घटिया निर्माण कार्य | 50 लाख की लागत का पुल 3 माह के अंदर हुआ क्षतिग्रस्त

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पन्ना जिले में गुणवत्ता विहीन निर्माण के चलते क्षतिग्रस्त हुआ बिरवाही से रानीपुरा मार्ग पर निर्मित पुल।

*      प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत हुआ था निर्माण

*      कमीशनखोरी के चलते निर्माण कार्यों से गुणवत्ता ग़ायब

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पिछले कुछ सालों से खनिज संपदा की बेइंतहा लूट, सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता अपने चरम पर है। विडंबना यह है कि, सार्वजानिक मंचों से भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की दुहाई देने वाली शिवराज सरकार से इस लूट-खसोट को प्रत्यक्ष-परोक्ष तौर पर संरक्षण मिल रहा है। जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं। पन्ना में सरकारी धनराशि किस तरह कमीशनखोरी या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है, बिरवाही-रानीपुरा मार्ग पर नवनिर्मित पुल इसका एक उदाहरण मात्र है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 50 लाख की लागत से बना यह पुल तीन माह के अंदर ही क्षतिग्रस्त हो चुका है। विभागीय तकनीकी अधिकारी कल तक इसे जानबूझकर नजर अंदाज करते रहे। मामला मीडिया में आने के बाद अब चालाक अधिकारी कार्य की निगरानी की अपनी जवाबदेही से बचने के लिए पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को तुड़वाकर ठेकेदार से नए सिरे से पुनः निर्माण कराने की बात कह रहे हैं।
जिले के पन्ना विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले बिरवाही से रानीपुरा मार्ग पर बारहमासी सुगम आवागमन सुविधा बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 17.95 मीटर लम्बाई वाला छोटा पुल प्रस्तावित किया गया था। जिसे तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद कार्य की निविदा आमंत्रित की गई। पैकेज क्रमांक-MP-28BR304 के अंतर्गत आने वाले इस पुल के निर्माण कार्य का ठेका मेसर्स शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन सतना (मप्र) को 50 लाख से अधिक राशि पर प्राप्त हुआ था। क्रियान्वयन एजेंसी मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई पन्ना और ठेकेदार के मध्य पुल निर्माण हेतु अनुबंध निष्पादित होने के पश्चात दिनांक 23 सितंबर 2020 को कार्यादेश जारी किया गया। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्णता तिथि दिनांक 22 सितंबर 2021 निर्धारित की गई थी।

क्षेत्रवासी हुए निराश और नाराज

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित पुल का एप्रोच स्लैब पहली ही बारिश में धंस गया।
कुछ माह पूर्व इस पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर क्षेत्र के लोग काफी खुश थे। क्योंकि, पुल बनने से बारिश के मौसम में बिरवाही-रानीपुरा मार्ग पर आवगमन बाधित होने की समस्या से उन्हें हमेशा के लिए निजात मिलने की उम्मीद थी। लेकिन घटिया निर्माण के चलते यह पुल महज तीन माह के अंदर ही क्षतिग्रस्त हो गया। पुल के बनते ही क्षतिग्रस्त होने से न सिर्फ क्षेत्रवासियों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा बल्कि इससे पांच साल की गारंटी वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की साख़ पर भी बट्टा लगा है। नवनिर्मित पुल पिछले कई माह से क्षतिग्रस्त पड़ा है और पांच वर्ष के संधारण की गारंटी देने वाली क्रियान्वयन एजेंसी के स्थानीय अफसर पूरी ढिठाई के साथ तमाशबीन बने बैठे हैं। क्षतिग्रस्त पुल के सुधार में हो रही देरी के चलते क्षेत्रवासी खासे नाराज बताए जा रहे हैं।

सवालों के घेरे में दोहरी मॉनिटरिंग

विदित हो कि प्रधामंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित होने वाली संरचनाओं का निर्माण गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने की मंशा से कार्य की मॉनिटरिंग की दोहरी व्यवस्था की गई है। अर्थात क्रियान्वयन एजेंसी के तकनीकी अधिकारियों के अलावा कंसलटेंसी एजेंसी का तकनीकी अमला भी कार्य की निगरानी और उपयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से करता है। बावजूद इसके बिरवाही-रानीपुरा मार्ग पर निर्मित पुल के एप्रोच स्लैब के धराशाई होने से साफ़ जाहिर है जिम्मेदारों के द्वारा कार्य की निगरानी ईमानदारी से नहीं की गई। कथित तौर पर ठेकदार से मिलीभगत चलते तकनीकी अधिकारियों ने पुल निर्माण कार्य को गुणवत्ता के मानकों की कसौटी पर ना कसकर घटिया कार्य करने की छूट दी। कार्य की गुणवत्ता से समझौता किए जाने के परिणामस्वरुप पांच साल की गारंटी वाला पुल बनने के तीन माह के अंदर ही क्षतिग्रस्त हो गया। नवनिर्मित पुल पहली बारिश तक नहीं झेल सका। बहरहाल क्षतिग्रस्त पुल ने पन्ना में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों में चल रही लीपापोती के खेल को उजागर कर दिया है। जिससे निर्माण कार्यों की दोहरी मॉनिटरिंग व्यवस्था सवालों के घेरे में है। उल्लेखनीय है कि जब इस संबंध में प्रधानमंत्री सड़क योजना पन्ना के महाप्रबंधक महेश कुमार कोरी से विभाग का पक्ष जानने के लिए संपर्क करने का प्रयास किया तो कई बार रिंग बजने के बाद भी उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ।