कोरोना संक्रमित प्रवासी श्रमिक को पन्ना जिला चिकित्सालय में शिफ्ट किया, सीएमएचओ बोले- इस केस की चैन टूट चुकी है घबराने की जरुरत नहीं, युवक के प्राइमरी कॉन्टेक्ट में आए सभी लोगों की जाँच रिपोर्ट निगेटिव आई

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फाइल फोटो।

* बनौली ग्राम के कोविड सेंटर से कड़ी सुरक्षा में सोमवार को अलसुबह पन्ना लाया गया

* मरीज को स्वास्थ्य सम्बंधी कोई समस्या नहीं जल्द पूर्ण स्वस्थ होने की है उम्मीद

* श्रमिक ने कहा मैं एकदम नार्मल हूँ, हॉस्पिटल में घर से भी अच्छी हैं सुविधाएं

* अपने बारे में गलत जानकारी फैलने से आहत और परेशान प्रवासी युवा श्रमिक

* संक्रमित का इलाज कर रही मेडिकल टीम को परिवार से अलग कर होटल में ठहराया

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में दो दिन पूर्व कोरोना संक्रमित पहला मरीज मिलने के बाद उसे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दूरस्थ ग्राम बनौली के कोविड सेंटर से पन्ना जिला चिकित्सालय स्थित स्पेशल कोविड यूनिट में शिफ़्ट किया गया है। सोमवार तड़के करीब 4 बजे उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पुख्ता इंतजाम के साथ पन्ना जिला चिकित्सालय लाया गया। मुंबई से चार दिन पूर्व लौटा प्रवासी युवा श्रमिक जांच में कोरोना संक्रमित तो निकला है लेकिन उसमें अभी तक कोरोना बीमारी का कोई प्रत्यक्ष लक्षण नज़र नहीं आ रहा है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एल. के. तिवारी ने स्वयं इस बात की पुष्टि है। उनका दावा है कि कोरोना संक्रमित श्रमिक को अभी तक स्वास्थ्य सम्बंधी कोई समस्या नहीं है, वह पूरी तरह सामान्य है। जिला चिकित्सालय में उसका इलाज जारी है। स्वास्थ्य विभाग की प्रशिक्षित टीम उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रही है। सीएमएचओ ने कोरोना संक्रमित युवक के जल्द स्वास्थ्य स्वस्थ्य होने की उम्मीद जताई है।
सांकेतिक फोटो।
इस केस से जुड़ी एक राहत देने वाली खबर भी आई है। दरअसल संक्रमित युवक के प्रायमरी व सेकेण्डरी कॉन्टेक्ट में आए सभी लोगों को चिन्हित करके प्राइमरी कॉन्टेक्ट के लोगों के 10 सैम्पल कोरोना जांच हेतु भेजे गए थे जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। सीएमएचओ डॉक्टर तिवारी ने समझया कि इसका यह अर्थ है कि कोरोना वायरस के इस केस में चैन यहीं पर टूट गई है। सोमवार 4 मई तक की स्थिति में जिले एक व्यक्ति के अलावा कोई और कोरोना पॉजिटिव नहीं है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना मरीज को कोविड सेन्टर बनौली से पन्ना जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करने की वजह कोई इमरजेंसी नहीं है, चिकित्सा सेवाओं की सुविधा एवं प्रबंधन की दृष्टि से यह फैसला लिया गया है। उधर, कोरोना संक्रमित प्रवासी श्रमिक ने भी स्वयं को एकदम नार्मल होना बताया है। मरीज की मानें तो वह पिछले चार दिनों से स्वास्थ्य विभाग की सघन निगरानी में है उसे स्वास्थ्य सम्बंधी किसी तरह की कोई समस्या अब तक नहीं है। अपनी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने से वह खुद भी काफी अचरज में है। मरीज के मुताबिक वह और उसके दो भाई एवं अन्य साथी मुंबई के सांताक्रूज के जिस इलाके में रहते थे वहां कोरोना संक्रमण नहीं था। ऐसे में वह इस संक्रमण की चपेट में कैसे आया इस बारे में उसे कुछ भी पता नहीं है।
कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीजों का उपचार करने वाली चिकित्सा टीम के सदस्य।
पन्ना जिले में दो दिन पूर्व कोरोना पॉजिटिव पहला केस सामने आने की नकारात्मक और चिंताजनक खबर के बीच अच्छी बात यह है कि संक्रमित मरीज चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ़ का सम्मान करते हुए उपचार में उन्हें पूर्ण सहयोग कर रहा है। इस युवक ने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की तारीफ़ करते हुए बताया कि उसके सैम्पल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हर घड़ी उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। पहले बनौली और अब पन्ना में उसे घर से भी बेहतर सुविधाएं मिल रहीं हैं। इलाज कर रहे चिकित्सक और देखभाल करने वाले पैरामेडिकल स्टॉफ़ की भी उसने तारीफ की है।
फाइल फोटो।
प्राप्त जानकारी अनुसार 30 अप्रैल को अपने भाई समेत 10 सदस्यों के ग्रुप में मुंबई से पन्ना लौटा 31 वर्षीय प्रवासी श्रमिक जिले की अजयगढ़ तहसील क्षेत्र का मूल निवासी है। पन्ना जिले के सीमावर्ती इलाके सिमरिया के चेकपोस्ट में इस ग्रुप के पहुँचने पर सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें नजदीकी बनौली ग्राम के क्वारंटाइन सेंटर में आइसोलेट किया गया था। इनके सैम्पल लेकर कोरोना की जांच हेतु भेजे गए। शनिवार 2 मई की शाम को ग्रुप के 10 सदस्यों में से 9 नेगेटिव और एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पॉजिटिव मरीज शुरु से ही बीमारी के प्रत्यक्ष लक्षण से मुक्त है। कोरोना संक्रमित मरीज का करीब 36 घण्टे तक प्ररम्भिक उपचार बनौली ग्राम के कोविड सेंटर में किया गया। सोमवार तड़के करीब 4 उसे बनौली से सुरक्षात्मक तरीके से पन्ना लाकर जिला चिकित्सालय के सर्व सुविधायुक्त आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
संक्रमित मरीज के साथ रहे उसके छोटे भाई को भी अलग से पन्ना लाकर एहतियात के तौर पर सुरक्षित दूरी रखते हुए दूसरे कमरे में रखा गया। कोरोना संक्रमित मरीज ने “रडार न्यूज़” से चर्चा में बताया कि मेरी जाँच रिपोर्ट भले ही पॉजिटिव आई है लेकिन मुझे इसका जरा भी टेंशन नहीं है, उसने बड़ी ही साफगोई के साथ कहा कि मैं पहले की तरह एकदम नार्मल हूँ क्योंकि मुझे सिरदर्द तक नहीं है। इसलिए किसी तरह के टेंशन होने या घबराहट का सवाल ही नहीं उठता है। युवा मरीज से मोबाइल पर हुई बातचीत में उसकी सकारात्मक सोच, समझदारी, मजबूत आत्मबल और जिजीविषा का एहसास होता है।
डॉ. एल. के. तिवारी, सीएमएचओ पन्ना।
उधर, सीएमएचओ ने डॉ. एल. के. तिवारी ने कोरोना हेल्थ ब्रीफिंग जारी कर बताया है कि कोरोना पॉजिटिव युवक का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसमें अभी भी कोई लक्षण नहीं है और युवक को किसी प्रकार की समस्या नहीं है। उसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। आपने आशा व्यक्त की है कि भविष्य में वह जल्द स्वस्थ हो जाएगा। संक्रमित युवक के प्रायमरी व सेकेण्डरी कॉन्टेक्ट में आए सभी लोगों को चिन्हित किया गया। इसके उपरांत प्रायमरी कॉन्टेक्ट से जुड़े 10 सैम्पल लेकर जाँच हेतु भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर स्वास्थ्य महकमे ने राहत की साँस ली है। इसका मतलब यह कि कोरोना वायरस के इस केस में चैन यहीं पर टूट गई है। सोमवार 4 मई तक की स्थिति में जिले एक व्यक्ति के अलावा कोई और कोरोना पॉजिटिव नहीं है।

