जेल ब्रेक : चादर की रस्सी के सहारे ऊपर चढ़े फिर ऊंची दीवार कूदकर जेल से फरार हुए तीन कैदी, सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल

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फाइल फोटो।

किचिन में खाना पकाने की ड्यूटी के दौरान कैदियों के भागने से मचा हड़कंप

ऊंचाई से कूदने के कारण चोटिल हुए तीनों कैदी कुछ ही घण्टे बाद पकड़े गए

पैर और कमर में चोटें आने पर इलाज के लिए स्वास्थ्य केन्द्र में कराया भर्ती

शादिक खान, पन्ना/पवई।(www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की पवई उप जेल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सोमवार को उप जेल से लूट, हत्या के प्रयास और बलात्कार जैसे मामलों में विचाराधीन तीन कैदी दीवार फांदकर फरार हो गए। दोपहर करीब तीन बजे घटित सनसनीख़ेज घटना की खबर फैलने के बाद पवई सहित आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। जेल की किचिन में खाना पकाने की ड्यूटी के दौरान भागने वाले कैदियों की पहचान नुनागर थाना शाहनगर निवासी अनिरुद्ध सिंह उर्फ पिंटू, लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा और रीठी जिला कटनी निवासी महेंद्र सिंह आदिवासी के रूप में की गई है। जेल की ऊंची दीवार से नीचे कूदने के कारण कथित तौर पर कैदी लक्ष्मीकांत का पैर फैक्चर होने से वह भाग नहीं सका जिसे जेल गार्ड ने आसानी से पकड़ लिया। कुछ घण्टे बाद पुलिस ने इलाके की चौतरफा घेराबंदी करके सर्चिंग अभियान चलाकर कैदी अनिरुद्ध सिंह उर्फ पिंटू व महेंद्र सिंह आदिवासी को भी गिरफ्तार कर लिया। इनके भी पैर और कमर में चोटें आई हैं। जेल से भागे तीनों कैदियों की धरपकड़ से सभी ने राहत की सांस ली है। लेकिन इस घटना ने उप जेल पवई प्रबंधन द्वारा की गयी सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है।
उप जेल ब्रेक की सूचना मिलने पर पन्ना से पुलिस अधीक्षक धर्मराज सिंह मीना ने शाम के समय पवई पुहंचकर घटना की जानकारी प्राप्त की और जेल का मुआयना किया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस के द्वारा आसपास के इलाके की तगड़ी घेराबंदी करके और सघन सर्चिंग अभियान चलाकर रात्रि में तीसरे कैदी महेंद्र सिंह आदिवासी निवासी रीठी जिला कटनी को भी गिरफ्तार कर लिया। इधर, जेल से भागने वाले कैदियों के विरुद्ध प्रहरी उद्देश्य लारिया ने पुलिस थाना पवई में आईपीसी की धारा 224 के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया है।
उप जेल पवई के सहायक अधीक्षक एमपी मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि, कैदियों के लिए शाम का खाना पकाने आधा दर्जन कैदियों की ड्यूटी लगाई गई थी। जिसमें उक्त तीन कैदी भी शामिल रहे। सोमवार 11 अक्टूबर को दोपहर करीब सवा 3 बजे कैदी अनिरुद्ध सिंह उर्फ पिंटू, लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा और महेंद्र सिंह आदिवासी जेल से फरार हो गए। इसकी जानकारी किचिन में काम कर रहे दूसरे कैदियों के द्वारा दी गई। ड्यूटी पर मौजूद प्रहरियों ने जब मौके पर जाकर देखा तो चादर से बनी रस्सी में लोहे का एंगल बंधा हुआ मिला। ऐसा माना जा रहा है कि इसी रस्सी के सहारे जेल की दीवार फांद कर तीनों कैदी फरार हुए।
जेलर ने बताया कि ऊंचाई से कूदने के कारण कैदी लक्ष्मीकांत विश्वकर्मा चोटिल हो गया जिसे जेल गार्ड ने तुरंत ही पकड़ लिया था। इसके बाद कुछ घण्टे के अंतराल में अनिरुद्ध सिंह उर्फ पिंटू व महेन्द्र सिंह आदिवासी को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके भी पैर व कमर में चोटें आई हैं। चर्चा है कि, पुलिस की कड़ी घेराबंदी और चोटिल होने की वजह से ये दोनों भी ज्यादा दूर तक भाग नहीं सके। सहायक जेल अधीक्षक मिश्रा ने बताया, कैदियों के फरार होने की घटना के समय वे पन्ना में थे। दरअसल, जिला जेल पन्ना के अधीक्षक के अवकाश पर होने के कारण अतिरिक्त प्रभार की ड्यूटी के सिलसिले में वह पन्ना गए हुए थे। कैदियों के फरार होने की सूचना मिलने पर तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी देकर वे शाम को वापस पवई लौट आए।

स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती हैं तीनों चोटिल कैदी

जेल की ऊंची दीवार से कूद कर फरार होने वाले कैदियों की धरपकड़ के बाद उनके चोटिल होने की बात सामने आई है। पवई के जेलर एमपी मिश्रा ने बताया कि करीब 20 फिट ऊँची जेल की दीवार से नीचे कूदने कारण चोटें आना स्वाभाविक है। तीनों चोटिल कैदियों को इलाज के लिए पुलिस अभिरक्षा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पवई में भर्ती कराया गया है। उनके पैर और कमर में चोटें बताई जा रहीं है।

लापरवाह प्रहरियों को किया निलंबित

सांकेतिक फोटो।
पन्ना जिले की उप जेल पवई से एक साथ तीन खतरनाक कैदियों के फरार होने की घटना सामने आने पर सोमवार को जेल मुख्यालय भोपाल तक हड़कंप मच गया। परिणामस्वरूप सतना से देर रात केन्द्रीय जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने पवई पहुंचकर घटना की जानकारी प्राप्त की और प्रथम दृष्टया गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में जवाबदेही तय करते हुए प्रहरी अखिलेश मिश्रा व दादूलाल सेन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। केन्द्रीय जेल अधीक्षक तोमर ने पवई जेल की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी कमियों को दूर करके चाक-चौबंद बनाने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है पवई जेल से पूर्व में भी कैदी फरार हो चुके हैं। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति से स्पष्ट है कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता नहीं है।