‘राष्ट्रीय वन शहीद दिवस’ | जंगल और वन्य जीवों को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले “शहीदों” को लापरवाह अफसरों ने भुलाया ?

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फाइल फोटो।

* पन्ना टाइगर रिजर्व और उत्तर वन मण्डल अंतर्गत विभाग के शहीदों नहीं दी गई श्रद्धांजलि

* प्रधान मुख्य वन संरक्षक के निर्देश के बाद भी श्रद्धांजलि सभा का नहीं किया गया आयोजन

* सिर्फ जिले के दक्षिण वन मण्डल अंतर्गत आयोजित हुए शहीद दिवस के कार्यक्रम

* पन्ना टाइगर रिजर्व में कुछ दिन पूर्व ही रेन्जर बी.आर. भगत हाथी के हमले में हो गए थे शहीद

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व बीते कुछ महीनों से गलत कारणों को लेकर लगातार सुर्ख़ियों में बना है। पार्क के वरिष्ठ अधिकारी अपने कुप्रबंधन और लारपावहियों को छिपाने का अपराध करने सरीके गंभीर आरोपों के चलते जांच के घेरे में हैं। इनकी कारगुजारियों की चौतरफा कड़ी आलोचनायें हो रहीं है जोकि पन्ना के साथ-साथ वन विभाग की बदनामी का सबब बन रहीं हैं। इसके बाद भी पन्ना टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अफसरों की कार्यप्रणाली में किसी तरह का कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। इनकी बेपरवाही अभी जारी है। बड़े ही अफ़सोस की बात यह है कि इनकी बेपरवाही या उदासीनता पूर्ण रवैये पर जब भी सवाल उठते हैं तो साहब सच्चाई को स्वीकार करने के बजाए अपनी फितरत के मुताबिक बड़ी ही बेशर्मी के साथ कुतर्क पेश कर उसे छिपाने की कोशिश करने लगते हैं। सिर विहीन बाघ का शव मिलने का हैरान करने वाला घटनाक्रम इसका प्रमाण है।
इसी कड़ी में ताजा मामला ‘राष्ट्रीय वन शहीद दिवस’ का सामने आया है। शुक्रवार 11 सितम्बर 2020 ‘राष्ट्रीय वन शहीद दिवस’ के उपलक्ष्य पर पन्ना टाइगर रिजर्व के अफसरों को उन शहीद वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के श्रद्धांजलि देने लिए दो मिनिट का समय नहीं मिला जिन्होंने कर्त्तव्य परायणता के दौरान अपनी आहूति देकर वन एवं वन्यप्राणी सुरक्षा की मिशाल कायम की है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राजेश श्रीवास्तव के लिखित निर्देश के बाद भी पन्ना टाइगर रिजर्व और पन्ना के उत्तर वन मण्डल अंतर्गत किसी भी कार्यालय में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर शहीद वन अधिकारियों/कर्मचारियों को श्रद्धा सुमन अर्पित नहीं किये।
रेन्जर बी.आर. भगत। (फाइल फोटो)
विदित हो कि यह वही पन्ना टाइगर रिजर्व जहां बाघ की सुरक्षा के दौरान 14 अगस्त 2020 को हिनौता वन परिक्षेत्र के रेंजर बी.आर भगत हाथी के हमले में शहीद हो गए थे। रेन्जर श्री भगत की शहादत को अभी एक माह भी नहीं हुआ और इतनी जल्दी पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन समेत पन्ना के उत्तर वन मण्डल अपने जिले के शहीद रेंजर के साथ-साथ दूसरे शहीदों के योगदान को भी भुला दिया। लापरवाह अफसरों ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के निर्देश का पालन करना भी उचित नहीं समझा। इससे पता चलता है कि स्थानीय अधिकारियों की अंतर्मन में विभागीय शहीदों के प्रति कितना सम्मान है और विभाग के मुखिया के निर्देशों के पालन को लेकर वे वाकई कितने गंभीर हैं ?

श्रद्धांजलि सभा का होना था आयोजन

प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के द्वारा जारी पत्र।
मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राजेश श्रीवास्तव ने दिनांक 8 सितम्बर 2020 को समस्त मुख्य वन संरक्षक (क्षेत्रीय) को शहीद दिवस मनाए जाने के संबंध में एक पत्र जारी किया था। इस पत्र में उल्लेख है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए 11 सितंबर 2020 को अपने कार्यालय स्तर पर वन शहीद दिवस के कार्यक्रम अंतर्गत समय पूर्वाह्न 11:00 बजे दो मिनिट का मौन रख कर शहीद वन अधिकारियों/कर्मचारियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर श्रद्धासुमन अर्पित करें। इस पत्र की प्रतिलिपि प्रदेश के समस्त मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान एवं विस्तार/कार्य-आयोजना, समस्त क्षेत्र संचालक राष्ट्रीय उद्यान, समस्त वन मण्डलाधिकारी (सामान्य/उत्पादन) वन मण्डल की ओर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई थी।

