पन्ना जिले के एकमात्र कोरोना पॉजिटिव मरीज़ की पहली रिपोर्ट निगेटिव दूसरी आई पॉजिटिव, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 24 घण्टे बाद दी गई आधिकारिक तौर पर जानकारी

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सांकेतिक फोटो।

* दूसरी जांच रिपोर्ट को लेकर चुप्पी साधे रहे जिम्मेदार

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले के एकमात्र कोरोना संक्रमित मरीज की पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आश्चर्यजनक रूप से दूसरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिला चिकित्सालय के कोविड केयर सेन्टर वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित प्रवासी युवा श्रमिक की पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से उत्साहित और हर्षित पन्ना के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कल जब दूसरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने का पता चला तो विभाग में सनाका खिंच गया। सीएमएचओ से लेकर अधीनस्थ अधिकारी बुधवार 13 मई को दूसरी जांच रिपोर्ट के नतीजे के सम्बंध में पूरी तरह चुप्पी साधे रहे। इसकी जानकारी मीडियाकर्मियों को पहली रिपोर्ट की तर्ज पर प्रेस ब्रीफिंग सोशल मीडिया पर जारी करके नहीं दी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी से गुरुवार 14 मई की सुबह जब कोरोना संक्रमित मरीज की दूसरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी आधिकारिक तौर पर मीडिया कर्मियों को न देने की वजह पूंछी गई तो उन्होंने बताया कि इसका पता उन्हें बुधवार 13 मई की शाम को चला था।
डॉ. एल. के. तिवारी, सीएमएचओ पन्ना।
गौरतलब है कि अपनी हाज़िर जबाबी और सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की कागजों पर शानदार रिपोर्टिंग के लिए चर्चित पन्ना सीएमएचओ भले ही कोरोना संक्रमित मरीज की दूसरी रिपोर्ट की जानकारी बुधवार शाम को पता चलने की बात कह रहे हैं मगर बुधवार को दोपहर 2 बजे तक पन्ना में सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो चुकी थी। हद तो तब हो गई जब इसकी जानकारी अगले दिन गुरुवार 14 मई की शाम को 6:15 बजे जनसम्पर्क द्वारा जारी किये जाने वाले समाचारों के साथ 24 घण्टे की देरी से दी गई। मजेदार बात यह है कि बुधवार को दिन भर यह ख़बर सोशल मीडिया पर वायरल होती रही और गुरुवार की सुबह अधिकांश समाचार पत्रों द्वारा इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित भी कर दिया गया तब जाकर दूसरी रिपोर्ट की खबर को शाम को जारी कराया गया।
सांकेतिक फोटो।
वैश्विक महामारी घोषित नोबल कोरोना वायरस संक्रमण के समय जब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि लोगों तक समय पर प्रामाणिक और तथ्यपरक ख़बरें पहुंचें तब क्या सकारी मीडिया प्रबंधन की हालत इतनी बद्तर होनी चाहिए ? कोरोना संक्रमित मरीज की दूसरी रिपोर्ट को 24 घण्टे तक जानबूझकर क्यों दबाया गया। यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि मुम्बई से 10 सदस्यों के ग्रुप में पन्ना लौटे अजयगढ़ तहसील क्षेत्र के निवासी एक युवा श्रमिक के कोरोना सैम्पल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की खबर 2 मई को दोपहर से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी, शाम होते-होते डिजिटल मीडिया पर बाकायदा इसकी ख़बरें आ गईं कि पन्ना जिले में कोरोना संक्रमण का पहला केस सामने आया है।
