पन्ना : हादसों के बाद इस बेहद ख़ूबसूरत और ख़तरनाक जलप्रपात में पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित

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बृहस्पति कुण्ड पहुँच मार्ग पर की गई बैरिकेटिंग एवं जवान की तैनाती का पेट्रोलिंग के दौरान मुआयना करते हुए बृजपुर थाना प्रभारी बखत सिंह।

*   पहुंच मार्ग की बैरिकेडिंग कर पुलिस जवानों को किया तैनात

*   मानसून सीजन में बंद रहेगा पन्ना का बृहस्पति कुण्ड जलप्रपात

*   पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से लिया निर्णय

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना में स्थित बेहद ख़ूबसूरत और ख़तरनाक जलप्रपात इन दिनों दो हादसों की वजह से मीडिया की सुर्ख़ियों में है। रविवार 1 अगस्त को पन्ना के पाली सेहा (जलप्रपात) में दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए एक नवयुवक के जलप्रपात से बहकर लगभग 2000 फिट नीचे गिरने से दर्दनाक मौत हो गई थी। रविवार को ही सामने आई एक अन्य घटना में बृहस्पति कुण्ड (जलप्रपात) में गिरने वाली बाघिन नदी के तेज प्रवाह में पर्यटकों की कार बहते हुए थोड़ी दूर जाकर पेड़ों व झाड़ियों में फंस गई थी। कार में सवार पर्यटकों की जान अथक प्रयासों के बाद बचाई जा सकी। इसके अलावा कुछ दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का अतर्रा निवासी युवक नवीन वर्मा बृहस्पति कुण्ड जलप्रपात में नीचे उतरकर नहाते समय कुण्ड में डूब गया था।
पन्ना जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेहद खूबसूरत और खतरनाक बृहस्पति कुण्ड का विहंगम दृश्य।
इन हादसों ने पन्ना की पुलिस एवं प्रशासन का ध्यान खतरनाक जलप्रपातों मानसून सीजन में बड़ी संख्या में पहुँचने वाले पर्यटकों की सुरक्षा की ओर खींचा है। जलप्रपातों में सुरक्षा के माकूल इंतजाम न होने के बाद भी पर्यटक अपनी जान जोखिम डालकर बड़ी संख्या में इनका सौंदर्य को निहारने पहुंच रहे हैं। इससे चिंतित और परेशान पन्ना पुलिस ने पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनज़र एहतियाती कदम उठाते हुए खतरनाक बृहस्पति कुण्ड (जलप्रपात) क्षेत्र में सोमवार 2 अगस्त से पर्यटकों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। बृहस्पति कुण्ड में पर्यटकों की इन्ट्री पर बैन पूरे मानसून सीजन तक जारी रहेगा। बृजपुर थाना पुलिस ने बृहस्पति कुण्ड (जलप्रपात) मार्ग की बाकायदा बैरिकेडिंग कर वहां जवानों को तैनात कर दिया है।
पन्ना के बृहस्पति कुण्ड (जलप्रपात) के समीप बाघिन नदी के तेज बहाव में बही कार। (लाल घेरे में)
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों पन्ना जिले में लगातार बारिश होने के चलते यहाँ के जलप्रपातों को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक भी पहुँच रहे हैं। पन्ना जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बृहस्पति कुण्ड जल प्रपात के सौंदर्य को निहारने कुछ दिनों से लोगों का तांता लगा हुआ था। जिले के बृजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाघिन नदी पर बने बृहस्पति कुण्ड के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बेहद ऊंचाई से गिरते झरने की भव्यता को देखकर हर कोई यहां पहुंच रहा था। लेकिन अभी पर्यटक स्थल के रूप में पूरी तरह विकसित नहीं हुए इस कुण्ड में सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। जिससे जरा सी लापरवाही होने पर हादसे भी हो रहे हैं। रविवार 1 अगस्त को कुछ ऐसा ही हुआ।
पड़ोसी जिले छतरपुर के नौगांव निवासी यशवंत सिंह यादव का परिवार दो वाहनों में सवार होकर बृहस्पति कुण्ड को निहारने पहुंचा था। लेकिन यहां बाघिन नदी के पुल पर अति उत्साह में कार उतार दी और उनकी एक कार नदी के बहाव में फंस कर बहती चली गई। इसी बीच नदी की धारा से कार पास ही अटक गई और दूसरी कार में सवार अन्य साथियों ने कार से लोगों को निकाल कर उनकी जान बचाई। यहां जरा सी चूक हो जाती तो यह परिवार सैंकड़ों फिट गहरी खाई में समां जाता। हालांकि गनीमत रही कि कार अटक गई और लोगों की जान बचाई जा सकी।
