कोरोना पॉजिटिव मरीज के गाँव को सील कर प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग कराई, संक्रमित के सम्पर्क में आए 12 लोगों के सैम्पल जाँच के लिए भेजे

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फाइल फोटो।

* दिल्ली से वापस लौटने के बाद कुछ दिन गांव में रुका था कोरोना मरीज 

* अपने भाई और क्षेत्र के अन्य लोगों के साथ मिनी बस से आया था वापस

* संक्रमित के प्राइमरी कॉन्टेक्ट में आए लोगों के सैम्पल की रिपोर्ट का है इंतजार 

* पन्ना कलेक्टर का दावा किसी भी व्यक्ति में कोविड-19 बीमारी के प्रारम्भिक लक्षण नहीं

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में शनिवार को गुनौर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम घाट सिमरिया निवासी युवक के कोरोना संक्रमित होने का पता चलने के बाद जिले का प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सिविल लाइन इलाके से मिनी बस में अपने भाई और क्षेत्र के अन्य लोगों के साथ वापस लौटे युवक साकेत शर्मा 22 वर्ष का सैम्पल जांच में कोरोना पाॅजिटिव निकलने पर आनन-फानन में शनिवार 16 मई की रात्रि में ही उसके गाँव घाट सिमरिया को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया गया। एहतियात के तौर पूरे गांव को सील कर वहाँ पुलिस की तैनाती की गई है और लोगों के घरों से बाहर निकलने सख्त रोक लगाते हुए है सभी को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा ग्राम घाट सिमरिया की 3 किलोमीटर की परिधि में आने वाले पंचायत मुख्यालय पुरैना समेत तीन गांवों नैगवाँ, तालगांव को बफर क्षेत्र मानते हुए कोरोना संक्रमण के प्रसार की प्रभावी रोकथाम हेतु कई तरह की पाबंदियां लागू की गई हैं।
सांकेतिक फोटो।
रविवार 17 मई को सुबह से ग्राम घाट सिमरिया के शत-प्रतिशत लोगों की आरआरटी टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गई। जबकि शनिवार की रात्रि में ही कोरोना संक्रमित युवक साकेत शर्मा के प्रथम एवं द्वितीय सम्पर्क तथा ट्रेवल हिस्ट्री प्राप्त कर सेम्पलिंग की गयी। साकेत के प्राइमरी कान्टेक्ट के रूप में 15 व्यक्तियों का चिन्हांकन किया गया। सेकेण्डरी कान्टेक्ट के रूप में 5 व्यक्तियों की पहचान की गयी। इनमें 12 लोगों के सेम्पल लेकर जांच हेतु सागर की प्रयोगशाला में भेजे गए।
सांकेतिक फोटो।
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले के दूसरे कोरोना संक्रमित मरीज साकेत शर्मा  22 वर्ष के सम्बंध में कथित तौर आमचर्चा है कि वह अपने बड़े भाई एवं क्षेत्र के कुछ अन्य लोगों के साथ दिल्ली से मिनी बस से प्रस्थान कर 11 मई को दोपहर में सीधा अपने गांव पहुंचा था। इनके साथ मिनी बस में ग्राम माल्हन के 4 लोग, ग्राम बिलघाड़ी के 3 लोग और पड़ोसी जिला सतना का एक व्यक्ति सवार था। साकेत और उसका बड़ा भाई अभिषेक कुछ दिन तक गांव में घर के बाजू में बनीं गौशाला में होम क्वारंटीन पर रहे। कथित तौर उनके मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप्प इंस्टॉल होने से इनके सम्बंध में स्वास्थ्य विभाग को पता चला और इन सभी का 15 मई को सेम्पल लिया गया। 16 मई को सेम्पल पाॅजिटिव पाए जाने पर मरीज को संस्थागत क्वारेंटाइन सेंटर शासकीय आदिवासी छात्रावास गुनौर में रखा गया। शनिवार 16 मई को ही रात्रि में कोरोना मरीज साकेत शर्मा 22 वर्ष को बेहतर उपचार हेतु गुनौर से पन्ना लाकर जिला चिकित्सालय के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया है। जन चर्चाओं के अनुसार साकेत और उसका भाई दिल्ली के संस्कृत विद्यालय में धार्मिक शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ वहां पूजा-पाठ कराने का भी काम करते रहे हैं। बहरहाल गुनौर क्षेत्र समेत जिले के लोगों को साकेत के प्राइमरी कान्टेक्ट में आये जिन 12 लोगों के सैम्पल कोरोना जांच हेतु लिए गए है उनकी रिपोर्ट के नतीजे का इंतजार है।

