पार्षद पद की निर्दलीय महिला प्रत्याशी को फार्म वापस लेने BJP प्रत्याशी ने दी धमकी !

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विमला अहिरवार निर्दलीय प्रत्याशी वार्ड क्रमांक-28 नगर पालिका परिषद पन्ना।

*    दलित महिला ने भाजपा नेताओं पर भी लगाया दबाव बनाने का आरोप

*    रोते हुए बताया तीन दिन से पति को निलंबन और ट्रांसफर की मिल रही धमकी

*    पन्ना नगर पालिका के जनकपुर वार्ड क्रमांक-28 से चुनाव मैदान में है महिला नेत्री

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) नगर पालिका परिषद पन्ना के नवगठित जनकपुर वार्ड क्रमांक-28 से पार्षद पद की निर्दलीय प्रत्याशी महिला नेत्री विमला अहिरवार ने आज नामांकन वापसी के अंतिम दिन एवं अंतिम क्षणों में मीडिया के समक्ष जो खुलासा किया है उससे जिले में स्थानीय निकाय के चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके संपन्न होने पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। उनका आरोप है कि, अपना नाम-निर्देशन पत्र वापस लेने के लिए वार्ड क्रमांक-28 से भारतीय जनता पार्टी के पार्षद प्रत्याशी घनश्याम उर्फ़ घंसू अहिरवार के द्वारा उन्हें धमकी दी गई। इसके अलावा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के नेतागण भी नामांकन फार्म वापस लेने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। विमला ने रोते हुए बताया उनके पंचायत सचिव पति को भी तरह-तरह से काफी परेशान किया जा रहा है, प्रशासन के द्वारा पति को धमकी दी गई है अगर पत्नी का फार्म वापस नहीं कराया तो तुम्हारा ट्रांसफर या निलंबन कर देंगे। मजबूत इरादों वाली महिला नेत्री का कहना है, मैं इन हथकण्डों से डरकर फार्म वापस नहीं लूंगी। मैं अपने समाज को सन्देश देना चाहती हूँ अगर हम सत्य के रास्ते पर चल रहे हैं तो मुश्किलें चाहे कितनी भी आएं उनसे विचलित होकर राह बदलने की जरुरत नहीं है, क्योंकि जीत अंत में सत्य की ही होती है।
दलित महिला नेत्री पार्षद पद की निर्दलीय प्रत्याशी विमला अहिरवार ने फार्म वापस लेने के लिए स्वयं पर व परिजनों के ऊपर बनाए जा रहे अनुचित दबाव का हवाला देकर मौजूदा परिस्थितियों में वार्ड के लोगों और आमजन से समर्थन देने की पुरजोर अपील की है। उल्लेखनीय है कि, मंगलवार 22 जून को नगर पालिका परिषद पन्ना के वार्ड क्रमांक- 1 से कांग्रेस प्रत्याशी गीता तिवारी और वार्ड क्रमांक-19 के कांग्रेस प्रत्याशी अंकित राय सहित सभी निर्दलीय एवं भाजपा को छोड़कर दूसरे दलों के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन फार्म वापस ले लिए थे। फलस्वरूप वार्ड क्रमांक-1 से भारतीय जनता पार्टी की पार्षद प्रत्याशी उमा रामऔतार पाठक और वार्ड क्रमांक-19 की प्रत्याशी मीना विष्णु पाण्डेय निर्विरोध निर्वाचित हो गईं। इस घटनाक्रम के बाद से यह कहा जाने लगा है कि, सत्ताधारी दल भाजपा साम-दाम-दण्ड-भेद की नीति पर चलते हुए किसी भी कीमत पर इस चुनाव को जीतना चाहती है। हालांकि कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों के “रणछोड़” बनने की अंदरूनी कहानी दवाब के फैक्टर के बजाए चुनावी मैनेजमेंट की थ्योरी पर आधारित बताई जा रही है।

दांव पर लगी भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा !

इसी क्रम में आज दलित महिला नेत्री एवं पार्षद पद की निर्दलीय प्रत्याशी विमला अहिरवार के गंभीर आरोपों के सामने आने से पन्ना का चुनावी माहौल अचानक काफी गरमा गया है। पन्ना जिले के स्थानीय निकाय चुनावों में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि खजुराहो सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह की प्रतिष्ठा प्रत्यक्ष-परोक्ष तौर पर दांव पर लगी होने की चर्चाएं आम हैं। समाचार लिखे जाने तक महिला नेत्री के आरोपों के संबंध में भारतीय जनता पार्टी, पार्षद पद के प्रत्याशी घनश्याम अहिरवार तथा पन्ना जिला प्रशासन का पक्ष आधिकारिक तौर पर पता नहीं चल सका। इस मामले में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष दिव्यारानी सिंह की संक्षिप्त टिप्पणी सामने आई है। उन्होंने सोशल मीडिया में विमला के वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा “भाजपा है तो सब संभव है।”