लेकिन इतना सब होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग और जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी कई घंटे तक खामोश रहे। इसे लेकर मीडियाकर्मियों में गहरी नाराजगी को देखते हुए 2 मई की देर रात्रि में सवा गयारह बजे के बाद पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने की पुष्टि सोशल मीडिया पर की गई। दिनाँक 4 मई की शाम 7 बजे के बाद सोशल मीडिया पर कोरोना हेल्थ ब्रीफिंग जारी कर सीएमएचओ द्वारा बताया गया कि इस मरीज के प्राइमरी कॉन्टेक्ट में आये लोगों को चिन्हित कर उनके सैम्पल जांच हेतु भेजे गए थे जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। अर्थात इस केस के संक्रमण की चेन टूट गई है, अब किसी को घबराने की जरुरत नहीं है।
सांकेतिक फोटो।
इसके पश्चात 10 मई को तीसरी बार पन्ना सीएमएचओ के द्वारा रात्रि में 8 बजे के बाद सोशल मीडिया (व्हाट्सएप्प ग्रुपों) पर जारी कोरोना ब्रीफिंग में बताया गया कि जिला चिकित्सालय के कोविड वार्ड में भर्ती जिले के एकमात्र कोरोना संक्रमित मरीज की 8 दिन पश्चात पुनः एक मेडिकल जांच कराई गई, यह हर्ष का विषय है कि उसकी प्रथम रिपोर्ट निगेटिव आई है। यहां पर यह सब बताने का आशय सिर्फ इतना है कि कोरोना संक्रमित मरीज की बुधवार 13 मई की शाम जब दूसरी मेडिकल जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी सीएमएचओ को मिल गई थी तो इसकी जानकारी भी पूर्व की तरह सोशल मीडिया (व्हाट्सएप्प ग्रुपों) पर कोरोना ब्रीफिंग जारी कर क्यों नहीं दी गई। इसे 24 घंटे से अधिक समय तक दबाया क्यों गया। इस वजह से बुधवार दोपहर से लेकर गुरुवार दोपहर तक कोरोना संक्रमित मरीज और उसके परिजन एवं परिचित भी सच्चाई जानने के लिए काफी परेशान रहे। बुधवार को आम लोग भी सोशल मीडिया पर मरीज की दूसरी रिपोर्ट को लेकर आई सूचनाओं से चिंतित और इनकी सच्चाई पता करने के लिए बैचेन रहे। दरअसल, आधिकारिक पुष्टि आभाव में जनसामान्य को भी इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा था कि जिस कोरोना मरीज को शुरू से पूर्णतः स्वस्थ्य बताया जा रहा है उसकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दूसरी पॉजिटिव कैसे आई ?
वहीं दूसरी तरफ उक्त मरीज को लेकर सोशल मीडिया पर इस दौरान कई तरह की चर्चाएं होती रहीं। लोग जांच में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया से लेकर जांच किट तक पर सवाल उठाते रहे। बहरहाल भीषण आपदा के समय भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और जिले के प्रशासनिक अधिकारी मीडिया को समय पर आवश्यक जानकारी देने में जिस तरह लगातार जानबूझकर लेटलतीफी कर रहे हैं और मीडिया से अघोषित दूरी बनाये हुए हैं उसका दुष्परिणाम अफवाहें और भ्रामक जानकारी फैलने के रूप में सामने आ रहा है। साथ ही कई आपत्तिजनक बातें भी सामने आ रहीं हैं जिसकी कथित जिम्मेदार अधिकारी घोर अनदेखी कर रहे हैं।

कोविड सेंटर में भर्ती मरीज स्वस्थ

सांकेतिक फोटो।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी के हवाले से जनसम्पर्क विभाग द्वारा गुरुवार 14 मई की शाम जारी खबर में बताया गया कि कोविड हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती कोरोना पाॅजिटिव मरीज की प्रथम रिपोर्ट निगेटिव आने के उपरांत पुनः रिपोर्ट को कंफर्म करने के लिए नमूना बायोलाॅजी लैब भेजा गया। वहां से प्राप्त द्वितीय रिपीट सेम्पल रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के कारण मरीज को कोविड हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती रखा गया है। वह पूर्णतः स्वस्थ है। जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव होने के कारण एहतियात के तौर पर कुछ दिनों तक कोविड हेल्थ केयर सेंटर में रखा जाएगा। कोविड हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती कोरोना पाॅजिटिव मरीज का पुनः कुछ दिनों के अंतराल में जांच हेतु नमूना बायोलाॅजी लैब भेजा जाएगा। जब मरीज पूरी तरह से निगेटिव पाया जाएगा उसके उपरांत उसे सेंटर से छुट्टी दी जाएगी।