बाघ के अंग गायब होने के मामले में भदौरिया भोपाल अटैच, उत्तम कुमार होंगे पन्ना टाइगर रिजर्व के नए क्षेत्र संचालक

0
988
पन्ना टाइगर रिजर्व का हिनौता स्थित प्रवेश द्वार। (फाइल फोटो)

*  पन्ना में बाघों की संदेहास्पद मौतों और पार्क के कुप्रबंधन को लेकर चर्चाओं में रहे भदौरिया

*  बाघ के अंगों की तस्करी से जुड़े अपराध को छिपाने के आरोप सही पाए जाने पर किया गया तबादला !

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले 9 माह में 5 बाघों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने और एक युवा नर बाघ का सिर समेत अन्य अंगों को तस्करों के द्वारा धारदार हथियार से काटकर ले जाने की घटना को छुपाने के संगीन आरोपों से घिरे क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया को आख़िरकार राज्य सरकार ने पन्ना हटाकर भोपाल में अटैच कर दिया है। रिटायर्मेंट की कगार पर खड़े भदौरिया की नवीन पदस्थापना प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय भोपाल में की गई है। पन्ना टाइगर रिजर्व में क्षेत्र संचालक के रूप में उत्तम कुमार को पदस्थ किया गया है। श्री कुमार वर्ष 1999 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं और वर्तमान में प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय भोपाल में मुख्य वन संरक्षक (विकास) के रूप में पदस्थ हैं।
इस फेरबदल को लेकर पन्ना चर्चा कई दिनों से रही है, लेकिन मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया पर जब 16 आईएफएस के स्थानांतरण की सूची आई तो पन्ना टाइगर रिजर्व सहित जिले के सामान्य वन मण्डल उत्तर-दक्षिण में सनाका खिंच गया। सोमवार 28 सितंबर को वन विभाग के सचिव एच.एस. मोहन्ता के हस्ताक्षर से जारी इस सूची में क्रमांक-6 उत्तम कुमार की नवीन पदस्थापना पन्ना टाइगर रिजर्व में और क्रमांक-8 में के.एस. भदौरिया को क्षेत्र संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व के पद से हटाकर भोपाल स्थित मुख्यालय में पदस्थ किये जाने का उल्लेख है।

बाघों की मौत की जिम्मेदारी लेने से बचते रहे

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया।
कुछ दिन पूर्व अकोला गेट पर आयोजित हुई प्रेसवार्ता में पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों और हाथियों के कुनबे में वृद्धि के आंकड़े जारी कर क्षेत्र संचालक के.एस.भदौरिया ने इसका श्रेय अपने कुशल प्रबंधन को दिया था लेकिन इसके विपरीत बाघों की संदिग्ध मौत के मामले लगातार सामने आने पर वे इसकी जिम्मेदारी लेने से बचते रहे हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्ष 2009 में बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम लागू होने के बाद भदौरिया पहले ऐसे क्षेत्र संचालक हैं जिनके कार्यकाल में बाघों की संख्या 63 के रिकार्ड आंकड़े तक पहुंची तो वहीं दूसरी तरफ चिंताजनक रूप से बाघों की मौत के सर्वाधिक मामले भी इनके ही समय प्रकाश में आए हैं। पिछले 9 माह के अंदर 5 बाघों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के कई दिन उनके शव अत्यंत ही सड़ी-गली स्थिति और कंकाल के रूप में बरामद हुए है। इसमें बाघ पी-123 की मौत और उसके शव के साथ तस्करों के द्वारा की गई छेड़छाड़ की अत्यंत ही हैरान करने वाली घटना भी शामिल है। माह अगस्त 2020 के शुरूआती दिनों में