भाजयुमो नेता की आत्महत्या का मामला : चक्का जाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण

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पन्ना जिले के नरदहा ग्राम में भाजयुमो नेता के आत्महत्या करने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कालिंजर-चित्रकूट मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। (फ़ाइल फोटो)

*   नरदहा चौकी प्रभारी की रिपोर्ट पर आधा सैंकड़ा अज्ञात व्यक्तियों को बनाया आरोपी

*   धरमपुर थाना व नरदहा चौकी प्रभारी को हटाने की मांग को लेकर किया था चक्काजाम

  भाजयुमो नेता की भाभी के साथ दबंगों के अभद्रता करने पर पुलिस ने नहीं लिखी थी रिपोर्ट

*   पुलिस के रवैये से परेशान होकर युवा दलित नेता ने फांसी लगाकर कर ली थी आत्महत्या

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में बीते दिवस भारतीय जनता युवा मोर्चा मंडल धरमपुर के मंत्री दुर्गेश सोनकर ने कथित तौर पर पुलिस के मनमानी पूर्ण रवैये परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। युवा नेता के द्वारा आत्मघाती कदम उठाने की खबर आने के बाद बुधवार 20 अक्टूबर को जिले के सीमावर्ती ग्राम नरदहा में पुलिस के खिलाफ जबर्दस्त जनाक्रोश देखने को मिला। आक्रोशित ग्रामीणों ने पहले पुलिस चौकी नरदहा का घेराव किया और फिर चौकी के ही सामने कालिंजर-चित्रकूट (बघेलाबारी) मार्ग पर चक्का जाम कर दिया था। मुख्य मार्ग पर ट्रैक्टर व अन्य वाहन लगाकर चक्का जाम करके वाहनों का आवागमन अवरुद्ध करने एवं यात्रियों को असुविधा पहुँचाने के मामले में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
नरदहा चौकी प्रभारी एएसआई मिट्ठूलाल कोल की लिखित रिपोर्ट पर धरमपुर थाना में 40-50 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 246/21 धारा 341,147,149 आईपीसी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध गया किया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की वीडियो रिकार्डिंग कराई है जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान करने की बात कही जा रही है। एएसआई मिट्ठूलाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चक्का जाम लगाकर वाहनों का आवागमन अवरुद्ध करके भीड़ में मौजूद लोग काफी उत्तेजित थे और जमकर नारेबाजी कर रहे थे। इस कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। चक्काजाम में फंसे वाहनों में कुछ असहाय एवं बीमार व्यक्ति तड़प रहे थे जिन्हें तत्काल इलाज नहीं मिल सका। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा भीड़ को समझाने के बाद चक्का जाम खोला गया।
पुलिस चौकी नरदहा का घेराव कर हंगामा करते हुए ग्रामीणजन। (फ़ाइल फोटो)
उल्लेखनीय है कि कथित तौर पर पुलिस के रवैये से व्यथित और परेशान युवा नेता दुर्गेश सोनकर के द्वारा आत्महत्या करने के मामले में धरमपुर थाना व नरदहा चौकी प्रभारी को हटाने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारियों ने कालिंजर-चित्रकूट मार्ग पर लगभग 8 घंटे तक चक्का जाम किया था।

क्या है पूरा मामला

ग्राम नरदहा में दबंगों के द्वारा भारतीय जनता युवा मोर्चा धरमपुर मण्डल के दलित नेता दुर्गेश सोनकर की भाभी के साथ विगत दिनों कथित तौर पर अभद्रता की गई थी। युवा नेता अपनी भाभी को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराने नरदहा चौकी व धरमपुर थाना गया लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। उलटा पुलिस ने महिला के ही खिलाफ मारपीट का मामला पंजीबद्ध कर लिया। कथित तौर पुलिस के इस रवैये से व्यथित और परेशान युवा नेता दुर्गेश सोनकर ने 19-20 अक्टूबर की रात अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के भाई दिनेश सोनकर ने इस घटना के पीछे के कारणों की जानकारी पत्रकारों को दी थी।

आश्वासन देने के बाद नहीं की कार्रवाई

चक्का जाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध होने की जानकारी देते हुए अजयगढ़ एसडीओपी बी.एस. परिहार।
बताते चलें कि दुर्गेश की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों के द्वारा धरमपुर थाना व नरदहा चौकी प्रभारी को हटाने तथा दबंग आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग को लेकर कई घण्टे तक चक्का जाम करने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दोनों ही मांगों पर कार्यवाही करने का आश्वासन देकर चक्का जाम समाप्त कराया था। लेकिन अब तक धरमपुर थाना व नरदहा चौकी प्रभारी को नहीं हटाया गया। जिससे पुलिस अधिकारियों की कथनी और करनी में अंतर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जबकि धरमपुर थाना व नरदहा चौकी प्रभारी के ऊपर महिला की रिपोर्ट न लिखने और उसके साथ बदसलूकी करने वाले आरोपियों को कथित तौर पर बचाने जैसे गंभीर आरोप है। वहीं दुर्गेश के परिजन उसकी मौत के लिए साफ़ तौर पर पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि पुलिस के द्वारा भाभी की रिपोर्ट न लिखने से व्यथित होकर ही दुर्गेश ने आत्मघाती कदम उठाया है।
अजयगढ़ एसडीओपी बीएस परिहार से आज जब इस संबंध में सवाल पूंछा गया तो उन्होंने बताया कि रिपोर्ट न लिखने के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है, अगर कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच कराई जायेगी।