बड़ी खबर : जेके सीमेन्ट का पन्ना जिले में शीघ्र शुरू होगा उत्पादन ! लाईम स्टोन के उत्खनन के लिए 16 सौ हेक्टेयर की लीज़ 50 साल के लिए स्वीकृत

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उप पंजीयक कार्यालय पन्ना में लीज डीड के रजिस्ट्रीकरण उपरांत ई-पंजीयन के दस्तावेज प्राप्त करते हुए जेकेसेम सेन्ट्रल लिमिटेड के प्रतिनिधि।

* कम्पनी ने 36 करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी देकर लीज डीड की रजिस्ट्री कराई

* अमानगंज तहसील के आधा दर्जन ग्रामों से होगा लाईम स्टोन का उत्खनन

* प्रशासन द्वारा लीज डीड निष्पादन की शर्तों को नहीं किया गया सार्वजानिक

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बहुप्रतीक्षित जेके सीमेन्ट फैक्ट्री की स्थापना और सीमेंट उत्पादन का रास्ता साफ़ हो गया है। इस दिशा में शासन-प्रशासन स्तर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। खनिज साधन विभाग ने जेकेसेम सेन्ट्रल लिमिटेड के पक्ष में जिले की अमानगंज तहसील के आधा दर्जन ग्रामों की 1594.34 हेक्टेयर भूमि पर लाईम स्टोन के उत्खनन हेतु 50 वर्ष के लिए लीज डीड (पट्टा लेख) का निष्पादन किया गया है। आज लीज डीड के रजिस्ट्रीकरण (पंजीयन) की कार्रवाई पूरी की गई। ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खनिज संसाधन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा जेकेसेम सेन्ट्रल लिमिटेड के पक्ष में शनिवार 19 सितम्बर 2020 को पन्ना जिले की अमानगंज तहसील के ग्राम ककरा, सप्तई, देवरा, कमताना, जूड़ी, देवरी पुरोहित की 1594.34 हेक्टेयर भूमि पर लाईम स्टोन के उत्खनन हेतु 50 वर्ष की अवधि के लिए लीज डीड (पट्टा लेख) निष्पादन की कार्रवाई की गई। इसी क्रम में लीज डीड का पंजीयन (रजिस्ट्रीकरण) बुधवार 23 सितंबर 2020 को राज्य शासन की और से पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र एवं जेकेसेम के प्रतिनिधि के द्वारा उप पंजीयक कार्यालय पन्ना में कराया गया। लीज की रजिस्ट्रीकरण से स्टाम्प ड्यूटी तथा पंजीयन शुल्क के रूप में कुल रुपए 36,06,77,747/-(छत्तीस करोड़, छः लाख, सतहत्तर हजार, सात सौ सैंतालीस रुपए) का राजस्व प्राप्त हुआ है। उक्त स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान उप पंजीयक रामेश्वर प्रसाद अहिरवार के द्वारा ऑनलाइन मोड में करवाया गया है।
कलेक्टर कार्यालय पन्ना द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति।
फलस्वरूप ई-पंजीयन पर सर्विस प्रोवाइडर को स्टाम्प ड्यूटी पर कमीशन के रूप में प्राप्त होने वाली राशि अर्थात रुपये 32,16,855/-(बत्तीस लाख सोलह हजार आठ सौ पचपन रुपये) भी राज्य शासन के खजाने में सीधे प्राप्त हुई है। गौरतलब है कि खनिज संसाधन विभाग एवं पन्ना जिला प्रशासन द्वारा लीज डीड निष्पादन की शर्तों को सार्वजानिक नहीं किया गया है। जिससे फिलहाल यह पता नहीं चल सका जेकेसेम सेन्ट्रल लिमिटेड के पक्ष में सैंकड़ों हेक्टेयर भूमि पर लाईम स्टोन उत्खनन हेतु 50 वर्ष की अवधि के लिए लीज डीड का निष्पादन किन शर्तों के आधार पर किया गया है। जानकारों के अनुसार पारदर्शिता और सामाजिक निगरानी अथवा सामाजिक अंकेक्षण के लिहाज से शर्तों की जानकारी आमजन को होना आवश्यक है।

बिचौलियों के जरिए औने-पौने दाम पर खरीदी जमीन !

जेकेसेम सेन्ट्रल लिमिटेड की लाईम स्टोन की खदान अमानगंज तहसील क्षेत्र के जिन आधा दर्जन ग्रामों की भूमि पर स्वीकृत हुई वहाँ के अधिकाँश किसानों के निजी स्वामित्व की कृषि भूमि को सीमेन्ट कम्पनी के द्वारा बिचौलियों के जरिए क्रय किया गया है। यह सिलसिला अभी भी जारी है। प्रभावित किसान आरोप लगा रहे हैं कथित तौर पर उनकी अज्ञानता-अशिक्षा का गलत फायदा उठाकर उनकी कृषि भूमि को औने-पौने (बेहद सस्ते) दाम पर खरीदा गया है। एक ही समय पर भूमि खरीदी के एवज में कम्पनी की ओर से किसानों को सौदे के अनुसार अलग-अलग राशि का भुगतान किया गया है। शासन-प्रशासन के तटस्थ रहने के कारण बिचौलियों के जाल में फंसकर अपनी आजीविका के एकमात्र साधन कृषि भूमि की बेहद कम दाम पर बिक्री करने वाले किसान अब अपराध बोध से ग्रसित होकर हर घड़ी स्वयं को कोस रहे हैं। खुद को छला हुआ महसूस कर रहे किसानों को अपना सब-कुछ खोने का दर्द बेचैन कर रहा है।
शायद इसीलिये क्षेत्र के किसान लम्बे समय से जेकेसेम सेन्ट्रल लिमिटेड और इसके कथित बिचौलियों के खिलाफ आंदोलन करते रहे हैं। विडंबना यह है कि अन्नदाता किसानों को हमदर्द होने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार के द्वारा अमानगंज तहसील क्षेत्र में प्रस्तावित सीमेन्ट फैक्ट्री प्रभावित किसानों के आर्थिक हितों के संरक्षण एवं उनके सुरक्षित भविष्य की लगातार घोर अनदेखी की गई। क्षेत्र के जागरूक लोगों का मानना है कि शासन-प्रशासन ने भूमि खरीदी के लिए कोई उचित न्यूनतम राशि निश्चित न करके भोले-भाले किसानों के शोषण की प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से खुली छूट दी गई। संभवतः उद्योगपतियों को लाभ पहुँचाने के मकसद से यह सब जानबूझकर किया गया है।