भाजपा नेत्री को होटल में मिलने बुलाया, फिर अकेले में बोला…आयोग का सदस्य बनवा दूंगा और टिकिट भी दिलवा दूंगा… मगर, 25 लाख खर्च करना होगा और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ेंगे

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रिपोर्ट लिखाने के बाद कोतवाली थाना पन्ना से बाहर आती भाजपा की महिला पदाधिकारी एवं पार्टी के नेतागण।

*    टिकिट सर्वे के नाम पर रुपए ऐंठने और ब्लैकमेल करने का प्रयास

*    महिला नेत्री ने लिखाई रिपोर्ट, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

*    आरोपी भाजयुमो कार्यकर्ता भाजपा के बड़े नेताओं से संपर्क का हवाला दे रहा था

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में मंगलवार को एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां भारतीय जनता पार्टी की महिला पदाधिकारी को बड़ा पद दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति के द्वारा 20 से 25 लाख रुपये की मांग की गई साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के कुछ नेताओं के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी भारतीय जनता पार्टी के टिकिट का सर्वे करने और पार्टी के बड़े नेताओं से अच्छे संपर्क होने का हवाला देकर महिला नेत्री से ठगी करने का प्रयास कर रहा था। जिसमें असफल रहने पर आरोपी ने महिला नेत्री के साथ मारपीट-छेड़छाड़ करते हुए ब्लैकमेल करने की धमकी दी गई।
महिला नेत्री ने भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम एवं अन्य लोगों के साथ पन्ना कोतवाली थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने छेड़छाड़-मारपीट और अनुसूचित जाति-जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम सहित अनेक धाराओं में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पकड़ा गया आरोपी कृष्णा सिंह ग्वालियर जिले के डबरा का निवासी है। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा का कार्यकर्ता है। कृष्णा सिंह पन्ना के एक निजी होटल में ठहरा था। उसने दिनांक 21 मार्च को दोपहर में करीब 12 बजे महिला नेत्री को कॉल कर बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी की ओर से अनुसूचित जाति की महिला को आयोग का सदस्य बनाने और विधानसभा टिकिट के लिए सर्वे कर रहा है। महिला नेत्री की राजनीतिक महत्वकांक्षा के संबंध में जानकारी होने की बात कहकर शातिर कृष्णा ने उसे होटल में अकेले मिलने के लिए बुलाया। आरोपी के बुलाने पर वह शाम को मिलने पहुंची थी। महिला नेत्री के साथ अजय गुप्ता, जितेन्द्र रजक एवं कुछ अन्य लोग थे। आरोपी ने कमरे के अंदर बुलाया लेकिन महिला ने अंदर जाने से मना कर दिया। कृष्णा सिंह ने कहा कई लोग साथ आए हैं बातचीत कैसे हो पाएगी, चर्चा गोपनीय होने के चलते महिला ने अपने साथियों को थोड़ा दूर जाने को कहा।
इस बीच अकेले में आरोपी ने बोला, आपको किसी आयोग का सदस्य बनवा दूँगा और विधानसभा का टिकिट भी दिलवा दूंगा बशर्ते 20 से 25 लाख रुपए खर्च करने होंगे साथ ही मेरे बताए राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के साथ शारीरिक संबंध बनाने होंगे। महिला नेत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध जताया तो आरोपी गाली-गलौंज-मारपीट और छेड़छाड़ करने लगा। आनन-फानन महिला ने आवाज देकर अपने साथियों को बुलाकर किसी तरह खुद को बचाया। साथ ही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सतानंद गौतम को मोबाइल पर कॉल कर पूरे घटनाक्रम की सूचना दी। सतानंद तुरंत मौके पर आ गए और उनके सामने कृष्णा ने धमकी देते हुए कहा, यदि तुमने मुझे पांच लाख रुपए नहीं दिए तो मैं तुम्हें बदनाम कर दूंगा। उल्लेखनीय है कि, महिला ने पुलिस को बताया, मैंने पार्टी के कुछ लोगों से संपर्क किया तो भाजपा नेत्रियों ने बताया कि उक्त आरोपी ने उन्हें भी इस तरह के प्रलोभन वाले फोन कॉल किए थे।
भाजपा की महिला पदाधिकारी से छेड़खानी और मारपीट कर रुपए मांगने वाले आरोपी कृष्णा सिंह को पुलिस ने पन्ना के एक निजी होटल से हिरासत में लिया।
महिला नेत्री ने सतानंद गौतम एवं अन्य लोगों के साथ पन्ना कोतवाली थाना पहुंचकर अपनी रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने आरोपी कृष्णा सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 354, 327, 294, 323, 506 एवं अनुसूचित जाति-जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम अंतर्गत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मंगलवार की रात में ही आरोपी कृष्णा सिंह को हिरासत में ले लिया था। हालांकि अभी तक उसे न्यायालय में पेश नहीं किया गया।
बता दें कि, एसडीओपी पन्ना एस. बारीवा से जब पकड़े गए आरोपी की प्रोफ़ाइल पूछीं तो उन्होंने सिर्फ इतना ही बताया कि वह डबरा का रहने वाला है। आरोपी के राजनैतिक बैकग्राउंड के संबंध में कुछ भी बोलने से उन्होंने साफ़ इंकार कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि हमें सिर्फ घटित अपराध से मतलब वह किस दल से जुड़ा इससे कोई वास्ता नहीं। श्री बारीवा ने एक सवाल के जबाव में बताया कि आरोपी कृष्णा सिंह को गुरुवार 24 मार्च को न्यायालय में पेश किया जाएगा। दरअसल, प्रकरण सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी की महिला पदाधिकारी से जुड़ा है इसलिए खुलकर कुछ भी बताने से परहेज करते पुलिस अधिकारी के इस रुख और टिप्पणी में निहित उनकी विवश्ता को भली-भांति समझा जा सकता है।