सेहा की ओर जाने वाले पाली नाले के जल प्रवाह को देखते हुए बृजपुर थाना प्रभारी एवं एसडीआरएफ की टीम के सदस्य। (फाइल फोटो) 
बृजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रविवार को ही एक अन्य हादसा पाली सेहा (जलप्रपात) में हुआ। जहां दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने पहुंचा सनी उर्फ़ अफसर पिता अनवर खान 25 वर्ष निवासी किशोरगंज पन्ना नाले के पानी के तेज बहाव में डूब गया और बहते हुए जलप्रपात के नीचे गिर गया। भयानक हादसे का शिकार बने सनी का शव अगले दिन सोमवार को एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम के सघन सर्चिंग अभियान के दौरान गहरे कुण्ड में मिला था। इन हादसों को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस ने सोमवार 2 अगस्त से ही बृहस्पति कुण्ड जलप्रपात में पर्यटकों के जाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
मालूम होकि पन्ना जिले में एक से बढ़कर एक दर्जन भर से अधिक बेहद सुंदर और खतरनाक जलप्रपात स्थित हैं। जिनमें बारिश के मौसम में लगभग 1500 से लेकर 3000 फिट की ऊंचाई से जलधारा गिरती है। पन्ना के पाण्डव फॉल को छोड़कर अन्य किसी भी जलप्रपात में पर्यटकों की सुरक्षा के माकूल इंतजाम नहीं हैं, ऐसे में सिर्फ बृहस्पति कुण्ड जलप्रपात में पर्यटकों की इन्ट्री बैन क्यों की गई ? इस सवाल के जवाब देते बृजपुर थाना प्रभारी बखत सिंह ने बताया कि अन्य वाटरफॉल की अपेक्षा बृहस्पति कुण्ड को देखने के लिए कई गुना अधिक पर्यटक पहुँचते हैं साथ ही इसके कुण्ड तक नीचे पहुँचने का मार्ग बेहद जोखिम भरा है। यह प्राकृतिक स्थल देखने में सुन्दर और मनोरम जरूर है लेकिन यहां खतरा भी कम नहीं है। जरा सी लापरवाही व असावधानी यहाँ जानलेवा साबित हो सकती है।
बृहस्पति कुण्ड जलप्रपात के कुण्ड को देखने के लिए पर्यटक इस तरह चट्टानों के संकीर्ण और जोखिम भरे रास्ते से जाते हैं नीचे।
बाघिन नदी का पानी सैकड़ों फिट नीचे जिस जगह पर गिरता है, उसे ही बृहस्पति कुण्ड के नाम से जाना जाता है। यहाँ तक पहुँचने के लिए बेहद खतरनाक चट्टानों के संकीर्ण मार्ग से होकर लोग पहुंचते हैं, जहाँ न तो कोई सुरक्षा दीवाल है और न ही रेलिंग। ऐसी स्थिति में यहाँ जरा सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है। बारिश के मौसम में चट्टानों में काई लगने से फिसलन होने लगती जिससे पर्यटकों के नीचे उतरते व चढ़ते समय स्लिप होने का खतरा बढ़ जाता है। बृजपुर थाना प्रभारी बखत सिंह के अनुसार पिछले दिनों लगातार हुई बारिश के चलते बृहस्पति कुण्ड कुण्ड की भव्यता को निहारने के लिए प्रतिदिन 250-300 दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों से पर्यटक यहां पहुँच रहे थे। पर्यटकों की इतनी बड़ी संख्या और जोखिम को देखते हुए फिलहाल बृहस्पति कुण्ड क्षेत्र में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। पर्यटकों को यहां पहुँचने से रोकने के लिए रास्ते की बैरिकेटिंग करके पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।
आपने बताया कि बृजपुर थाना अंतर्गत आने वाले बृहस्पति कुण्ड के साथ-साथ अन्य खतरनाक स्थानों जैसे पाली सेहा एवं अन्य चिन्हित स्थानों में बारिश के दौरान पर्यटकों को जाने से रोकने के लिए उक्त स्थलों की निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है। साथ ही इलाके में एनाउंसमेंट कराकर स्थानीय लोगों को स्वयं भी ऐसे स्थानों पर ना जाने एवं दूसरों को जाने से मना करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इधर, पन्ना पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना ने भी सोशल मीडिया पर कुछ कैरीकेचर शेयर कर जिले के नागरिकों से बारिश के मौसम में जलप्रपात, तालबों एवं झीलों में होने वाले हादसों के मद्देनजर ऐसे स्थानों पर ना जाने की अपील की है।