प्राइमरी कॉन्टेक्ट में आये 15 व्यक्ति

सांकेतिक फोटो।
दिल्ली से लौटे युवक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा तुरंत इसकी सूचना जिला प्रशासन एवं अमानगंज/गुनौर की स्वास्थ्य टीमों को दी गयी। पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, सीएमएचओ डॉ. एल. के. तिवारी एवं अनुभाग स्तरीय अनुविभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के दल ने पहुंचकर आगामी कार्यवाही करते हुए संक्रमित मरीज के प्रथम एवं द्वितीय सम्पर्क तथा ट्रेवल हिस्ट्री प्राप्त कर सेम्पलिंग की गयी। कोरोना मरीज साकेत के प्राइमरी कान्टेक्ट के रूप में 15 व्यक्तियों का चिन्हांकन किया गया। सेकेण्डरी कान्टेक्ट के रूप में 5 व्यक्तियों की पहचान की गयी। इनमें 12 लोगों के सेम्पल प्राप्त कर जांच हेतु प्रयोगशाला भेजे गए। रोगी के ग्राम को क्वारेंटाइन क्षेत्र घोषित कर सभी को घरों में रहने की हिदायत दी गयी। गांव के शत प्रतिशत लोगों की आरआरटी टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गई। अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि इस केस प्राइमरी कान्टेक्ट के रूप में जिन 12 लोगों के सैम्पल जांच हेतु भजे गए उनमें मरीज के परिजनों के सैम्पल भी शामिल हैं।

बाहर से लौटने वालों को लेकर बढ़ी चिंता

सांकेतिक फोटो।
जिले में लगातार प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य प्रवासी व्यक्तियों के आने का सिलसिला पिछले एक माह से लगातार जारी है। इनमें बड़ी तादाद में लोग पैदल या फिर किसी तरह लिफ्ट ले-लेकर अथवा कई गुना अधिक किराया देकर अपने घर लौटे हैं। कुछ लोग जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे यातायात साधनों से जिले में आ रहे हैं। अब तक करीब 32 हजार प्रवासी व्यक्ति वापस आये हैं। जिले में अब तक सामने आये कोरोना संक्रमण के दोनों ही मामलों में संक्रमित व्यक्ति प्रवासी हैं। इसलिए जिले के लोगों में वापस लौट रहे प्रवासियों को लेकर कोरोना संक्रमण के प्रसार का खतरा बढ़ने की आशंका के चलते गहरी चिंता देखी जा रही है। दरअसल जिले में बड़ी तादाद में प्रवासी श्रमिक एवं प्रवासी व्यक्ति देश के उन स्थानों से लौटे हैं जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सैंकड़ों की तादाद में सामने आए हैं। इसलिए जिले के लोगों का चिंतित होना स्वाभाविक है।
सांकेतिक फोटो।
राहत की बात यह है कि जिले में आने वाले प्रवासी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग एवं परीक्षण का कार्य निरंतर किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में आने वाले लोगों की तीन जगह और विकासखण्ड मुख्यालयों में पहुंचने वालों की दो जगह स्क्रीनिंग की जा रही है। स्क्रीनिंग करने के उपरांत उन्हें उनके घर पर होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि गांव में समय समय पर आरआरटी की टीम इनके स्वास्थ्य की जांच कर आवश्यकतानुसार उपचार सुविधा मुहैया कराई जा रही है। होम क्वारेंटाइन किए गए प्रत्येक व्यक्ति पर ग्राम अभ्युदय दल के सदस्य, आंगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता निगरानी रखने के साथ उनकी कठिनाईयों का निराकरण भी कर रहे हैं।