पशुपालक समेत बकरियां 36 घण्टे से लापता, आक्रोशित ग्रामीणों ने पन्ना-पहाड़ीखेरा मार्ग पर किया चक्का जाम

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लापता बकरी पालक की तलाश को लेकर पन्ना-पहाड़ीखेरा मार्ग पर किये गए चक्का जाम प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भागीदारी की।

*   पशु तस्करों की घटना में संलिप्तता को लेकर संदेह से घिरे ग्रामीणों में जबर्दस्त आक्रोश

*   लापता वृद्ध की तलाश में एसपी समेत पुलिस टीमें और परिजन छान रहे जंगल की ख़ाक

*   कतिपय संदेहियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, लापता 19 बकरियां स्वतः वापस लौटीं लेकिन वृद्ध बेसुराग

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय के आसपास पशु चोरी की लगातार बढ़ती घटनाओं से परेशान पशु पालकों में व्याप्त रोष आज फूट पड़ा। पुरुषोत्तमपुर ग्राम से वृद्ध बकरी पालक समेत 27 बकरियों के रहस्मय तरीके से लापता होने की घटना को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों-महिलाओं ने सड़क पर उतरकर पुलिस के खिलाफ जबर्दस्त तरीके से हल्ला बोलते हुए पन्ना के नजदीक पुरुषोत्तमपुर पेट्रोल पम्प के सामने पन्ना-पहाड़ीखेरा मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। लापता पशु पालक बाटू प्रजापति 60 वर्ष की सुरक्षा को लेकर अनहोनी की आशंका से घिरे पीड़ित परिवारजनों ने पुलिस के रवैये को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
सुबह लगभग 10 बजे से शुरू हुआ चक्काजाम दोपहर करीब 1 बजे तक चला। इस दौरान वाहनों का आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध रहा। सड़क के दोनों तरफ बड़ी संख्या में वाहन और उनमें सवार लोग फंसे रहे। पुलिस अधिकारियों एवं पन्ना तहसीलदार के द्वारा वृद्ध की खोजबीन के लिए सघन सर्चिंग अभियान चालाने का आश्वासन देने के बाद दोपहर करीब 1 बजे बमुश्किल प्रदर्शनकारी ग्रामीणों-महिलाओं ने चक्का जाम समाप्त किया। तब कहीं जाकर वाहनों का आवगमन बहाल हो सका।
लापता बकरी पालक वृद्ध बाटू प्रजापति।
जिला मुख्यालय पन्ना से सटे ग्राम पुरुषोत्तम निवासी बाटू प्रजापति 60 वर्ष शनिवार 23 अक्टूबर की सुबह लगभग 9 बजे रोज की तरह अपनी 27 नग बकरियां लेकर उन्हें चराने के लिए घर के पीछे स्थित शहीदन के जंगल के लिए निकला था। राघवेन्द्र उर्फ़ बब्लू प्रजापति ने बताया कि आमतौर पर उसके पिता दोपहर 12 बजे के आसपास वापस घर लौट आते थे। लेकिन कल बाटू जब दोपहर 1 बजे के बाद भी वापस नहीं लौटे तो उनके बेटों के द्वारा वृद्ध पिता की तलाश शुरू की गई।
दिनभर खोजबीन करने के बाद भी वृद्ध और बकरियों का जब कोई सुराग नहीं लगा तो उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित और परेशान परिजनों ने शाम लगभग 7 बजे कोतवाली थाना पन्ना पुलिस को सूचना दी। परिजनों के द्वारा बाटू की गुमशुदगी को लेकर क्षेत्र में सक्रिय पशु चोरों/तस्करों पर संदेह जताया गया। मामले को गंभीरता से लेकर रात्रि में ही पुलिस एवं पीड़ित परिजनों के द्वारा संयुक्त रूप से तलाश की गई। हालांकि कई घण्टे तक जंगल की ख़ाक छानने के बाद भी कुछ पता नहीं चल सका।
