विवाह से पहले मजिस्ट्रेट पर बलात्कार का मामला दर्ज

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आरोपी न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज सोनी।

महिला पटवारी ने लगाया शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने का आरोप

मांग के अनुरूप दहेज न देने पर शादी से किया इंकार

पन्ना/अजयगढ़। रडार न्‍यूज मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के व्यवहार न्यायालय अजयगढ़ में पदस्थ न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज सोनी पर रीवा जिले की निवासी एक सजातीय महिला पटवारी ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का बेहद गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने मामले की रिपोर्ट अजयगढ़ थाना में लिखाई है, जिस पर पुलिस ने मजिस्ट्रेट मनोज सोनी के विरूद्ध आईपीसी की धारा 376 एवं धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ बलात्कार और दहेज एक्ट का मामला दर्ज होने की खबर से हड़कम्प मचा है। मालूम हो कि आरोपी जज की चार दिन बाद 18 जून 2018 को छतरपुर के एक होटल से शादी होनी तय थी।

मीडियाकर्मियों को अपनी आप बीती सुनाती पीड़िता।

यौन शोषण का शिकार पीड़िता के अनुसार वर्ष 2015 मेें पहली बार मनोज सोनी और उसके रिश्ते की बात दोनों परिवारों के बीच शुरू हुई थी। विवाह की बात चल ही रही थी कि इस बीच 14 नवम्बर 2017 में दोनों के बीच मोबाईल पर बातचीत होने लगी। पीड़िता का आरोप है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज सोनी ने कई बार पन्ना में मंदिर के दर्शन करने और अजयगढ़ स्थित अपने शासकीय आवास पर उसे बुलाया। अजयगढ़ मेें 19 फरवरी 2018 को श्री सोनी ने अपने बंगले पर युवती को पत्नी के रूप में स्वीकार करने का झांसा देते हुए उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये। कई बार आने-जाने व साथ रहने से मजिस्ट्रेट के शासकीय बंगले पर तैनात कर्मचारी महिला पटवारी को साहब की पत्नी समझने लगे। अपनी रिपोर्ट में पीड़िता ने उल्लेख किया है कि 18 मार्च 2018 को रीवा के बिछिया स्थित शंकर जी के मंदिर में मनोज सोनी ने भगवान की प्रतिमा को पकड़कर कसम खाते हुए उसकी मांग में सिन्दूर भरा था। मौके पर युवती की भाभी के पिता उमाशंकर सोनी व अन्य लोग मौजूद रहे।

डेढ़ करोड़ की कर रहे थे मांग-

दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार 3 अप्रैल 2018 को मनोज के भाई धर्मेन्द्र सोनी ने युवती के पिता को फोन पर सूचना दी कि मनोज की शादी झांसी उत्तरप्रदेश में तय हो चुकी है। युवती का आरोप है कि इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के व्यवहार मेें उसके प्रति अंतर आ गया। युवती के साथ मारपीट करते हुए मनोज उसके चरित्र पर भी लांछन लगाने लगा। मनोज के द्वारा शादी करने के एवज में दहेज के रूप में डेढ़ करोड़ की मांग की गई। जिस पर युवती ने अपने रिटायर्ड पिता की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई। तभी उसे 5 मई 2018 को मनोज की सगाई होने और 18 जून को शादी होने की जानकारी मिली। पीड़िता का आरोप है कि कल तक उसे पत्नी के रूप में स्वीकार करते रहे मनोज शादी तय होने के बाद संबंधों से साफ मुकरने लगे। इतना ही नहीं मांग अनुसार दहेज न मिलने पर उसके साथ विवाह करने से भी इंकार कर दिया।

दोनों के संबंधों के उपलब्ध हैं साक्ष्य-

शादी के झांसे में आकर यौन शोषण का शिकार हुई युवती द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट में उनके बीच कई बार बने शारीरिक संबंध एवं दहेज की बातचीत संबंधी रिकार्डिंग व फोटोग्राफ उपलब्ध होना बताया है। पीड़िता का कहना है कि मनोज ने दहेज की लालच में आकर विश्वासघात करते हुए उसका जीवन बर्बाद कर दिया है। पीड़िता ने पुलिस से 18 जून 2018 को होने वाले मनोज के विवाह को रोकने की मांग की है।

प्रभावित हुए तीन परिवार-

न्यायिक मजिस्ट्रेट अजयगढ़ मनोज सोनी निवासी छतरपुर पर महिला पटवारी द्वारा यौन शोषण करने और मनमाफिक दहेज न देने पर शादी से इंकार करते हुए 18 जून 2018 को अन्यंत्र विवाह करने की रिपोर्ट दर्ज कराने बाद से प्रदेश के न्यायिक और प्रशासनिक हलकों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। आरोपी मजिस्ट्रेट के परिचिताेें से मिली जानकारी के महोबा उत्तरप्रदेश निवासी एक युवती के साथ 18 जून 2018 को छतरपुर के एक होटल से उनका विवाह सम्पन्न होना तय था। परिचितों और रिश्तेदारों को विवाह के कार्ड बांटे जा चुके थे और 16 जून से विवाह संस्कार के कार्यक्रम शुरू होने थे लेकिन इस बीच मजिस्ट्रेट के खिलाफ बलात्कार और दहेज एक्ट के तहत् मामला दर्ज होेने से तीन परिवारों में भूचाल आ गया है। उनके रिश्तेदार इस घटनाक्रम के खुलासे से हतप्रभ और शर्मिंदा बताये जा रहे है।

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