मिट्टी की सेहत को सुधारने प्राकृतिक खेती अपनाएं किसान : डाॅ. शर्मा

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कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना में वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित हुई।

*       कृषि विज्ञान केन्द्र में वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक सम्पन्न

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना में शनिवार 31 दिसंबर 2022 को वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक का आयोजन डाॅ. दिनकर प्रसाद शर्मा, संचालक विस्तार सेवाऐं, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर की अध्यक्षता में किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. एचएस राय द्वारा संचालक विस्तार सेवाऐं का स्वागत किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना के प्रभारी डाॅ. पीएन त्रिपाठी द्वारा खरीफ 2022 की प्रगति प्रतिवेदन एवं रबी वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना का पावर पाॅइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया गया।

जैव उर्वरक का करें उपयोग

डाॅ. दिनकर प्रसाद शर्मा, संचालक विस्तार सेवाऐं ने जिले में पशुपालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन एवं मछली पालन को बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही मृदा स्वास्थ्य सुधारने हेतु कृषकों को प्राकृतिक खेती को अपनाने की सलाह दी गई । उन्होंने कहा कि मृदा में कार्बनिक कार्बन एवं सूक्ष्मजीवों की संख्या कम होती जा रही है। अतः प्राकृतिक खेती अंतर्गत घनजीवामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, फसल अवशेष अच्छादन एवं फसल विविधता अपनाकर मृदा में कार्बनिक कार्बन एवं सूक्ष्मजीवों की संख्या को बढ़ाकर मृदा स्वास्थ्य सुधारने पर विशेष बल दिया। डॉ. शर्मा ने रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करते हुए जैव उर्वरक को बढ़ावा देने की सलाह दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने कृषकों को मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, कोदो, कुटकी एवं रागी फसलों की खेती करने का भी सुझाव दिया।

कृषक सखी को दिया जाए 4 हजार रुपए मानदेय

रिलायंस फाउण्डेशन पन्ना से संतोष सिंह ने मृदा परीक्षण कराने सलाह दिया। मध्यप्रदेश राज्य डे आजीविका मिशन से सुशील शर्मा ने जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु महिला कृषकों को कृषक सखी के रूप में चयनित महिलाओं को राशि रूपये 4000/- मात्र प्रति माह की दर से मानदेय देने की बात कही। साथ ही उन्होंने पन्ना जिले के कल्दा पठार क्षेत्र में महिलाओं को मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनाने हेतु केन्द्र के वैज्ञानिकों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। कृषि अभियांत्रिकी से नवीन ने हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर यंत्र का इस्तेमाल कर फसल अवशेष न जलाते हुए खाद के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह दी। पीएसआई से निरंजन द्वारा प्राकृतिक खेती एवं मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया। विस्तार संस्था से कपूर सिंह ने जिले में अलसी एवं ज्वार की खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।

प्रदर्शन ईकाईयों का भ्रमण

कार्यक्रम में उपस्थित प्रगतिशील कृषक सुमित चैरसिया, निरंजन मण्डल, विजय विदुवा, श्रीमती पुष्पा विश्वकर्मा एवं बलवान सिंह द्वारा जिले में प्राकृतिक खेती, समन्वित फसल प्रणाली अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. आरपी सिंह द्वारा एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. आरके जायसवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में केन्द्र के समस्त अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यकम के अंत में मुख्य अतिथि एवं समस्त सदस्यों द्वारा केन्द्र के विभिन्न प्रदर्शन ईकाईयों का भ्रमण किया गया।