कोरोना का कहर : प्रतिदिन रिकार्ड संख्या में मिल रहे पॉजिटिव मरीज, तेजी से बढ़ती संदिग्ध मौतों से दहशत में आए लोग

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सांकेतिक फोटो।

डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के संक्रमित होने से चरमराईं स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना की जांच के लिए भटक रहे लोग, चार-पांच दिन बाद मिल रही रिपोर्ट

जांच और रिपोर्ट में देरी के कारण तेजी से फ़ैल रहा है कोरोना वायरस संक्रमण

*  अब तक 1496 मरीजों ने कोरोना से जीती जंग, 722 एक्टिव मरीजों का उपचार जारी

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) कोरोना वायरस का संक्रमण देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश व पन्ना जिले में लगातार विकराल रूप ले रहा है। बेकाबू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर ने अब तक के सभी रिकर्ड तोड़ दिए हैं। जिले में प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमित मरीजों का आंकड़ा शुक्रवार 16 अप्रैल को सर्वाधिक रिकार्ड 195 तक पहुँच गया। आज तक की स्थिति में एक हजार से अधिक संदिग्ध मरीजों के कोरोना सैम्पल की जांच रिपोर्ट आना अभी शेष है। जाहिर आने वाले कुछ घण्टों या दिनों संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है। शुक्रवार देर शाम जारी नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) मीडिया बुलेटिन के अनुसार 195 नए पॉजिटिव केस मिलने के बाद पन्ना जिले में संक्रमित मरीजों की अब तक कुल संख्या बढ़कर 2227 हो चुकी है। जिनमें 1496 मरीज़ों के स्वस्थ होने के बाद कोविड के एक्टिव केस 722 बताए जा रहे हैं।
सर्वाधिक एक्टिव मरीज पन्ना शहरी क्षेत्र में 517 हैं जबकि जिले के आंचलिक इलाकों के सिर्फ 205 मरीज हैं। सभी एक्टिव मरीजों को विभिन्न कोविड संस्थानों में भर्ती कर एवं होम आइसोलेशन में चिकित्सकों की देखरेख में आवश्यक उपचार प्रदान किया जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि 636 लोग होम आइसोलेट हैं। शेष 66 मरीज डसीएचसी, मेडिकल कॉलिज सागर में 07 एवं 13 मरीज दूसरे अस्पतालों में भर्ती हैं।

सप्ताह भर में मिले 750 से अधिक नए मरीज

पन्ना जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति को बयां करता स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी दिनांक 16 अप्रैल के मीडिया बुलेटिन का स्क्रीनशॉट।
सिर्फ पिछले चार दिनों में ही कोरोना संक्रमण के क्रमश : 98, 143, 164, 195 केस निकले हैं। जबकि पन्ना जिले में अप्रैल महीने के दूसरे सप्ताह में 9 अप्रैल से 14 अप्रैल तक लगाए प्रथम लॉकडाउन एवं 15 अप्रैल से 22 अप्रैल तक के लिए लगाए गए दूसरे लॉकडाउन के दौरान 16 तक की स्थिति में ही कोरोना संक्रमण के 786 नए मामले सामने आए हैं। इन आंकड़ों के विश्लेषण से बेकाबू होते कोविड-19 संक्रमण की भयावह का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। कोविड के नए मरीजों की चिंताजनक तेजी से बढ़ती तादाद के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते दबाव तथा विभागीय अधिकारियों, कई डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ, उनके परिजनों एवं सीएमएचओ कार्यालय के 4-5 लिपिकों के संक्रमित होने की वजह से पन्ना जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा चुकीं हैं।
विगत दिवस कोरोना संक्रमित सिंहपुर निवासी एक व्यक्ति की मौत होने के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए उसके शव को ले जाते हुए नगर पालिका का शव वाहन।
इस चुनौतीपूर्ण समय में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत काफी बद्तर है। वहीं पूर्व से चिकित्सकों के बड़ी संख्या में पद रिक्त होना एवं सीमित संसाधन भी इस स्थिति के लिए काफी हद तक जिम्मेवार है। जिले में लगातार तेजी से बढ़ती संक्रमितों की तादाद के बीच कतिपय लोगों की इस महामारी के कारण मौत होने एवं कुछ व्यक्तियों की असमय संदिग्ध मृत्यु होने की खबरें लगातार सोशल मीडिया पर आने के बाद से जनमानस में भय और चिंता व्याप्त है। कोरोना की वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप से मची हा-हाकार की देश-प्रदेश से खबरिया चैनलों में जिस तरह की ख़बरें आ रहीं है उससे भी लोग काफी दहशत में है।

