बेनीसागर तालाब के दूषित-संक्रमित पानी की सप्लाई के फैसले पर भड़के पूर्व विधायक श्रीकांत

0
660
श्रीकांत दुबे, पूर्व विधायक पन्ना एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता।

*    बोले- पन्नावासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने से पहले अफसर व जनप्रतिनिधि एक माह तक पिएं बेनीसागर का पानी

*    पन्ना नगर में व्याप्त भीषण जल संकट को जिम्मेदारों की अक्षम्य लापरवाही का नतीजा बताया

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय में इन दिनों भीषण जल संकट की स्थिति निर्मित है। नगर में जिन तालाबों से पानी की सप्लाई होती है, वे सभी गत वर्ष हुई अल्प वर्षा के चलते कम जल भराव के कारण लगभग सूख चुके हैं। पानी को लेकर पन्ना में अब हाहाकर मचा है। बेहद तेजी से लगातार बिगड़ते हालात के मद्देनजर किसी तरह स्थिति को संभालने और पेयजल आपूर्ती की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से गुरूवार 16 जून को पन्ना कलेक्टर एवं नगर पालिका परिषद प्रशासक पन्ना के संजय कुमार मिश्र के द्वारा स्थानीय बेनीसागर तालाब का निरीक्षण कर इसके पानी की सप्लाई का ऐलान किया गया। बेनीसागर तालाब के अत्याधिक दूषित-संक्रमित पानी की नगर में सप्लाई शुरू करने के फैसले की खबर आते ही सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे। कलेक्टर के विवादित फैसले के खिलाफ कल शाम उठ रहे विरोध के स्वरों के बीच आज पन्ना के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीकांत दुबे की भी इस विवाद पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया आई है।
उन्होंने जिला प्रशासन व मौजूदा पन्ना के जनप्रतिनिधयों को असंवेदनशील-अदूरदर्शी और घोर लापरवाह करार देते हुए पर जमकर शाब्दिक हमला बोला है। प्रेस में जारी अपने बयान में पूर्व विधायक ने कलेक्टर के विवादित फैसले को लेकर कटाक्ष भरे अंदाज में सुझाव दिया है, पन्नावासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के बजाए पहले जिला मुख्यालय में रहने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि एक माह तक लगातार बेनीसागर का पानी पिएं ताकि इसके सुरक्षित होने को लेकर जनमानस में विश्वास पैदा हो सके। जबकि वर्तमान अफसर व जनप्रतिनिधि निजी जल विक्रेताओं के जिस पानी को कैम्पर में खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं, उसे टैंकरों में भरवाकर पब्लिक को उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा सरकारी बैठकों में मिनरल वॉटर की बोतलें प्रतिबंधित कर बेनीसागर तालाब का पानी परोसा जाए।

लापरवाही ने बढ़ाया जल संकट

पूर्व विधायक दुबे का आरोप है कि, जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की अक्षम्य लापरवाही के कारण आज पन्ना के नागरिकों को बूंद-बूंद पानी को मोहताज़ होना पड़ रहा है। विगत वर्षों में भी अल्प वर्षा के कारण गर्मी के मौसम पेयजल की थोड़ी-बहुत समस्या उत्पन्न होती रही है लेकिन इतने अधिक खराब हालात पहले कभी नहीं रहे जितने कि वर्तमान में हैं। पूर्व विधायक श्रीकांत दुबे ने कहा कि पिछले साल माह अक्टूबर-नवंबर में ही यह स्पष्ट हो गया था कि जिले में अल्पवर्षा की स्थिति है क्योंकि इसके बाद बारिश होने की संभावना नहीं रहती। सब जानते हुए भी गर्मी के मौसम में होने वाले जल संकट से निपटने के लिए पन्ना जिला प्रशासन, नगर परिषद पन्ना और पन्ना के मौजूदा जनप्रतिनिधियों के द्वारा तत्परता से प्रभावी कार्ययोजना बनाकर कर उस पर काम शुरू करना तो दूर कार्ययोजना तक तैयार नहीं की गई।