अपनी सफाई में क्या बोले अधिकारी

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया।
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के.एस. भदौरिया से मोबाइल फोन पर चर्चा कर यह पूंछा गया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के निर्देश के बाद भी पार्क में कार्यालयों में वन शहीद दिवस क्यों नहीं मनाया गया ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उक्त आयोजन राजधानी भोपाल में प्रदेश स्तर पर होना था। वन मण्डल या रेन्ज कार्यालय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित नहीं होना था। उन्हें जब पीसीसीएफ के पत्र का हवाला देते हुए कार्यक्रम को कार्यालय स्तर पर आयोजित किये जाने का स्पष्ट उल्लेख होने के संबंध में बताया गया तो श्री भदौरिया ने अज़ीबो-गरीब जवाब देते हुए कहा कि हाल ही में पार्क में शहीद हुए वन क्षेत्रपाल बी.आर. भगत के परिजनों को प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में सम्मलित होने के लिए छत्तीसगढ़ से भोपाल भेजा गया है। इस कार्यक्रम में स्व. श्री भगत की पत्नी को वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक लाख रूपए और सम्मान पट्टिका देकर सम्मानित किया है।
भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में शहीद रेंजर बी.आर. भगत की पत्नी को एक लाख रूपए का चैक और सम्मान पट्टिका देकर सम्मानित करते हुए प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह।
चूँकि शहीद के आश्रित परिजन भोपाल के कार्यक्रम में शामिल होने चले गए थे इसलिए पन्ना में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नहीं किया गया। स्थानीय स्तर पर वन शहीदों के लिए श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन करना तब शायद सही रहता जब इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व के शहीद वन क्षेत्रपाल के परिजन सम्मलित होते। क्षेत्र संचालक श्री भदौरिया से पूंछा गया कि यह आपकी व्यक्तिगत सोच हो सकती है लेकिन पीसीसीएफ भोपाल ने पत्र में तो यह कहीं लिखा ही नहीं कि शहीदों के आश्रितों/परिजनों के श्रद्धांजलि सभा में सम्मलित होने पर ही शहीद वन अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाए। इतना सुनते “एफडी साहब” उखड़ गए और पन्ना के पत्रकारों पर टाइगर रिजर्व से जुड़े मसलों को अनावश्यक तूल देकर छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए फोन काट दिया।

अगले साल अवश्य करेंगे आयोजन

फाइल फोटो।
उधर, जब इसी संबंध में उत्तर वन मण्डल के डीएफओ गौरव शर्मा से मोबाइल पर बात की गई तो उन्होंने भी पहले यही कहा कि पन्ना जिले में हाल ही में शहीद हुए वन क्षेत्रपाल बी.आर. भगत के परिजन चूंकि प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में सम्मलित होने भोपाल गए हुए थे, यदि वे पन्ना आते तब कार्यक्रम का आयोजन किया जाना सही था। स्व. श्री भगत के अलावा पन्ना जिले में एक वर्ष की अवधि में अन्य कोई भी वन अधिकारी/कर्मचारी शहीद नहीं हुआ है। डीएफओ श्री शर्मा से सवाल किया कि वे श्रद्धांजलि सभा आयोजित न करने को लेकर जो तर्क दे रहे हैं, ऐसी किसी शर्त या अनिवार्यता का जिक्र तो प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल ने अपने पत्र में किया ही नहीं है। उत्तर वन मण्डल पन्ना के डीएफओ को तब तक शायद यह एहसास हो चुका था कि वे अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए जो दलील दे रहे हैं वह सही नहीं है।
दक्षिण वन मण्डल पन्ना के रैपुरा रेन्ज कार्यालय में मोमबत्ती जलाकर और मौन धारण कर विभागीय शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए वन अधिकारी-कर्मचारी।
इसलिए उन्होंने बात पलटते हुए बताया कि शुक्रवार 11 सितम्बर को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक उनके वन मण्डल अंतर्गत हुए पौधारोपण कार्यों का निरीक्षण करने जिले के दौरे पर आए हुए थे, फील्ड में उनके साथ मेरे और स्टॉफ के भ्रमण पर रहने के कारण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन नहीं हो सका। लेकिन अगली बार शहीद वन अधिकारियों/कर्मचारियों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम हर हाल में आयोजित किया जाएगा। यहां पर यह विशेष उल्लेखनीय है कि पीसीसीएफ भोपाल के पत्र की अपनी-अपनी सुविधानुसार मनमानी व्याख्या के बीच पन्ना जिले में अपवाद स्वरुप दक्षिण वन मण्डल अंतर्गत सभी वन परिक्षेत्र कार्यालयों में शहीद वन अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए दो मिनिट का मौन धारण कर उनके बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसकी विभागीय अमले बीच सराहना हो रही है। अधिकांश वन कर्मचारी यह कह रहे हैं कि पन्ना में शहीद वन अधिकारियों-कर्मचारियों को जब सबने भुला दिया तब किसी ने तो उनकी शहादत को याद रखा।