मेडिकल स्टॉफ को होटल में ठहराया

सांकेतिक फोटो।
पन्ना जिले की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आमधारणा नकारात्मक रही है लेकिन कोरोना संकट के समय हमारे फ्रंट लाइन योद्धाओं ने लॉकडाउन के दौरान पिछले डेढ़ माह में रात-दिन कड़ी मेहनत करते हुए स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार जिले में कोरोना वायरस की प्रभावी रोकथाम एवं बचाव हेतु हर स्तर पर जो व्यापक तैयारियां की हैं वे वाकई क़ाबिले तारीफ हैं। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमित पहला मरीज जिले में मिलने के बाद इसके प्रसार की रोकथाम को लेकर कोरोना योद्धा संवेदनशीलता के साथ राज्य और केन्द्र सरकार के बताये हुए सुरक्षात्मक उपायों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने में पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ जुटे हैं।
जानकारी मिली है कि कोरोना संक्रमित प्रवासी श्रमिक का इलाज करने वाले चिकित्सक और उसकी देखभाल करने से लेकर उक्त वार्ड में साफ़-सफाई करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा की दृष्टि से रविवार की रात्रि में ही परिवार से दूर करते हुए पन्ना के बाहरी इलाके में स्थित एक सर्व सुविधायुक्त होटल में ठहराया गया है। ताकि कोई भी व्यक्ति इनके सीधे सम्पर्क में न आने पाए। आइसोलेशन वार्ड में सेवाएं देने वाले मेडिकल स्टॉफ की जीवन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उन्हें समस्त पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई किट) पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराये गए हैं। इसके अलावा हॉस्पिटल में जगह-जगह संक्रमित क्षेत्र लिखकर आइसोलेशन वार्ड वाले हिस्से में बाहरी लोगों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। वहीं सोमवार की रात्रि से ही पन्ना हॉस्पिटल की सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है।

देर रात्रि तक चलीं तैयारियां

पन्ना जिला चिकित्सालय में स्थित कोरोना संक्रमित एवं संदिग्ध मरीज वार्ड।
पन्ना के जिला चिकित्सालय में कोरोना संक्रमित मरीज के उपचार हेतु हेतु बनाये गए आइसोलेशन वार्ड में समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं और सुविधाएं काफी पहले ही सुनिश्चित कर ली गईं थीं। लेकिन रविवार की शाम जब कोरोना संक्रमित मरीज को बनौली ग्राम से पन्ना लाने का निर्णय लिया गया तो पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने स्वयं जिला चिकित्सालय पहुंचकर बारीकी से हर व्यवस्था को जांचा-परखा। जहां कहीं भी थोड़ी बहुत सुधार की गुंजाइश दिखी उसमें आवश्यक सुधार और तब्दीली कराई गई। रविवार शाम से लेकर देर रात्रि तक कलेक्टर श्री शर्मा, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एल. के. तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. आर. एस. त्रिपाठी ने इलाज और सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की कसौटी पर व्यवस्थाओं को बारीकी से जांचा-परखा गया। पूर्ण संतुष्ट होने पर सोमवार 4 मई की देर रात्रि करीब डेढ़-दो बजे बनौली से अलग-अलग एम्बुलेंस में मरीज और उसके छोटे भाई को सुबह 4 बजे के आसपास पन्ना लाकर जिला चिकित्सालय में शिफ्ट किया गया।
यहाँ यह विशेष उल्लेखनीय है कि शनिवार 2 मई की शाम को मुंबई से लौटे प्रवासी श्रमिक के कोरोना पॉजिटिव होने का पता चलने पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एल. के. तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. आर. एस. त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारीगण आनन-फानन बनौली पहुँच गए थे और तड़के 3 बजे तक वहां रूककर उपचार आदि की व्यवस्था पूरी कराई गई थी।

