तेंदुए की मौत का मामला : वन विभाग ने 4 किसानों को किया गिरफ्तार, विरोध में उतरे कृषक और सामाजिक संगठन

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तेंदुआ की करंट से मौत के मामले में निर्दोष किसानों को फंसाने का आरोप लगाते हुए वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते ग्रामीण एवं कांग्रेस नेता।

*      वन विभाग पर फर्जी प्रकरण दर्ज कर निर्दोष को फंसाने का लगाया आरोप

*      विधुत कनेक्शन की लाइन के करंट से तेंदुए की मौत को बताया दुर्घटना

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में दक्षिण वन मंडल अंतर्गत बीते दिवस करंट लगने से तेंदुए की मौत होने का मामला प्रकाश में आया था। वन विभाग ने इस प्रकरण में चार संदिग्ध किसानों को गिरफ्तार किया है। तेंदुए की मौत को लेकर वन विभाग के द्वारा किसानों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर उन्हें गिरफ्तार किए जाने से तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई है। इस कार्रवाई के विरोध में उतरे कृषक और सामाजिक संगठनों ने दर्ज प्रकरण को पूर्णतः फर्जी बताते हुए आरोपी बनाए गए किसानों को तुरंत रिहा करने की पुरजोर मांग की है। कांग्रेस नेताओं की अगुआई में आज इस संबंध में पन्ना पहुंचे ग्रामीणों के द्वारा कलेक्ट्रट कार्यालय के बाहर वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने निर्दोष किसानों को तत्काल रिहा करने, दर्ज किए गए फर्जी वन अपराध की निष्पक्ष जांच कराने और किसानों को हिरासत में लेकर प्रताड़ित करने वाले वनकर्मियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है यदि 24 घंटे के अंदर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो बंदी किसानों को न्याय दिलाने के लिए कृषक एवं सामाजिक संगठनों के द्वारा वन विभाग के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि, दक्षिण वन मंडल पन्ना की पवई रेंज अंतर्गत बमुरहा ग्राम के नजदीक स्थित खेत में दिनांक 17 जनवरी 2023 को एक तेंदुआ मृत पाया गया था। तेंदुआ की मौत खेत में स्थित बोर के विधुत कनेक्शन तार से करंट लगने के कारण होने की जानकारी सामने आई थी। अगले दिन 18 जनवरी की सुबह ग्रामीणों द्वारा घटना की सूचना वन अमले को दी गई। करीब 4-5 घण्टे की देरी से मौके पर पहुंचे वन अमले ने तेंदुए का शव बरामद कर पोस्टमार्टम उपरांत शव का दाह संस्कार किया गया। इस मामले में 18 जनवरी को वनकर्मी कृषक बद्री प्रसाद पटेल, लक्ष्मी पटेल, प्रकाश पटेल व लोकेन्द्र पटेल सभी निवासी ग्राम बमुरहा को पूंछतांछ के लिए अपने अपने साथ ले गए थे। हिरासत में लिए गए किसानों को शुक्रवार 20 जनवरी तक नहीं छोड़ा और दुर्घटनावश हुई तेंदुए की मौत के मामले में कथित तौर पर बेगुनाह किसानों को आरोपी बना दिया। इस मामले में आज जिला कांग्रेस अध्यक्ष पन्ना शारदा पाठक, गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी, पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष अजयगढ़ भरत मिलन पाण्डेय, राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि सेवालाल पटेल एवं भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष पन्ना बसंत लाल पटेल नेतृत्व में कलेक्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में वन अमले पर अत्यंत ही गंभीर आरोप लगाए हैं।
किसानों को हिरासत में लेकर किया टार्चर
निर्दोष किसानों की रिहाई की मांग को लेकर पन्ना एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए कांग्रेस एवं किसान नेता।
ज्ञापन में लेख है कि, हिरासत में लिए गए किसानों से मिलने गए परिजनों को वनकर्मियों के द्वारा धमकाते हुए तेंदुए की मौत के अपराध में आरोपी बनाए जाने से बचाने के लिए 50-50 हजार रुपए की मांग की। रुपए नहीं देने पर किसानों के साथ मारपीट की गई। हिरासत के दौरान किसानों से वनकर्मियों द्वारा की गई क्रूरता (मारपीट की चोटों) के निशान उनके शरीर पर मौजूद हैं। कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपने वाले कांग्रेस नेताओं, कृषक और सामाजिक संगठनों एवं ग्रामीणों ने मांग की है, मारपीट में घायल किसानों का डॉक्टरों के पैनल से निष्पक्ष मेडिकल परीक्षण कराया जाए, बेगुनाह किसानों को दो दिन तक गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखकर क्रूरता करने वाले वनकर्मियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर उन्हें शासकीय सेवा से बर्खास्त किया जाए और निर्दोष किसानों को तत्काल रिहा किया जाए। उक्त मांगों पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई न होने की स्थित में पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने के लिए कृषक एवं सामाजिक संगठनों ने पवई स्थित वन विभाग के रेंज कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन-आंदोलन करने की चेतावनी दी है। ज्ञापन की प्रति आवश्यक कार्रवाई हेतु पुलिस अधीक्षक पन्ना एवं डीएफओ दक्षिण वन मंडल पन्ना को सौंपी है।
शनिवार 21 जनवरी को पवई में होगा प्रदर्शन
पन्ना में कलेक्ट्रेट के बाहर एकत्र कांग्रेस नेता किसानों की गिरफ़्तारी को लेकर चर्चा करते हुए।
राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि सेवालाल पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग के तानाशाही पूर्ण रवैये और बेगुनाह किसानों की रिहाई की मांग को लेकर शनिवार 21 जनवरी को पवई में रेंज कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के विरुद्ध पूर्णतः फर्जी वन अपराध पंजीबद्ध पर उनके साथ क्रूरता की गई है। श्री पटेल ने सवाल करते हुए कहा कि, दुर्घटनावश करंट लगने से हुई तेंदुए की मौत के लिए निरपराध किसानों को आरोपी बनाया जाना क्या उचित है? वन विभाग की इस कार्रवाई को अत्याचार करार देते हुए किसान नेता सेवालाल ने समाज के सभी वर्गों से शनिवार को होने वाले प्रदर्शन में सक्रिय सहभागिता कर अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने की अपील की है।