किसान सम्मेलन : एमपी में सियासी फायदे के लिए “अन्नदाता की जान से खिलवाड़” कर रही शिवराज सरकार !

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पन्ना में आयोजित किसान सम्मलेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये बगैर किसानों को विभिन्न योजनाओं से लाभांवित करते हुए भाजपा नेता।

पन्ना के किसान सम्मेलन में कोरोना गाइडलाइंस की उड़ी धज्जियाँ

मास्क या फेस कवर लगाए बगैर सम्मेलन में शामिल हुए अधिकांश किसान

कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रखा ख्याल, कुर्सियों में सटकर बैठे रहे लोग

कोरोना संक्रमण के प्रसार के खतरे को नजर अंदाज कर तमाशबीन बने रहे मंचासीन जिम्मेदार

राहत राशि अंतरण के बहाने सम्मेलन में “3 नए विवादित कृषि कानूनों” के किसानों को गिनाए लाभ

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) देश में कोरोना महामारी के तेजी से पुनः बढ़ते संक्रमण के गंभीर खतरे को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ समय पूर्व देशवासियों को सतर्क करते हुए कहा था, “जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।” लेकिन प्रधानमंत्री की इस नसीहत को मध्यप्रदेश में उनकी अपनी ही पार्टी की सरकार ने पूरी तरह से नकार दिया है। प्रदेश में शुक्रवार 18 दिसम्बर को आयोजित हुए चार स्तरीय किसान कल्याण सम्मेलनों की जिस तरह की तस्वीरें एवं वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं उससे तो यही साबित होता है।
खरीफ सीजन 2020 में फसलों को हुए नुकसान की राहत राशि किसानों के खातों में अंतरित करने के नाम पर मध्य प्रदेश में शुक्रवार को राज्य स्तर से लेकर जिला, विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर इन सम्मेलनों का आयोजन कोरोना गाइडलाइंस को ताक पर रखकर किया गया। इससे खुद को किसान हितैषी बताने वाली मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर अपने राजनैतिक लाभ के लिए अन्नदाता किसानों के जीवन को संकट में डालने के बेहद गंभीर आरोप लग रहे हैं। और इसकी तीखी आलोचना भी हो रही है। हालांकि भाजपा नेता एवं प्रशासनिक अधिकारी इन आरोपों को असत्य और आधारहीन बता रहे हैं।
प्रदेश में किसान सम्मेलन ऐसे पर आयोजित किये गए जब कृषि सुधार के नाम पर लाये गए तीन नए विवादित कानूनों के खिलाफ देश के कई राज्यों के किसान इस कड़ाके की सर्दी में पिछले कई दिनों से सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं। इधर, किसान सम्मेलनों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी के किसानों को यह बात समझाने का प्रयास किया कि, तीनों कृषि कानून किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक एवं कृ‍षि की उन्नति के लिए परम आवश्यक है।
किसान सम्मेलन में भीड़ बढ़ने पर पीछे की तरफ कई लोग बगैर मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये बगैर बैठे रहे।
मध्य प्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय के पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के ग्राउण्ड में शुक्रवार को आयोजित हुए किसान सम्मेलन को लेकर सीएम के निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने कड़ी मेहनत कर अधिकतम किसानों को तो इसमें जोड़ा लेकिन भीड़ जुटाकर नम्बर बढ़ाने के चक्कर में कोरोना संकटकाल में किसानों की जीवन सुरक्षा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। इस सम्मलेन के टेण्ट के अंदर बैठे कई किसानों ने मास्क या फेस कवर नहीं पहना हुआ था। सैंकड़ों गरीब किसान अपने नाक-मुंह को ढके बगैर ही सम्मलेन में पूरे समय बैठे रहे। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियाँ उड़ती रहीं। टेण्ट के अंदर किसानों के बैठने के लिए लगाई गईं कुर्सियों की लाइन के बीच निर्धारित फासला नहीं रखा गया। जबकि कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति आमजन को जागरूक करने “2 गज़ दूरी और मास्क है जरुरी” संदेश का प्रचार-प्रसार किया जाता है।
किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह।
पन्ना के किसान सम्मेलन में प्रदेश के खनिज एवं श्रम विभाग के मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र एवं भाजपा के अन्य नेता-जनप्रतिनिधि मंचासीन रहे। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को लापरवाही न बरतने की नसीहत देने एवं इसकी रोकथाम को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने वाले मंत्री व अफसरों के सामने ही किसान सम्मेलन में कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियाँ उड़ती रहीं और वे इसे नजरअंदाज करते हुए तमाशबीन बने बैठे रहे। राजनैतिक उद्देश्य की पूर्ती को लेकर किसान हितैषी सरकार के नुमाइंदे किसानों के जीवन सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर इस हद तक संवेदनहीन हो जाएंगे इसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी।

