बुंदेलखंड के वीरों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता- राज्यपाल

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राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने बुंदेली समारोह तथा अमृत महोत्सव के अवसर पर आज बुंदेली भाषा के कवि श्री कैलाश मड़बैया सहित अन्य कवियों और पत्रकारों का शाल-श्रीफल और सम्मान पत्र भेंट कर अभिनन्दन किया।

बुंदेली समारोह तथा अमृत महोत्सव कलश स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न 

भोपाल। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां बुंदेली समारोह एवं अमृत महोत्सव कलश स्थापना कार्यक्रम में कहा कि बुंदेलखण्ड में महान योद्धा, राजा, साहित्यकार और समाजसेवियों ने जन्म लिया है। बुंदेलखंड के वीरों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि बुंदेलखण्ड की सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्परायें महान और प्राचीन हैं। छत्रसाल ऐसे महान योद्धा थे, जो तलवार के साथ कलम से भी समाज और देश को कुरीतियों से बचाने की कोशिश करते रहे। छत्रसाल ने विस्तृत बुंदेलखंड राज्य की गरिमामय स्थापना ही नहीं की थी, वरन् साहित्य सृजन कर जीवंत काव्य भी रचे।

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने बुंदेली समारोह तथा अमृत महोत्सव के अवसर पर आज बुंदेली भाषा के कवि श्री कैलाश मड़बैया सहित अन्य कवियों और पत्रकारों का शाल-श्रीफल और सम्मान पत्र भेंट कर अभिनन्दन किया।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने प्रसिद्ध बुंदेली कवी कैशल मड़बैया को अमृत महोत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड को आज विकास की बहुत आवश्यकता है। हमारे प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा देकर देश में एकता, विकास, समरसता और सौहार्द्र का वातावरण निर्मित किया है।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने इस अवसर पर बुंदेली भाषा के कवि  कैलाश मड़बैया सहित अन्य कवियों और पत्रकारों को शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने बुंदेली नृत्य दल द्वारा प्रस्तुत राई नृत्य भी देखा । कार्यक्रम में सांसद आलोक संजर, वरिष्ठ साहित्यकार गंगा प्रसाद बरसैया, तथा बुंदेली साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम में राज्यपाल ने साहित्कार कैलाश मड़बैया की पुस्तक मयूर पंख, सहित साहित्यकारों और कवियों की पुस्तकों और काव्य ग्रंथों का विमोचन भी किया।

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