ख़बर जरा हट के : लॉकडाउन निकाह …  “बैण्ड-बाजा न बरात सिर्फ मियां-बीबी और काज़ी, फिर क्या- तूँ मुझे कुबूल- मैं तुझे कुबूल”

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पन्ना में शहबाज बानो और राजा खान का निकाह पढ़वाते शहर काजी मोहम्मद फ़य्याज़।

* मुस्लिम जोड़े ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सादगी से रचाई शादी

शादिक खान/राजेन्द्र कुमार लोध- पन्ना।(www.radarnews.in) शादी को लेकर हर इंसान के दिल में बड़े अरमान होते हैं, क्योंकि यह उसकी जिंदगी के सबसे अहम फैसलों में से एक होता है। यह एक ऐसा यादग़ार लम्हा होता जिसके बाद जिंदगी ताउम्र के लिए नया मोड़ लेती है। इसलिए शादी का फैसला घर वालों के साथ-साथ लड़का-लड़की बहुत सोच-विचार के बाद लेते हैं। वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के कारण पूर्व से तय कई विवाह संपन्न नहीं हो रहे हैं। बार-बार लॉकडाउन की म्यांद बढ़ने और कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अधिकांश विवाह लगातार टल रहे हैं। जबकि कुछ ऐसे भी जोड़े हैं जोकि लॉकडाउन की तमाम पाबंदियों का उल्लंघन किये बगैर बड़ी ही सादग़ी के साथ खुशी-ख़ुशी शादी रचा रहे हैं।
लॉकडाउन के चलते बिना बैण्ड-बाजा-बारात के सादगी के साथ संपन्न अनूठी शादी की है पूरे शहर में चर्चा।
ऐसा ही एक निकाह मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में सोमवार 4 मई को मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न हुआ। पन्ना के रानीगंज मोहल्ला के वार्ड क्रमांक- 17 में रहने वालीं शहबाज बानो और इसी मोहल्ले के  राजा खान की शादी चर्चे कल से पन्ना के लोगों की जुबान पर है। इस जोड़े को इस बात का जरा भी मलाल नहीं है कि उनकी शादी लॉकडाउन की बंदिशों के चलते बिना किसी जश्न के बेहद सादगी साथ संपन्न हुई। पॉजिटिव सोच रखने वाले इस जोड़े का कहना है कि लोगों को जब हमारी शादी के बारे में पता चलेगा तो वे शायद यही कहेंगे कि एक निकाह बिना बैण्ड-बाजा-बारात के हुआ, इसमें बुरा क्या है। लोग कम से कम हमारी अनूठी शादी की चर्चा तो करेंगे।

बच्चे खुश रहें यही सबसे बड़ी दौलत

इस शादी में पूरे समय एक साथ चार से अधिक लोग एकत्र नहीं हुए।
इस शादी में सिर्फ दूल्हा-दुल्हन बने युवक-युवती, शहर काजी मोहम्मद फ़य्याज़ समेत कुल पांच लोग सरीक हुए। लेकिन निकाह के दौरान किसी भी सूरत में चार से अधिक लोग एक साथ एक जगह पर मौजूद नहीं रहे। अलग-अलग कमरों में बैठे इस जोड़े ने जब निकाह कुबूल किया तो दोनों के पास उनका कबूलनामा जानने के लिए शहर काजी और दोनों पक्षों के दो गवाह ही पहुंचे। बिना बैण्ड-बाजा बरात, किसी बड़े खर्च और धूमधाम के बगैर बेहद सादगी के साथ संपन्न हुई शहबाज बानो और राजा खान की शादी से इनके घर वाले भी काफी खुश हैं। लड़की के पिता हसन खान का कहना है कि शादियाँ अब इसी तरह होनी चाहिए जिससे महज अपनी झूठी हैसियत या शान के दिखावे पर होने वाली फिजूलखर्ची बचेगी और हम जैसे गरीब लोगों पर कोई बोझ भी नहीं पड़ेगा। इस शादी की एक और अच्छी बात यह रही कि जिसकी काफी चर्चा है कि इसमें किसी तरह के दहेज़ आदि का लेन-देन भी नहीं किया गया। लड़के के पिता अब्दुल हमीद का कहना है कि उनके बच्चे हर हाल में खुश रहें बस यही हमारे लिए सबसे बड़ी दौलत है।

कोरोना से हिफ़ाजत लिए मांगी दुआ

निकाह सम्पन्न होने के बाद ख़ुशी से अपने हाथों की मेहंदी दिखती दुल्हन।
निकाह के पूर्व शहर काजी मोहम्मद फ़य्याज़ ने सभी को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरुरी एहतियात बरतने और शासन-प्रशासन के निर्देशों पर पूरी तरह अमल करने की समझाइश दी गई। निकाह के बाद काजी साहब ने दुआ पड़ी जिसमें इस जोड़े ने अपने शादीशुदा खुशहाल जिंदगी के साथ-साथ पूरी दुनिया के लोगों की कोरोना महामारी से हिफाजत के लिए अल्लाह से दुआएं मांगी। दिन में हुई महज तीन-चार घण्टे की इस अनूठी शादी के बाद लड़की के घर वालों ने बेटी को ख़ुशी-ख़ुशी विदा किया।