वृद्ध की तलाश में जंगल की ख़ाक चांटे हुए पुलिस जवान।
इधर गुजरते समय के साथ वृद्ध को लेकर कई तरह की अनहोनी की आशंकाओं से घिरे चिंतित-परेशान परिजनों व महिलाओं ने रविवार 24 अक्टूबर की सुबह करीब 10 बजे अचानक पुरुषोत्तमपुर पेट्रोल पम्प के सामने पन्ना-पहाड़ीखेरा मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। पुलिस के खिलाफ उग्र नारेबाजी कर रहे ग्रामीणों-महिलाओं के द्वारा लापता वृद्ध के संबंध में गांव के ही कुछ ख़ानाबदोश परिवारों पर संदेह जताते हुए उन्हें हिरासत में लकेर सख्ती से पूंछतांछ करने की मांग की गई।
चक्का जाम के चलते निर्मित बेहद तनाव पूर्ण स्थिति के मद्देनजर पुलिस के द्वारा प्रदर्शनकारी ग्रामीणों-महिलाओं की मांग के अनुसार पड़ताल करने के लिए चक्का जाम को समाप्त करने की समझाइश दी गई। ताकि चक्का जाम के चलते कानून व्यवस्था के मद्देनजर तैनात किये गए पुलिस कर्मी भी सर्चिंग अभियान में सहयोग कर सकें। पुलिस अधिकारियों एवं पन्ना तहसीलदार सुधीर कुशवाहा की समझाइश के बाद बमुश्किल दोपहर 1 बजे चक्काजाम समाप्त हुआ।
पन्ना से सटे शहीदन के जंगल में वृद्ध की तलाश में जुटे पुलिस अधिकारियों के वाहन।
अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस के द्वारा संदेही परिवार के कतिपय युवकों को पुलिस के द्वारा हिरासत में लेने के बाद दोपहर में लापता 19 नग बकरियां 24 घण्टे बाद स्वतः ही वापस लौट आईं। वहीं जंगल में पुलिस टीमों की सर्चिंग के दौरान शेष 8 बकरियों में एक बकरी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। कथित तौर पर मृत बकरी पत्थरों के नीचे दबी थी और उसका मुंह बंधा हुआ था। लापता वृद्ध की तालाश में आज दोपहर के समय शहीदन के जंगल में पुलिस टीमों और पीड़ित परिजनों के साथ स्वयं पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना जंगलों की ख़ाक छानते रहे। हालांकि समाचार लिखे जाने तक पुलिस के सघन तलाशी अभियान को सफलता नहीं मिल सकी थी। इस संबंध में आधिकारिक तौर पर जानकारी प्राप्त करने के लिए पन्ना पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ।
बकरी पालक के रहस्मय परिस्थितियों में लापता होने से की सूचना मिलने पर उनके घर के बाहर चिंतित मुद्रा में बैठे रिश्तेदार।
उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले में पुलिस से संबंधित प्रकरणों में कार्यवाही को लेकर पीड़ित पक्ष खासकर आमजन को लगातार सड़कों पर उतरकर चक्का जाम या फिर उग्र प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। तीन दिन पूर्व भारतीय जनता युवा मोर्चा धरमपुर मण्डल के मंत्री दुर्गेश सोनकर की आत्महत्या को लेकर पुलिस के रवैये से क्षुब्ध ग्रामीणों ने नरदहा में कालिंजर-चित्रकूट (बघेलाबारी) मार्ग पर चक्का जाम किया था। दुर्गेश को न्याय दिलाने के लिए अगले दिन अजयगढ़ के माधौगंज तिराहा पर पुनः चक्का जाम कर प्रदर्शन किया गया था। इस मामले में पुलिस ने दोनों ही स्थानों पर चक्का जाम को लेकर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में दो प्रकरण पंजीबद्ध किये हैं।