कोरोना की टेस्टिंग के लिए परेशान हो रहे लोग

कोविड केयर सेंटर के बाहर भटकते हुए कोरोना की जांच कराने के लिए परेशान लोग एवं मौके पर व्यवस्था बनाता हुआ पुलिसकर्मी।
कोरोना की जांच कराने के लिए कई दिनों से बड़ी तादाद में लोग भटक रहे हैं। स्वास्थ्य संस्थाओं के बाहर जांच कराने वालों की लंबी लाइनें लग रहीं हैं। जिले में प्रतिदिन सिर्फ 400 लोगों की जाँच हेतु सैम्पल लिए जाने के कारण यह स्थिति निर्मित है। रैपिड एंटीजिन टेस्ट किट का पिछले कई दिनों से आभाव होने से 70-80 फीसदी से अधिक आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए सैम्पल लेकर जांच हेतु सागर भेजे जा रहे हैं, जिससे जांच रिपोर्ट आने में 5-6 दिन का समय लग रहा है। जानकारों का मानना है कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर टेस्टिंग कम होना और कोरोना जांच हेतु सैम्पल देने वाले संदिग्ध व्यक्ति की रिपोर्ट आने में काफी वक्त लगने से संक्रमण खतरनाक तेजी से फ़ैल रहा है। यदि टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से दुरुस्त नहीं किया गया तो हालात को काबू करना काफी मुश्किल हो सकता है।

सीटी स्कैन मशीन के लिए उठी मांग

पन्ना में सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने गत दिवस क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी की बैठक कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपायों एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
लगातार बिगड़ते हालत के बीच फेंफड़ों में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आवश्यक सीटी स्कैन मशीन जिले में न होने से बीमार व्यक्तियों की जांच कराने के लिए उनके परिजन सतना-रीवा-छतरपुर-जबलपुर जाने को मजबूर हैं। सीटी स्कैन कराने के लिए बाहर जानें वाले कुछ लोगों ने बताया कि सतना में जहाँ भी इसकी सुविधा उपलब्ध है वहाँ प्रतिदिन 500-700 नम्बर लग रहे हैं। इस कारण जांच कराने के लिए कई घण्टे तक लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस जद्दोजहद में लोग काफी परेशान हो रहे हैं साथ ही उन पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। पन्ना जिला चिकित्सालय में सीटी स्कैन मशीन की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर प्रमुखता से की जा रही है।
गत दिवस क्षेत्रीय सांसद विष्णु दत्त शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। काफी देर से ही मगर अब जाकर जनप्रतिनिधियों ने सीटी स्कैन मशीन की स्थापना को लेकर गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में भी इस बात को लाया गया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारीयों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि कोविड संक्रमण की जांच के लिए जरुर सीटी स्कैन मशीन की सुविधा पन्ना जिले के मरीजों को शीघ्र ही उपलब्ध होगी।

15 दिन के लिए 3 डॉक्टरों को पन्ना भेजा

कई वर्षों से चिकित्सकों की भारी कमी से जूझ पन्ना जिले में करीब आधा दर्जन से अधिक चिकित्सकों, उनके परिजनों के पिछले कुछ दिनों में संक्रमित होने से स्वास्थ्य सेवाएं संकटकाल में बुरी लड़खड़ा चुकीं हैं। लगातार बढ़ते संक्रमण के मामलों के मद्देनजर पन्ना जिले के हालात को संभालने के लिए संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल ने 16 अप्रैल को एक आदेश जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से सागर जिले के 3 चिकित्सा अधिकारियों को आगामी 15 दिनों के लिए पन्ना जिला चिकित्सालय में पदस्थ किया है। सागर से पन्ना भेजे गए चिकित्सकों में डॉ. विरेन्द्र सिंह ठाकुर, डॉ. संतोष कुमार पटेल एवं डॉ. सुधीर कुमार साहू शामिल हैं।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल के द्वारा पन्ना जिला चिकित्सालय में सिर्फ 15 दिनों के लिए पदस्थ किए गए डॉक्टरों के आदेश का स्क्रीनशॉट।
बताते चलें कि पूर्व में पन्ना जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. पाण्डेय, जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. व्ही.एस. उपाध्याय दोनों का एक ही समय पर कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी, कुछ अन्य चिकित्सक एवं उनके परिजनों के कोविड संक्रमित होने के बाद से स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर प्रभावित हैं कि हालात संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। बहरहाल गंभीर संकट के समय चंद दिनों के ही लिए ही सही पर तीन डॉक्टरों के आने से पन्ना जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं में कुछ हद सुधार तो आएगा।