वनाधिकार पट्टा वितरण कार्यक्रम में खनिज मंत्री बोले- “पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वनों का होना आवश्यक है”

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समारोहपूर्वक 50 हितग्राहियों को बांटे गए वन भूमि के पट्टे

जिला स्तरीय समिति ने वनाधिकार के 1264 प्रकरणों का किया अनुमोदन

पन्ना।(www.radarnews.in) प्रदेश के साथ जिला स्तर पर वनाधिकार पट्टों का वितरण कार्यक्रम प्रदेश के खनिज साधन एवं श्रम विभाग मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वनों का होना आवश्यक है। वन ग्रामों का विस्थापन न करते हुए उन्हें वहीं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिए।
आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं आमंत्रित अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर मंत्री श्री सिंह ने उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे वनवासी भाई लम्बे समय से जिस भूमि पर खेती करके अपना जीवन यापन कर रहे थे उनके पास उसका कोई मालिकाना हक नहीं था। प्रदेश शासन द्वारा इन गरीब परिवारों के हित में निर्णय लिया कि इन्हें उस भूमि का मालिकाना हक दिया जाए। जिससे उस भूमि पर उनका अधिकार सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि वन ग्रामों में रह रहे लोगों को विस्थापित न करते हुए उनको उन्ही के गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। वनों में रहने वाले लोग वनों को हानि नहीं पहुंचाते। विशेषकर हमारे आदिवासी समाज के लोगों का जीवन वनों पर आधारित है। वनों से मिलने वाली फसलें आंवला, महुआ, चिरौंजी एवं अन्य औषधीय फसलों पर शासन द्वारा उनका अधिपत्य निर्धारित किया गया है। इसलिए इनके द्वारा वनों का संरक्षण किया जाता है।

वन-राजस्व सीमा विवाद का हो निराकरण

इस अवसर पर कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा बताया गया कि वनाधिकार पट्टों के लिए जिले में त्रिस्तरीय समिति गठित की गयी थी। ग्राम स्तर की समिति द्वारा प्रकरणों को तैयार कर विकासखण्ड स्तरीय समिति को भेजा गया। इसके उपरांत विकासखण्ड स्तर पर जांच करने के उपरांत अनुशंसा सहित जिला स्तर पर भेजा गया। जिला स्तरीय समिति द्वारा 1264 वनाधिकार के प्रकरणों का अनुमोदन कर पट्टे तैयार किए गए। जिनका वितरण आज से किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर 50 पट्टों का वितरण कर वनाधिकार पट्टे वितरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रविराज सिंह यादव द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि हमारे आदिवासी भाईयों की लम्बे समय से मांग थी कि उन्हें जिस भूमि पर खेती कर रहे हैं उसका मालिकाना हक मिले। उन्होंने वनाधिकारियों से अपेक्षा करते हुए कहा कि राजस्व और वन भूमि के विवाद का निराकरण किया जाना चाहिए। जिससे क्षेत्र के विकास कार्य न रूकें।
सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम में मीना कुमारी मिश्रा डीएफओ दक्षिण वन मण्डल, गौरव शर्मा डीएफओ उत्तर वन मण्डल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बालागुरू के, अपर कलेक्टर जे.पी. धुर्वे, जयप्रकाश चतुर्वेदी, रामबिहारी चौरसिया, सतानन्द गौतम के साथ जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं हितग्राही उपस्थित रहे।