मंत्री से घटिया सीसी सड़क का लोकार्पण कराया, किरकिरी होने पर अगले ही दिन नवनिर्मित सड़क के ऊपर डामरीकरण करा दिया

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नवनिर्मित सीसी सड़क की गड़बड़ियों को ढंकने के लिए रात के अंधेरे में उसके ऊपर डामरीकरण कराते हुए ठेकेदार।

बनने के साथ ही उखड़ने लगी थी 1 करोड़ की लागत वाली सड़क

पन्ना के बस स्टैण्ड में निर्मित सड़क की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) एमपी अजब है सबसे गज़ब है और ये बात पन्ना जिले में साबित हो रही है, जहाँ मध्य प्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कम्पनी के तकनीकी अधिकारियों व ठेकेदार ने मिलकर एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसके बाद उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान लग गए हैं।मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत पन्ना के बस में लगभग 1 करोड़ की लागत से नव निर्मित सीसी सड़क का लोकार्पण होने के महज़ 24 घण्टे बाद ही आनन्-फानन में उसके ऊपर बीटी यानी डामरीकरण कराना पड़ा।
दरअसल अत्यंत ही घटिया निर्माण कार्य के चलते सीसी सड़क में तेजी से बनते गड्ढों को रोकने और सड़क की उधड़ती हुई परतों के साथ बाहर आते भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए स्मार्ट तरीका अपनाया गया है। सीमेंट-कंक्रीट की सड़क पर रातोंरात डामरीकरण होना शहर में आमजन के बीच चर्चा का विषय बना है। मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य संपन्न कराने की माला जाप के बीच सीसी सड़क के निर्माण में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी उजागर होने से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों के कार्यान्वयन एवं निगरानी से जुड़े तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच आवश्यक हो गई है।
मिनी स्मार्ट सिटी घोषित पन्ना जिला मुख्यालय के बस स्टैण्ड में मध्य प्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत आने वाली मध्य प्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कम्पनी के द्वारा करीब एक करोड़ की लागत से सीसी सड़क निर्माण, हाई मास्क लाइट की स्थापना व यात्री प्रतीक्षालय का रंग-रोगन आदि कार्य कराए गए हैं। महज पखवाड़े भर पूर्व निर्मित बस स्टैण्ड की सीसी सड़क की तेजी से गिट्टी उखड़ने के चलते उसमें कई जगह गड्ढे हो गए।
खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बुधवार 18 नवंबर को पन्ना बस स्टैण्ड की सीसी सड़क का लोकार्पण किया, अगले ही दिन इस घटिया सड़क पर डामरीकरण करना पड़ा।
घटिया निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय लोगों की नाराजगी के बीच बुधवार 18 नवंबर को प्रदेश के खनिज मंत्री एवं पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह से सीसी सड़क का लोकार्पण कराया गया। अगले दिन समाचार पत्रों में प्रकाशित इस कार्यक्रम से जुड़ीं ख़बरों में कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाते हुए आधे-अधूरे निर्माण कार्य का लोकार्पण कराए जाने के प्रशासन के फैसले की तीखी आलोचन की गई। फलस्वरूप गुरूवार 19 नवंबर को सोशल मीडिया पर भी दिनभर इस मुद्दे पर लोग टिप्पणी करते रहे। घटिया निर्माण कार्य को लेकर चौतरफा किरकिरी होने के चलते निर्माण एजेन्सी व ठेकेदार ने शाम को आनन-फानन में नवनिर्मित सीसी सड़क पर डामरीकरण कराने का काम शुरू करा दिया। लोकार्पण के अगले ही दिन सीसी सड़क के ऊपर डामरीकरण कराए जाने का मामले ने स्मार्ट सिटी के कार्यों में जारी मनमानी और गड़बड़ी की तरफ हर किसी ध्यान खींचा है।
पन्ना के बस स्टैण्ड परिसर में होटल चलाने वाले संजय समारी ने बताया कि सीसी सड़क के निर्माण कार्य में धांधली होने के कारण सड़क बनने के साथ ही उखड़ने लगी थी। लोकार्पण के पूर्व ही जगह-जगह गिट्टी उखड़ने से सड़क में गड्ढे हो गए थे। नवनिर्मित सड़क के घटिया कार्य के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान सड़क की बदहाली का मामला जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के संज्ञान में लाया गया लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। स्थानीय मीडिया में मामले के तूल पकड़ने के बाद सीसी सड़क की गड़बड़ी को छिपाने के लिए उसके ऊपर रातोंरात डामरीकरण करा दिया गया। संजय कहते हैं, नवनिर्मित सीसी सड़क की गिट्टी अभी तो सिर्फ लोगों की चहलकदमी से ही जगह-जगह उखड़ने लगी थी, कुछ दिन बाद बस स्टैण्ड में जब पुनः यात्री बसों की आवाजाही शुरू होगी तो इस सड़क का क्या हाल होगा इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। उनके अनुसार सड़क के ऊपर बिछाई गई डामर की पतली परत ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं है।

