बर्ड फ्लू को लेकर प्रशासन अलर्ट, प्रवासी और पालतू पक्षियों पर रखी जाएगी प्रभावी नजर

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सांकेतिक फोटो।

प्रवासी पक्षियों के मल के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जाएंगे

संक्रमण से बचाव को लेकर सावधानी बरतना है आवश्यक- कलेक्टर

घबराए ना, पन्ना जिले में बर्ड फ्लू का अभी तक एक भी प्रकरण नहीं

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) कोरोना वायरस संक्रमण के बीच मध्यप्रदेश के नौ जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद पन्ना जिला प्रशासन इस संभावित खतरे की आशंका को देखते हुए अलर्ट हो गया है। पक्षियों एवं मुर्गे-मुर्गियों से इंसानों में फैलने वाली बर्ड फ्लू नामक बीमारी की रोकथाम के हर संभव प्रयास जिला प्रशासन के द्वारा किये जा रहे हैं। इस नए संकट की आहट को देखते हुए शनिवार को पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली गई। जिसमें पुलिस कप्तान पन्ना मयंक अवस्थी विशेष रूप से शामिल हुए।
बैठक में बताया गया कि जिले में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी प्रकरण जिले में नहीं पाया गया। प्रदेश में बर्ड फ्लू का प्रवेश हो चुका है इसलिए बचाव के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। कलेक्टर श्री मिश्र ने निर्देश दिए कि प्रवासी और पालतू पक्षियों (कुक्कुट पोल्ट्री) पर विशेष नजर रखी जाए। फ़िलहाल जिले में बर्ड फ्लू की बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है इसलिए बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने इस बीमारी से बचाव को लेकर लोगों से विशेष सतर्कता एवं सावधानी बरतने को कहा है।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं पन्ना डाॅ. सी.के. त्रिपाठी उपसंचालक ने बताया कि वर्तमान में जिले में किसी पक्षी में बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं है। यह स्पष्ट है कि (कुक्कुट पोल्ट्री) शब्द का अर्थ, मुर्गी के साथ सभी पालतू पक्षियों जैसे बतख, गीज, टर्की, गिनीफाउल, बटेर आदि के लिए है। पालतू पक्षियों में अस्वभाविक मृत्यु दर एवं बीमारी की सूचना का दायित्व पक्षी मालिक का है।
अभ्यारण्यों एवं जलाश्यों में आने वाले प्रवासी जंगली पक्षियों को भी सर्विलांस में सम्मिलित किया गया है। जंगली एवं प्रवासी पक्षियों के मामले में वन विभाग के मैदानी अमले को ताजे बीट (मल) के नमूने एकत्र कर जांच हेतु प्रयोगशाला भेजने की कार्यवाही की जा रही है। सर्विलांस के दौरान चयनित एवं रेडम सेम्पल एकत्रित किये जाने चहिये। एक प्रक्षेत्र से सामान्यतः 4 से 5 सेम्पल लिया जाना पर्याप्त होेगा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी द्वारा बर्ड फ्लू के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि बर्ड फ्लू की बीमारी पूर्व में भी प्रदेश में पक्षियों में फैल चुकी है। मानव में यह बीमारी बहुत कम ही फैलती है। बर्ड फ्लू की बीमारी का ईलाज उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय में भी इस बीमारी की दवाएं उपलब्ध है। इस बीमारी में भी मरीज को सर्दी, जुखाम, बुखार होता है। लापरवाही बरतने पर इसका असर फेंफड़ों में हो जाने पर रोगी गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है। किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुखाम, बुखार होने पर तुरंत डाॅक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
मुर्गी पालकों एवं आम जनता से यह अपील है कि पन्ना जिले मे कही भी बर्ड फ्लू की बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। जिले में अगर कोई व्यक्ति अंडा एवं मांस का उपयोग करना चाहते है तो 70 डि.से.ग्रेट तापमान से अधिक तापमान पर उबाल कर खा सकते है। सम्पन्न हुई बैठक में अपर कलेक्टर जे.पी. धुर्वे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बी.के.एस. परिहार, समस्त एसडीएम, पुलिस अधिकारी एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।