MP के उपयंत्रियों का दर्द | 34 साल की नौकरी में एक भी पदोन्नति नहीं, जिस पद में भर्ती उसी से रिटायर

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मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष, जिला शाखा पन्ना, कृष्ण पाल सिंह यादव।

*     बेमानी बने वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन देने के आदेश

पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश में शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति देने का फार्मूला छह साल बाद भी तैयार नहीं हो सका। इस दौरान सरकारें बदलीं और इस मुद्दे पर शीर्ष स्तर पर बैठकों में काफी विचार-विमर्श हुआ लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। लंबे होते इस इंतजार के कारण 60 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं। इसे लेकर कर्मचारी संगठनों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कर्मचारी संगठनों ने पदोन्नति का मुद्दा जोर-शोर से उठाकर सरकार पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है। प्रमोशन के मामले में सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति निर्माण विभागों में पदस्थ उपयंत्रियों की है।
मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला शाखा पन्ना के अध्यक्ष कृष्ण पाल सिंह यादव ने बताया कि प्रदेश के सब इंजीनियरों (उपयंत्रियों) को नियुक्ति दिनांक से सेवानिवृत्त होने के दिनांक तक एक भी प्रमोशन नहीं दिए जा रहे हैं। लोकनिर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जल संसाधन विभाग एवं अन्य विभागों में आज भी अनेक उपयंत्री भर्ती के पद में ही कार्य कर रहे हैं। 34 साल की सेवा में एक भी प्रमोशन नहीं मिला। जबकि प्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश है कि वरिष्ठता के आधार पर उपयंत्री को पदोन्नत किया जाए लेकिन, शासन के स्पष्ट आदेशों के बाद भी विभागीय अधिकारियों की अफसरशाही के कारण उपयंत्री जिस पद पर भर्ती हुए उसी से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा एवं अपाक्स पन्ना के जिलाध्यक्ष कृष्ण पाल सिंह यादव ने मध्यप्रदेश शासन के विभागों में पदस्थ उपयंत्रियों को पूरे सेवाकाल में कम से कम दो प्रमोशन दिए जाने की पुरजोर मांग की है।