अफसरों ने कराई मंत्री की छीछालेदर

पन्ना बस स्टैण्ड की सीसी सड़क के निर्माण में लीपापोती के सामने आने से शहर में हुए स्मार्ट सिटी के कार्यों की गुणवत्ता पर लगा प्रश्न चिन्ह।
पन्ना में मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े लापरवाह तकनीकी व प्रशासनिक अधिकारियों ने सीसी सड़क का घटिया निर्माण कार्य कराकर अपनी भद्द तो पिटवाई, साथ ही खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह की अच्छी-ख़ासी छीछालेदर करा दी है। गुणवत्ता के मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए बस स्टैण्ड में बनाई गई घटिया सीसी सड़क को लेकर स्थानीय लोगों की नाराजगी को जानबूझकर नजरअंदाज करके निर्माण एजेन्सी ने अपनी कारगुजारियों को शासन-सत्ता की आड़ में छिपाने के मकसद से बुधवार 18 नवंबर को खनिज एवं श्रम विभाग के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह से सड़क का लोकार्पण करा दिया। गड्ढों में तब्दील होती नवनिर्मित सड़क के लोकार्पण को लेकर स्थानीय पत्रकारों ने अगले दिन प्रमुखता से ख़बरें प्रकाशित करके घटिया निर्माण कार्य को मुद्दा बनाते हुए मंत्री जी की भी जमकर खिंचाई की है। इससे शर्मनाक बात और क्या होगी, मंत्री से जिस नवनिर्मित सीसी सड़क का लोकार्पण कराया गया अगले ही दिन उसके ऊपर डामरीकरण कराने की नौबत आ गई। इससे पता चलता है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों में किस हद तक भ्रष्टाचार हुआ है।
अपने इस कृत्य से मंत्री की छवि को धूमिल करने वाले अफसरों को सीसी सड़क के ऊपर डामरीकरण करने में कुछ भी गलत या आपत्तिजनक नजर नहीं आता। इनका कहना है कि नवनिर्मित सीसी सड़क की पांच साल की गारण्टी है। इस अवधि में सड़क में यदि कोई समस्या आती है तो उसके सुधार या मरम्मत के लिए ठेकेदार कानूनी रूप से जिम्मेदार है। गौरतलब है कि निर्माण कार्य के अनुबंध की शर्तों में शामिल पांच साल की गारण्टी के प्रावधान की जिम्मेदार अधिकारी जिस तरह से बेफिक्र अंदाज में व्याख्या कर रहे हैं वह घटिया निर्माण कार्य को संरक्षण देने जैसा है। तकनीकी जानकार मानते हैं कि निर्माण कार्य की गारण्टी का मतलब यह कदापि नहीं है कि नवनिर्मित सीसी सड़क के लोकार्पण के अगले ही दिन उसके ऊपर डामरीकरण कराना पड़े। गारण्टी का प्रावधान करके क्या ऐसी सड़कों के निर्माण को छूट दे दी गई है जिनकी पूरे समय सिर्फ मरम्मत ही होती रहे। अगर ऐसा हुआ तो वाहनों को चलने के अच्छी सड़क कब और कैसे मिल पाएगी यह प्रश्न विचारणीय है ?

इनका कहना है –

“बस स्टैण्ड में निर्मित सीसी सड़क की लागत करीब 1 करोड़ रुपये है, सड़क के ऊपर बीटी (डामरीकरण) कराए जाने की मुझे जानकारी नहीं है। वैसे नई बनी सीसी सड़क ऊपर डामरीकरण होता नहीं है। आखिर ऐसा क्यों करना पड़ा सम्बंधित तकनीकी अधिकारी ही बता सकते हैं। सड़क निर्माण की 5 वर्ष की गारण्टी है, इस अवधि में सड़क के क्षतिग्रस्त होने पर ठेकेदार को मरम्मत करानी पड़ेगी। मेरे पास निर्माण एजेन्सी के उपयंत्री का नम्बर उपलब्ध नहीं है।”

–  यशवंत वर्मा, सीएमओ, नगर पालिका परिषद पन्ना।

“निर्माण कार्य लोकार्पण की शिला पट्टिका में नाम का उल्लेख होने मात्र से कोई संबंधित कार्य के लिए जिम्मेदार नहीं हो जाता। स्मार्ट सिटी के कार्यों की निगरानी के लिए एक समिति गठित है, जिसमें कई विभागों के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी शामिल हैं। ऐसे में निर्माण कार्य को लेकर मैं क्या टिप्पणी कर सकता हूँ। वैसे भी मैं कुछ ही समय पूर्व पन्ना आया हूँ उक्त कार्य भी मेरे सामने नहीं हुआ है।”

–  सुरेश कुमार साहू, प्रभारी सहायक यंत्री, नगर पालिका परिषद पन्ना।

“सीसी सड़क पर डामरीकरण होने में घबराने या चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। निर्माण कार्य की 5 वर्ष की गारण्टी है, इसलिए सड़क में कोई समस्या आती है तो ठेकेदार को उसका सुधार करना पड़ेगा। नवनिर्मित सीसी सड़क के ऊपर डामरीकरण क्यों किया गया, तकनीकी अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद ही इस संबंध में बता पाऊंगा। सड़क की ड्राइंग-डिजायन में क्या इसका प्रावधान था यह देखना पड़ेगा। कार्य की गुणवत्ता की जांच के लिए एक कमिटी गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मेरे द्वारा किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

–  संजय कुमार मिश्र, कलेक्टर, पन्ना।