सरकार की छवि चमकाने वाले कार्यालय में 3 साल से नहीं अधिकारी, एकमात्र लिपिक और भृत्यों के भरोसे चल रहीं व्यवस्थाएं

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पन्ना के नवीन संयुक्त कलेक्ट्रट कार्यालय के प्रथम तल में स्थित जनसम्पर्क कार्यालय।
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) प्रदेश सरकार की जन-मानस के बीच उज्जवल छवि प्रस्तुत करने का दायित्व जनसम्पर्क विभाग का है। सरकार की नीतियों, निर्णयों, योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों की जानकारी प्रचार-प्रसार माध्यमों से लोगों तक पहुंचाने वाले इस विभाग की पन्ना जिले में हालत बेहद ख़राब है। करीब 3 साल से जिला जनसम्पर्क कार्यालय में कोई अधिकारी नहीं है। यह महत्वपूर्ण कार्यालय एकमात्र लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे किसी तरह संचालित हो रहा है। राजधानी भोपाल में बैठे जनसम्पर्क विभाग के शीर्ष अधिकारियों को पन्ना कार्यालय की बदहाली की जानकारी होने के बाद भी उनके द्वारा व्यवस्थाओं में सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अघोषित तौर जनसम्पर्क संचालनालय ने पन्ना के जिला कार्यालय को अपने हाल पर छोड़ दिया है। इसका सीधा दुष्प्रभाव विभागीय गतिविधियों पर पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि पन्ना में जिला जनसम्पर्क अधिकारी के न होने के कारण कार्यालय प्रभारी सुधीर कुमार धामी (सहायक ग्रेड-3) किसी तरह बमुश्किल प्रशासन के दैनिक समाचार ही समाचार पत्रों के लिए जारी कर पा रहे हैं। दरअसल, वे अपने कार्यालय में एकमात्र लिपिक हैं। इसलिए उन्हें कार्यालय प्रभारी के दायित्व साथ-साथ लिपिक के तौर पर भी अपने पदीय दायित्वों का निर्वाहन करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में उनसे विशेष कव्हरेज की उम्मीद नहीं की जा सकती है। वैसे भी लिपिक और भृत्य (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) मिलकर किसी तरह दैनिक समाचार जारी कर रहे हैं, यह अपने आप में विशेष उल्लेखनीय बात है।
प्रतिदिन जारी किए जाने वाले सामाचारों की गुणवत्ता को अगर नजरअंदाज करते हुए इनके कार्य का मूल्यांकन करें तो अपनी योग्यता, क्षमता और पदीय दायित्व के दायरे से आगे जाकर वे काम कर रहे हैं। तीन साल से दैनिक समाचार की सेवाएं लागातर जारी रहना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। समाचार लेखन चाहे जिस भी स्तर का हो मगर शासन-प्रशासन का प्रचार-प्रसार तो हो ही रहा है। वैसे भी समाचार की बारीकियों पर गौर करने वाले पाठक अब कितने हैं। मौजूदा समय में सब चलता है कि तर्ज पर पन्ना के जनसम्पर्क कार्यालय को भी चलाया जा रहा है।
मालूम हो कि पन्ना जिले में मार्च 2018 तक सुश्री नीलू सोनी जिला जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में पदस्थ रहीं है। छिंदवाड़ा के लिए उनका स्थानांतरण होने के करीब 3 साल बाद भी पन्ना को जनसम्पर्क अधिकारी नहीं मिल सका। जबकि इस अवधि कुछ जनसम्पर्क अधिकारियों का पन्ना स्थानांरण भी हुआ लेकिन कोई ज्वाइन करने नहीं आया। अर्थात जनसम्पर्क संचालनालय की उदासीनता के चलते पन्ना स्थानांतरित होने वाले जनसम्पर्क अधिकारियों के स्थानांतरण मजाक बनते रहे हैं। क्योंकि, स्थानांतरित किए जाने वाले अधिकारियों की नवीन पदस्थापना पर उपस्थिति (ज्वाइनिंग) सुनिश्चित नहीं कराई गई।
पन्ना में जनसम्पर्क अधिकारी के न होने के कारण शासन-प्रशासन की विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों, योजनाओं, नीतियों और उनकी उपलब्धि के विशेष लेख, सफलता की कहानियाँ, इनसे जुड़े फोटो, वीडियो कव्हरेज का स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशन तथा न्यूज चैनलों में प्रसारण संभव नहीं हो पा रहा है। सरकारी समाचारों में विविधता, रोचकता और नयापन लाने की कवायद भी पूरी तरह से थम चुकी है।
पन्ना स्थित एनएमडीसी लिमिटेड की हीरा खनन परियोजना, टाइगर रिजर्व व भव्य प्राचीन मंदिरों की प्रसिद्धि वैश्विक स्तर पर होने से यहाँ अक्सर ही विशिष्ट/अति विशिष्ट लोगों का भ्रमण अथवा शासकीय दौरे पर आना-जाना लगा रहता है। उनसे संबंधित समाचार सही तरीके से समय पर जारी हो सकें इसके लिए योग्य और अनुभवी जनसम्पर्क अधिकारी का होना जरुरी है। सर्व विदित है कि पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह प्रदेश सरकार में खनिज एवं श्रम विभाग के मंत्री हैं। हैरानी की बात है कि कैबिनेट मंत्री के गृह जिले का जनसम्पर्क कार्यालय लिपिक और भृत्यों के भरोसे चलवाया जा रहा है।

पुराने कार्यालय में पड़ा है आधा सामान

जिला जनसम्पर्क कार्यालय में लम्बे समय से अधिकारी के न होने इस कार्यालय की रौनक गायब हो चुकी है। जनसम्पर्क ऑफिस को पन्ना के नवीन संयुक्त कलेक्ट्रट कार्यालय में शिफ्ट हुए सालभर से अधिक समय हो चुका है लेकिन आज भी इसका पूरा सामान नए कार्यालय में नहीं पहुंचा। मजेदार बात तो यह कि जिला जनसम्पर्क अधिकारी की टेबल-कुर्सी सहित अन्य महत्वपूर्ण सामान पन्ना के पुराने कलेक्ट्रट कार्यालय महेन्द्र भवन में ही पड़ा है। जिसमें लाखों रुपए मूल्य की पुस्तकें भी शामिल है। पुराने कलेक्ट्रट में पड़ा सामान तेजी से कबाड़ में तब्दील हो रहा है। लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

इनका कहना है –

“पन्ना जिले में शीघ्र ही जिला जनसम्पर्क अधिकारी की पदस्थापना कर रिक्त पड़े पद को भरा जाएगा। अगर कोई वहाँ जाने का इच्छुक हुआ तो उसकी पदस्थापना की जाएगी या फिर किसी न किसी को अवश्य ही भेजा जाएगा।”

आशुतोष प्रताप सिंह, संचालक, जनसम्पर्क संचालनालय, भोपाल।