पानी की बर्बादी को रोकने नहीं उठाए कदम

दुबे का कहना है, अल्प वर्षा को ध्यान में रखकर समय रहते माह अक्टूबर-नवंबर से ही पन्ना नगर में पानी की नियमित सप्लाई को नियंत्रित नहीं किया गया। जबकि मैनें एक बैठक के दौरान स्वयं पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र को फरवरी माह में आगाह किया था कि तत्काल प्रभाव से नगर की नियमित पेयजल सप्लाई में कटौती की जाए और जगह-जगह क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों की मरम्मत कराकर पानी की बर्बादी को रोका जाए। ताकि मानसून देर से सक्रिय होने की स्थिति में भी पानी को लेकर हाहाकार जैसी स्थिति निर्मित न हो। लेकिन इस ओर जरुरी ध्यान नहीं दिया गया जिसका नतीजा आज हम सबके सामने है। नगरवासी आज बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं और पानी की व्यवस्था के लिए रात्रि जागरण करके दर-दर भटकने को मजबूर हैं। हर गुजरते दिन के साथ पेयजल संकट लगातार विकराल रूप ले रहा है।

नजदीकी बांधों से नहीं बनाई व्यवस्था

कांग्रेस नेता श्रीकांत दुबे का कहना है कि, पन्ना नगर के नजदीक स्थित सिंचाई जलाशयों जैसे कटरा बांध, बिलखुरा बांध आदि से गर्मी के मौसम में नगर में पेयजल सप्लाई बनाए रखने के लिए भी समय रहते जरुरी कदम नहीं उठाए गए। कुर्सी पर बने रहने के लिए सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों की परिक्रमा और चाटुकारिता में मशगूल रहने वाले अफसरों के द्वारा गर्मी के मौसम में आमजन की पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कोई पहल नहीं की गई। इस कारण आज पन्ना नगर के साथ-साथ आंचलिक क्षेत्रों बृजपुर-पहाड़ीखेरा के कई ग्रामों और अजयगढ़-धरमपुर क्षेत्र के अनेक ग्रामों में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है और हालात काफी गंभीर हो चुके हैं।

बेनीसागर तालाब का पानी है संक्रमित

पन्ना में व्याप्त भीषण जल संकट के समाधन हेतु स्थानीय बेनीसागर तालाब का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर संजय कुमार मिश्र।
बेनीसागर तालाब के पानी की नगर में सप्लाई करने के फैसले पर पूर्व विधायक श्रीकांत दुबे ने बेहद तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा कि, मुझे लगता है कि जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद का यह निर्णय इनके मानसिक दिवालियापन को प्रदर्शित करता है ? सबको पता है कि बेनीसागर तालाब का पानी अत्याधिक दूषित और संक्रमित है ! क्योंकि इस तालाब के अंदर से निकली पाइप लाइननुमा नाली से होकर ही पन्ना जिला चिकित्सालय के दूषित पानी की निकासी होती। पाइप लाइन लीकेज़ होने के कारण जिला चिकत्सालय का गंदा पानी लगातार तालाब में पहुँच रहा है। बेनीसागर तालाब में ही जिला चिकित्सालय के मरीजों के संक्रमित एवम गंदे चादरों की धुलाई होती है । इन तथ्यों की जानकारी होने के बाद भी बेनीसागर तालाब के दूषित पानी की सप्लाई शहर में करने का निर्णय लेना नगरवासियों की सेहत और जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है ? इस हैरानी भरे निर्णय को लेकर सवाल उठने पर जिला प्रशासन की ओर से अब यह आश्वासन दिया जा रहा है कि बेनीसागर तालाब के पानी का पूरी तरह ट्रीटमेंट कराने और पानी की गहन जांच कराने के बाद ही उसकी सप्लाई शहर में की जाएगी। अपनी अदूरदर्शिता और अक्षम्य लापरवाही को छिपाने के लिए जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद अब नगरवासियों को बेनीसागर तालाब का पानी पिलाने को लेकर आमादा है।

पानी बेंचने वालों के जल स्रोतों का करें अधिग्रहण

पूर्व विधायक श्रीकांत दुबे का सुझाव है नगरवासियों को शुद्ध और सुरक्षित पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने एक माह के लिए जनहित में समस्त निजी जल विक्रेताओं के जल स्रोतों का तत्काल प्रभाव से अधिग्रहण किया जाए और नगर में जितने भी निजी बोरबेल या कुएं हैं उनका भी आवश्यकतानुसार अधिग्रहण करते हुए नगरवासियों को इन जल स्रोतों के पानी से भरे टैंकरों से निः शुल्क सप्लाई की जाए। मेरा मानना है इस अवधि में संभवत मानसून के सक्रिय हो जाने से नगरवासियों के लिए बेनीसागर तालाब के पानी की सप्लाई की आवश्यकता शायद नहीं पड़ेगी।