भीड़ जुटाने गांव से बुलाए गए किसान

इस तस्वीर में सोशल डिस्टेंसिंग तो नजर आ रही है लेकिन कई महिलायें मुंह को ढके बगैर कार्यक्रम में बैठी रहीं।
उल्लेखनीय है कि पन्ना के जिला स्तरीय किसान सम्मेलन में पंचायतों के सचिव एवं रोजगार सहयक चार पहिया वाहनों में 20 से 50 किसानों को लेकर कार्यक्रम में सम्मलित हुए। इसके आलावा कृषि, सहकारिता, मत्स्य पालन, उद्यानिकी आदि विभागों के अधिकारियों ने कार्यक्रम में भीड़ जोड़ने अहम भूमिका निभाई। इस सम्मलेन में करीब 1500 किसान शामिल हुए। जिसे लेकर विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि भीड़ जुटाऊ इन कार्यक्रमों में प्रशासनिक मशीनरी का खुलकर दुरूपयोग किया गया है। भीड़ लाने वाले प्रशासनिक अमले के द्वारा अधिकाँश व्यवस्थाएं भ्रष्टाचार के मद से की गई हैं। इस तरह के आयोजनों से पंचायतों में भ्रष्टाचार बढ़ने की बात भी कही जा रही है।

आपराधिक कृत्य किया 

दीपचन्द्र अग्रवाल।
जिला कोंग्रेस कमिटी पन्ना के महामंत्री दीपचन्द्र अग्रवाल ने किसान सम्मेलनों के आयोजन को सत्ता का खुलकर दुरूपयोग करार दिया है। उनका कहना है कि किसानों की भीड़ जुटाने के लिए तो लाखों रुपए खर्च किये गए लेकिन कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रशासन उन किसानों को एक मास्क भी उपलब्ध नहीं करा सका जिनके पास मास्क/फेस कवर नहीं था। वर्तमान में शादी-विवाह एवं धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति कड़ी शर्तों के साथ दी जा रही है। इनमें शामिल होने वालों की सख्या भी निर्धारित है। कुल मिलाकर आम आदमी के लिए कोरोना की पाबंदियां हैं लेकिन इस तरह के सरकारी कार्यक्रम को कोरोना गाइडलाइंस के पालन से छूट देकर प्रदेश सरकार ही कोरोना संक्रमण फ़ैलाने का अक्षम्य अपराध कर रही है। श्री अग्रवाल की मांग है कि इस मामले में शासन-प्रशासन में बैठे लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह दोहरा मापदंड कहलाएगा।