गलत जानकारी फ़ैलने से है दुखी

सांकेतिक फोटो।
पन्ना जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज ने आज दोपहर में “रडार न्यूज़” से मोबाइल के माध्यम से बात की। इस दौरान उसने अपने बारे में पिछले दिनों फैलीं गलत और भ्रामक जानकारी वालीं ख़बरों पर दुःख और आपत्ती जताते हुए बताया कि 30 अप्रैल को मुंबई से पन्ना आने पर उसने और ग्रुप के सभी सदस्यों ने सिमरिया बार्डर पर तथा बाद में बनौली के क्वारंटाइन सेंटर में अपने सम्बंध में पूर्ण जानकारी दी थी। जिसमें उसने बताया था कि वह दिहाड़ी मजदूर है और मुंबई अपने छोटे भाई और और अन्य युवाओं के साथ सांताक्रूज इलाके में मछली बाजार के नजदीक रहकर पेंटिंग का काम करता था। इन लोगों ने मिलकर 30 हजार रुपये मासिक रुपये पर कमरा किराया पर ले रखा है। जिसका किरायानामा अनुबंध भी उसके पास मौजूद है। मगर पन्ना में कई दिनों से यह प्रचारित किया गया है कि संक्रमित प्रवासी युवक मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी में रहता था।
देश में कोरोना संक्रमण से मुंबई महानगर सर्वाधिक प्रभावित है और वहां की झुग्गी बस्ती धारावी में भी कोरोना संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं। जबकि इस युवक का दावा है कि मुंबई में वह सांताक्रूज के जिस इलाके में रहता था वहां एक भी केस नहीं निकला। सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि पुलिस के द्वारा उन्हें पकड़ा गया जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है, हम कहीं भागे थोड़ी हैं बल्कि हम तो स्वयं अपने गृह जिले में लौटे हैं।
सांकेतिक फोटो।
प्रवासी श्रमिक ने बताया कि पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील क्षेत्र में स्थित अपने गांव में परिजनों से मोबाइल पर उसे बात करने पर पता चला है कि कतिपय पुलिसकर्मी उसके सम्बंध में गांव में झूठी अफवाह फैला रहे थे कि मेरी हालत गंभीर होने के कारण मुझे पन्ना से जबलपुर रेफर किया गया है। इससे मेरे परिजन थोड़े परेशान हो गए। इस युवक ने बताया कि पन्ना में निवासरत उसके मामा ने फोन पर बात की और वह कहने लगे कि मैं तुम्हें देखना चाहता हूँ। उसने अपने मामा को समझाया कि मैं पन्ना में ही हूँ और पूरी तरह से ठीक भी हूँ, आप लोग हॉस्पिटल न आएं क्योंकि प्रशासन के लोग किसी को भी अभी मुझसे मिलने की इजाजत नहीं देंगे। यहाँ से जब छुट्टी मिलेगी तो मैं स्वयं आप लोगों से मिलने आऊंगा।

इनका कहना है –

“कोरोना संक्रमित युवक को बनौली कोविड सेंटर से सोमवार सुबह पन्ना जिला चिकित्सालय में शिफ्ट किया गया है। उसकी सेहत पूरी तरह सामान्य है। युवक में अब तक कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं पाया गया है। उसका इलाज जारी है और संक्रमित व्यक्ति की सेहत पर स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित कर्मचारी 24⤯7 घण्टे नजर रख रहे हैं। हम लोगों को संक्रमित युवक के जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ होने की उम्मीद है। अच्छी बात यह कि इस केस में संक्रमण की चेन टूट गई है। संक्रमित युवक के प्राइमरी कॉन्टेक्ट में आए सभी चिन्हित लोगों के सैम्पल की जाँच रिपोर्ट निगेटिव आई है। बनौली ग्राम में जब यह युवक आइसोलेट था तब उसकी कोरोना जांच पॉजिटिव आई थी इसलिए बनौली क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है।”

– डॉ. एल. के. तिवारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पन्ना।