हादसा : आँगनवाड़ी सहायिका व मासूम बच्ची कुएँ में गिरी, हाथ धुलाते समय ढह गया कुएँ का लेण्टर

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कुँए से रस्सियों के सहारे गौरी बाई यादव को बाहर निकालते हुए दिया के ग्रामीणजन।

*    पन्ना जिले के बृजपुर थाना अंतर्गत दिया ग्राम में हुआ हादसा

*    ग्रामीणों ने तत्परता से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दोनों को बाहर निकाला

*    कुएँ में पानी काफी कम होने से बाल-बाल बची दोनों की जान

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में दिया ग्राम की आँगनवाड़ी में आज दोपहर के समय बड़ा हादसा हो गया। आँगनवाड़ी केन्द्र परिसर में स्थित एक बंद कुएँ का अचानक लेण्टर ढहने से आँगनवाड़ी सहायिका और एक बच्ची कुएं में गिर गई। केन्द्र पर बच्चों को भोजन कराने के बाद उनके हाथ धुलाते समय यह हादसा हुआ। आसपास मौजूद बच्चों के चींखने-चिल्लाने पर स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और बिना किसी देरी के रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दोनों को सकुशल बाहर निकाला गया।
कुएँ में गिरी आँगनवाड़ी सहायिका व मासूम बच्ची को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए स्थानीय लोग।
इस हादसे की खबर आते ही ग्राम दिया सहित पहाड़ीखेरा इलाके में हड़कम्प मच गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे। कुएँ में गिरने से घायल आँगनवाड़ी सहायिका गौरी बाई यादव 50 वर्ष एवं बच्ची जान्ह्वी सेन 5 वर्ष को उपचार हेतु पन्ना लाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
रस्सियों के झूले में बैठी जान्ह्वी कुँए से बाहर आते हुए।
महिला एवं बाल विकास विभाग पन्ना के जिला कार्यक्रम अधिकारी ऊदल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पन्ना ग्रामीण परियोजना अंतर्गत आने वाले ग्राम दिया में आँगनवाड़ी केन्द्र परिसर में प्राचीन कुँआ स्थित था। संभवतः आँगनवाड़ी केन्द्र निर्माण के समय कुएँ के ऊपर कॉन्क्रीट का स्लैब डालकर उसे ढंक दिया गया था, इसलिए उसके संबंध में आँगनवाड़ी स्टॉफ को जानकारी नहीं थी। बुधवार 3 फरवरी को दोपहर करीब 12 बजे दिया केन्द्र पर बच्चों को मध्यान्ह भोजन करानेके उपरान्त सहायिका गौरी बाई यादव बाउण्ड्रीवाल के नजदीक उनके हाथ धुलवा रही थी। बच्ची जान्ह्वी सेन की हाथ धुलाई के समय गौरी बाई जिस स्थान पर खड़ी थी उसके अचानक से धंसकने से दोनों नीचे स्थित कुएँ में जा गिरीं।
इस घटनाक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बच्चों के चींखने-चिल्लाने पर स्थानीय लोग तुरंत मौके पर आ गए। हादसे की सूचना मिलते ही पहाड़ीखेरा चौकी पुलिस भी तत्परता से घटनास्थल पर पहुँची। बिना किसी देरी के साहसी ग्रामीणों ने कुएँ में उतरकर रस्सी के झूले बनाकर कुएँ में डाले और फिर किसी तरह बड़ी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया। कुएँ में पानी काफी कम होने से उनकी जान बाल-बाल बच गई।
घायल सहायिका गौरी बाई यादव को देखते हुए जिला चिकित्सालय पन्ना के चिकित्सक।
महिला एवं बाल विकास विभाग पन्ना ग्रामीण के परियोजना अधिकारी अशोक विश्वकर्मा ने रडार न्यूज़ को बताया कि बृजपुर-पहाड़ीखेरा क्षेत्र के ही ग्राम सिरस्वाहा में आँगनवाड़ी का निरीक्षण करने के दौरान मुझे इस हादसे की जानकारी मिली थी। उन्होंने बताया कि मैं तुरंत मौके पर पहुँचा और घायल सहायिका व बच्ची को अपने वाहन से पन्ना लाकर दोनों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इस हादसे में बच्ची जान्ह्वी को मामूली चोट आई है जबकि सहायिका गौरी बाई यादव के सिर, हाथ-पैर में चोटें बताई जा रहीं हैं। दोनों का इलाज पन्ना जिला चिकित्सालय में जारी है।

.. ताकि हादसे की पुनरावृत्ति न हो

अपनी माँ की गोद में मासूम बच्ची जान्ह्वी सेन। (सभी फोटो : छायाकार मनीष सारस्वत)
सर्वविदित है कि पोषण सेवाओं एवं प्री-स्कूल एजुकेशन के लिए छोटे-छोटे बच्चे आँगनवाड़ी केन्द्र पर जाते हैं। ऐसे में दिया के आँगनवाड़ी केन्द्र परिसर में स्थित कुएँ को मजबूती के साथ सही तरीके से बंद न करने के कारण आज जिस तरह का हादसा हुआ उसमें किसी की जान भी जा सकती थी। कुंए में पानी अधिक होने की स्थिति पर डूबने से उनकी जान जा सकती थी। इसके अलावा जहरीली गैस का रिसाव भी दोनों की मौत की वजह बन सकता था। गनीमत रही कि समय रहते आंगनवाड़ी सहायिका व मासूम बच्ची को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन इस हादसे से जिला प्रशासन को सबक लेते हुए आँगनवाड़ी केन्द्रों व स्कूल परिसरों सुरक्षित बनाने की ओर विशेष ध्यान देने की जरुरत है, ताकि इस तरह के गंभीर हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
महिला एवं बाल विकास विभाग पन्ना के जिला कार्यक्रम अधिकारी ऊदल सिंह का कहना है कि, दिया केन्द्र के कुँए अच्छी तरह से बंद कराने के अलावा जिले के सभी आँगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।