कोरोना सिर्फ आम लोगों और विपक्ष के लिए

दिव्यारानी सिंह।
जिला कोंग्रेस कमिटी पन्ना की अध्यक्ष दिव्यरानी सिंह ने कहा कि किसानों को कृषि संबंधी कानूनों पर भ्रमित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बेहद ही गैर जिम्मेदार तरीके से किसान सम्मेलन आयोजित करके उनके जीवन को खतरे में डालने कृत्य किया है। यह घोर निंदनीय है। सम्मेलनों में कोरोना गाइडलाइंस का खुला उल्लंघन करते हुए इतनी अधिक भीड़ जोड़ने से समुदाय में कोरोना वायरस संक्रमण अधिक तेजी फैलने की आशंका है। भाजपा सरकारों के क्रिया-कलापों से यह साफ़ हो चुका है कि कोरोना की रोकथाम के कानूनी प्रावधान सिर्फ आम लोगों और सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले विपक्ष को चुप कराने के लिए है, मगर सरकार के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है। श्री मती सिंह का कहना है कि नए कानून किसानों के हित में नहीं है यह बात देश के किसान समझ चुके इसलिए वे अपने हितों की रक्षा के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कोंग्रेस पार्टी अन्नदाता किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।

देश-प्रदेश को बर्बाद कर रही भाजपा सरकार

जयराम यादव।
किसान नेता जयराम यादव का आरोप है कि केन्द्र की मोदी और प्रदेश की शिवराज सरकार देश व प्रदेश को पूरी तरह से बर्बाद करने पर आमदा है। नोटबंदी, जीएसटी, बेहद सख्त लॉकडाउन आदि निर्णयों को बगैर तैयारी के मनमाने तरीके से लागू करने और अब किसान विरोधी कानून बनाकर मोदी सरकार ने यह साबित कर दिया है कि उसे गरीब-मजदूर-किसान से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा की सरकारें पूरी तरह से अडानी-अंबानी तथा दूसरे उद्योगपतियों के हितों को साधने के लिए काम कर रहीं है। कोरोना गाइडलाइंस को धता बताते हुए किसान सम्मलेन में भीड़ जोड़ना बताता है कि इस सरकार को किसानों की वाकई कितनी चिंता है। श्री यादव का मानना है कि देश के अधिकाँश मीडिया समूह बिके हुए हैं और कोंग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के नेता डरे हुए हैं इसलिए वे भाजपा सरकारों की इस मनमानी का खुलकर कड़ा विरोध नहीं करते हैं। इसका अनुचित लाभ उठाते हुए भाजपा की सरकारें पूरी तरह निरंकुश तानाशाही तरीके से काम कर रहीं है।

भ्रम फैला रहे कोंग्रेस और विपक्षी दल

आशीष तिवारी।
भारतीय जनता पार्टी पन्ना के मीडिया प्रभारी आशीष तिवारी की मानें तो पन्ना या अन्य स्थानों पर आयोजित हुए किसान सम्मेलनों में कोरोना गाइडलाइंस का जरा भी उल्लंघन नहीं हुआ है। सम्मेलन में किसान मास्क लगाकर शामिल हुए और सोशल डिस्टेंसिंग (आपस में उचित दूरी) का भी पालन किया गया। श्री तिवारी कहते हैं कि देश की जनता के द्वारा नकार दिए गए राजनैतिक दल कोंग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियां हर मुद्दे पर झूठ बोलकर भ्रम फ़ैलाने का काम करते हैं। एमपी के किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ कृषि कानूनों के समर्थन में खड़े हैं, यह बात विपक्षी दलों को रास नहीं आ रही है इसलिए वे कोरोना के नाम पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। कृषि सुधार के लिए लाये गए कृषि कानून पूरी तरह किसानों के हित में हैं। इन कानूनों के जरिए अन्नदाता के अधिकारों को सुरक्षित करने का काम किया गया है।

कोरोना गाइडलाइंस का किया पालन

पन्ना कलेक्टर, संजय कुमार मिश्र।
पन्ना जिले के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर संजय कुमार मिश्र का दावा है कि जिला स्तरीय किसान सम्मेलन शासन के निर्देशानुसार कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए आयोजित किया गया है। सम्मेलन में भाग लेने वाले जिन किसानों के पास मास्क नहीं थे उन्हें मास्क उपलब्ध कराए गए। साथ ही बैठक व्यवस्था में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन किया गया। कलेक्टर श्री मिश्र का कहना पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के विशाल ग्राउण्ड में कार्यक्रम सिर्फ इसीलिए रखा गया था ताकि आपस में उचित दूरी बनी रहे।