगातार सामने आ रहीं हैं। खेत-खलिहानों के साथ-साथ जंगल में भी आग तबाही मचाने लगी है। हालांकि फिलहाल अधिकांश मामलों में लापरवाही के चलते आग भड़क रही है क्योंकि अभी तापमान में इतना इजाफा नहीं हुआ कि गर्मी की वजह से स्वतः आग लगे। सोमवार को पन्ना के समीप दहलान चौकी के आगे विश्रामगंज के जंगल अचानक आग भड़क उठी। देखते ही देखते आग तेजी से फैलने लगी। जब इसकी भनक वन विभाग के अफसरों को लगी तो आनन-फानन में आग बुझाने के लिए 20 प्रशिक्षित सुरक्षा श्रमिकों को उतारा गया। करीब 5 घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक पांच हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पेड़-पौधे जलकर ख़ाक हो चुके थे।
आग को चौतरफा काबू करने में जुटे वन विभाग के प्रशिक्षित सुरक्षा श्रमिक।
क्षेत्रीय लोगों की मानें तो उत्तर वन मण्डल पन्ना की विश्रामगंज रेन्ज और पन्ना टाइगर रिजर्व की पन्ना बफर रेन्ज के इस सीमावर्ती जंगल में गर्मी मौसम में प्रति वर्ष आग लगती है। बाबजूद इसके सम्बंधित अधिकारी और मैदानी अमले के द्वारा इस संवेदनशील वन क्षेत्र की विशेष निगरानी को लेकर उदासीनता बरती जा रही है। जबकि वर्तमान में महुआ सीजन के मद्देनजर जंगल की सुरक्षा को लेकर आवश्यक सतर्कता और सतत निगरानी बेहद जरुरी है।
विश्रामगंज रेन्ज के जंगल में भड़की आग को लेकर भी वन विभाग का मैदानी अमला दबी जुबान महुआ बीनने वालों को दोषी मान रहा है। उल्लेखनीय है कि जंगल में महुआ बीनने वाले लोग महुआ पेड़ के नीचे साफ़-सफाई करने के लिए अज्ञानतावश आग लगाते हैं, जिससे कई बार हवा के चलते आग बेकाबू होकर जंगल के बड़े क्षेत्र में फैल जाती है। परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर जंगल और वन्यजीवों को क्षति पहुँचती है। जंगल में आग को फैलाने में हवा, तापमान, सूखे पत्ते-टहनियां और घास बारूद का काम करती है। इसलिए गर्मी के मौसम में जंगल में आग लगने पर यदि तत्परता से उसे काबू करने के प्रयास नहीं किये गए तो उसे भीषण रूप लेते देर नहीं लगती।
जंगल में लगी आग के चलते विश्रामगंज-अजयगढ़ घाटी में फैला धुंआ। (सभी फोटो- रोहित रैकवार)