पीएम आवास घोटाला : अध्यक्ष, सीएमओ, उपयंत्री समेत 7 के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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फाइल फोटो।

* पन्ना जिले की पवई नगर परिषद का मामला

* अध्यक्ष पति को भी पुलिस ने बनाया आरोपी

* स्वीकृत सूची से 139 पात्र हितग्राहियों के नाम काटकर अपात्रों को बांटी आवास की राशि

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in)  मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की नगर परिषद पवई में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए घोटाले पर स्थानीय थाना पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ नामजद आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया है। आवास योजना के पात्र हितग्राहियों की स्वीकृत सूची में छेड़छाड़ करते हुए अपात्रों के नाम जोड़कर उनके बैंक खातों में राशि जारी करने के बहुचर्चित फर्जीवाड़े में पुलिस ने नगर पंचायत अध्यक्ष पवई किरण बागरी, अध्यक्ष पति बृजपाल बागरी उर्फ़ भोलू, तत्कालीन सीएमओ विजय रैकवार, उपयंत्री विक्रम बागरी समेत सात लोगों के विरुद्ध जालसाजी, गबन और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए मामले को विवेचना में लिया है। इस प्रकरण में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
किरण बागरी, पूर्व अध्यक्ष, नगर परिषद पवई।
आसन्न नगरीय निकाय चुनाव के ठीक पहले कोंग्रेस की पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष किरण बागरी, उनके पति समेत अन्य के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने से पवई में सियासी हलचल अचानक तेज हो गई है। नगर परिषद पवई में करीब दो दशक से काबिज रहे बागरी परिवार के प्रमुख सदस्यों पर एफआईआर दर्ज होने से उनके राजनैतिक विरोधियों एवं परिषद में विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की बाछें खिल गई हैं। दरअसल, इन्हें लगता है कि पवई नगर परिषद में वापसी का यह सुनहरा अवसर है।
नगर परिषद पवई में केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं करते हुए जमकर पलीता लगाए जाने की शिकायतें मिलने पर कलेक्टर ने करीब 2 माह पूर्व जांच हेतु चार सदस्सीय समिति गठित की थी। समिति ने जांच उपरान्त प्रस्तुत की गई अपनी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए उल्लेख किया है कि, वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना के 774 हितग्राहियों की कलेक्टर पन्ना द्वारा स्वीकृत सूची में शामिल 139 पात्र हितग्राहियों के नाम हटाकर इतने ही अपात्रों के नाम जोड़े गए। कूटरचना कर दस्तावेजों में हेराफेरी करने के पश्चात अपात्र हितग्राहियों के खातों में आवास की राशि दो-दो लाख रुपए डाल दिए गए। जांच में कमिटी ने पाया कि 9 हितग्राही ऐसे भी हैं जिनके मकान पूर्व से निर्मित हैं।
बृजपाल बागरी उर्फ़ भोलू, अध्यक्ष पति।
आवास योजना में हुए इस घपले के लिए जांच कमिटी ने तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष किरण बागरी, उनके पति बृजपाल बागरी, तत्कालीन सीएमओ विजय रैकवार, उपयंत्री विक्रम बागरी समेत सात लोगों को दोषी ठहराया है। जांच में यह बात भी उभरकर सामने आई है कि पूर्व अध्यक्ष किरण बागरी की भूमिका कथित रूप से रबर स्टाम्प की रही है, परिषद के कार्य उनके पति बृजपाल बागरी उर्फ़ भोलू करते थे। आवास योजना के फर्जीवाड़े में अध्यक्ष पति को आरोपी बनाए जाने को लेकर भी यही वजह बताई जा रही है। बृजपाल बागरी उर्फ़ भोलू पर यह आरोप है कि उनके द्वारा नगर परिषद के कार्य में अवांछनीय हस्तक्षेप करके एवं अस्थाई कर्मचारियों पर दवाब बनाकर आवास योजना की सूची से पात्र हितग्राहियों के नाम हटवाकर अपात्रों के नाम जुड़वाए गए।
आवास योजना में हुई धांधली को लेकर शिकवा-शिकायतों चलते मामला मीडिया की सुर्ख़ियों में आने पर जिला प्रशासन हरकत में आया। कलेक्टर ने प्रकरण की गहनता से जांच हेतु आदेश जारी करते हुए समिति गठित की। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी कुछ समय तक सियासी दवाब या निहित स्वार्थपूर्ती के चक्कर में इसे ठण्डे बस्ते रखा गया। इसकी भनक लगने पर सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद जांच रिपोर्ट पर एक्शन की कार्रवाई शुरू हो सकी। कलेक्टर के निर्देश पर नगर परिषद पवई के सीएमओ हरि वल्लभ शर्मा के द्वारा गत दिनों दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने के लिए आवास घोटाले की जांच रिपोर्ट सहित आवश्यक दस्तावेज पवई थाना पुलिस को सौंपें गए।
विजय कुमार रैकवार, पूर्व सीएमओ, नगर परिषद पवई।
नगर निरीक्षक सुदामा प्रसाद शुक्ला ने बताया कि नगर परिषद पवई में आवास योजना की स्वीकृत सूची में फेरबदल कर घोटाला करने के मामले में दिनांक 02 दिसम्बर को तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष पवई किरण बागरी, अध्यक्ष पति बृजपाल बागरी उर्फ़ भोलू, तत्कालीन सीएमओ विजय रैकवार, उपयंत्री विक्रम बागरी, अस्थाई कर्मचारी सच्चिदानंद पटेल, बलराम पटेल, नीलेश विश्वकर्मा के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471, 34 ताहि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। प्रकरण में आरोपी बनाए गए तत्कालीन सीएमओ विजय रैकवार वर्तमान में पड़ोसी जिला सतना की न्यू रामनगर नगर परिषद में पदस्थ हैं। जबकि शेष आरोपी पवई में ही मौजूद हैं।
फाइल फोटो।
चर्चा है कि कोंग्रेस पार्टी की पूर्व पवई नगर परिषद अध्यक्ष किरण बागरी के कार्यकाल में हुए अन्य घपले-घोटाले भी आने वाले दिनों में उजागर हो सकते हैं। उधर, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद और निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान से पूर्व कोंग्रेस नेत्री किरण बागरी और उनके पति की कारगुजारियों को लेकर दोनों पर तेजी से कानूनी शिकंजा कसने की टाइमिंग के मद्देनज़र पवई में कतिपय लोग इसे राजनैतिक एवं चुनावी लाभ की मंशा से की जा रही कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं।