पन्ना जिला पेयजल अभाव ग्रस्त घोषित, जलस्रोतों का पानी पीने और घरेलू उपयोग के लिए किया सुरक्षित

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पन्ना का धरमसागर तालाब।

* सिंचाई और अन्य व्यवसायिक प्रयोजन हेतु पानी का उपयोग प्रतिबंधित

* नवीन नलकूप खनन एवं सफाई कराने के लिए लेनी होगी अनुमति

* पेयजल समस्या के निवारण हेतु पर्याप्त बारिश होने तक रहेगी रोक

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) जिले में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण सम्पूर्ण जिले में आगामी समय में उत्पन्न होने वाली पेयजल समस्या के निवारण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड पन्ना के कार्यपालन यंत्री के प्रस्ताव पर पन्ना कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जिले को 15 जुलाई 2020 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने कहा है कि लोकहित में यह अत्यावश्यक हो गया है कि सम्पूर्ण जिले में वर्तमान में उपलब्ध जल का ऐसा उपयोग हो जिससे नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के परिारों के दैनंदिनी/घरेलू उपयोग हेतु जल उपलब्ध हो सके। इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण जिले के पशुधन के लिए आवश्यक जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रबंध की ओर विशेष ध्यान दिया जाना एवं सम्पूर्ण पन्ना जिले मेें मध्यप्रदेश पेयजल परिक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधन 2002 (आगे अधिनियम) के अन्तर्गत कार्यवाही की जाना आवश्यक है। उन्होंने उपरोक्त अधिनियम की धारा-3 के अन्तर्गत सम्पूर्ण पन्ना जिले को 15 जुलाई 2020 तक अथवा पर्याप्त वर्षा होने तक के लिए पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि सम्पूर्ण पन्ना जिले को जल अभावग्रस्त घोषित किए जाने का आशय यह होगा कि कलेक्टर या प्राधिकृत अन्य अधिकारी की अनुमति के बिना कोई व्यक्ति किसी जल स्त्रोत तथा नदी बंधान, जलधारा, जलाशय आदि सहित किन्ही जल क्षेत्र से सिंचाई या औद्योगिक प्रयोजन हेतु किसी भी साधनों द्वारा जल नहीं लेगा एवं सम्पूर्ण जिले में सिंचाई, उद्यानिकी, औद्योगिक प्रयोजन तथा भवन निर्माण हेतु नलकूप/कुआं का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। जिले के नदी-नालों पर संचालित उद्वहन सिंचाई योजनाओं में पानी उपलब्धता के आधार पर संबधित ग्राम पंचायत व जल उपभोक्ता संस्था की अनुशंसा और जल संसाधन विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर इस कार्यालय द्वारा सिंचाई की अनुमति दी जाएगी। जिन नदी-नालों में पानी बह रहा है वहां नदी-नालों में रूके हुए पानी के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। केन्द्रीय शासन एवं उनके उपक्रमों और राज्य शासन के विभागों व उनके उपक्रमों को नलकूप खनन की छूट इस शर्त पर दी जाती है कि जिस स्थान पर नलकूप खनन किया जा रहा है वह मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-6 के अनुसार व्यक्तिकरण परिक्षेत्र में नही आता है।
उन्होंने पन्ना नगर के मुख्य तालाब धरमसागर, लोकपालसागर, निरपतसागर तालाब से पेयजल की सप्ताई होती है इन तालाबों से सिंचाई हेतु पानी लेना या भवन निर्माण हेतु पानी लेना पर्याप्त वर्षा होने तक प्रतिबंधित किया है। निर्धारित क्षेत्रों में नदी-बांधों-नहरों जलाशयों बंधानों से घरेलू प्रयोजन के अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिबंधित क्षेत्रों में स्थापित मोटर पम्प की सूची मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के कार्यपालन यंत्री को उपलब्ध कराएं। जिससे की ऐसे मोटर पम्पों के विद्युत विच्छेद की नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा सके। यदि कोई व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता है तो वह अधिनियम की धारा-9 के अन्तर्गत 2 वर्ष के कारावास या जुर्माना जो दो हजार रूपये तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डनीय होगा।
पन्ना का लोकपाल सागर तालाब।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कर्मवीर शर्मा ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्र में सिंचाई अथवा औद्योगिक प्रयोजन के लिए पानी के उपयोग की अनुमति चाहता है तब वह अधिनियम की धारा-4 व संबंधित नियमों के अन्तर्गत आवेदन प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करें। इसी प्रकार कोई व्यक्ति नलकूप खनन की अनुमति चाहता है तो अधिनियम की धारा-6 के अन्तर्गत प्राधिकृत अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत कर सकता हैै। अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत नवीन नलकूप खनन-नलकूप सफाई हेतु विशेष परिस्थितियों में अनुमति देने के लिए तहसील पन्ना-देवेन्द्रनगर हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पन्ना, तहसील पवई-सिमरिया के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पवई, तहसील अजयगढ के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अजयगढ, तहसील गुनौर-अमानगंज के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर तथा तहसील शाहनगर-रैपुरा के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शाहनगर को अधिकार प्रत्यायोजित किए गए हैं। यह आदेश 15 जुलाई 2020 तक प्रभावशील रहेगा तथा इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए। यह आदेश सम्पूर्ण पन्ना जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से लागू रहेगा।