बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष कर रहे झुग्गी बस्ती के लोग, जोखिम उठाकर पहाड़ से लाते हैं पानी

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पन्ना के वार्ड क्रमांक-17 में पानी टंकी के लीकेज से पानी भरने के लिए पहाड़ चढ़कर आईं झुग्गी बस्ती की महिलाएं।

* पन्ना में कलेक्टर बंगला के सामने ही पानी की भारी किल्लत

बस्ती से निकली पाईप लाइन से शहर में पेयजल की सप्लाई लेकिन झुग्गीवासियों को नहीं मिलता पानी

सुबह से सब काम छोड़कर पहाड़ी से भरते हैं पानी, समस्या के समाधान को लेकर संजीदा नहीं जिम्मेदार

इदरीश मोहम्मद, पन्ना। (www.radarnews.in) झीलनुमा विशाल तालाबों एवं अनूठी भूमिगत जल सुरगों वाले पन्ना नगर की बड़ी आबादी को बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। जल-जीवन मिशन के इस दौर में भी पन्ना की झुग्गी बस्तियों में पीने के पानी के लिए जद्दोजहद जारी है। यहां कलेक्टर एवं नगर पालिका सीएमओ के बंगले के ठीक सामने स्थित झुग्गी बस्ती के लोग पानी के लिए पहाड़ चढ़ने को मजबूर हैं। गरीब महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अपनी जान जोखिम में डालने के बाद बमुश्किल पानी नसीब हो पाता है। अपने वजन से भी ज्यादा भारी पानी से पीपे-डिब्बे सिर पर रखकर चलते नाबालिग, कांपते हुए हाथों में पानी से भरे बर्तन को थामे वृद्ध और पहाड़ से साइकिल में पानी डिब्बे टांगकर ले जाते लोगों को जिम्मेदार रोजाना देखते हैं लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। रहीम का प्रसिद्द दोहा- रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून, पानी गये न ऊबरे मोती, मानुष, चून। यहां के हालात पर सटीक बैठता है।
दरअसल,पन्ना नगर पालिका के वार्ड नंबर-17 मदार टेकरी की झुग्गी बस्ती में जल संकट के चलते जहां वाकई सब सूना है, वहीं जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के व्यवहार में पानी रुपी संवेदनशीलता का आभाव है। इस कारण जल संकट समाप्त नहीं हो पा रहा है। इससे बड़ी विडंबना भला और क्या होगी जिस बस्ती से निकली पाईप लाइनों से समूचे पन्ना नगर में पेयजल की सप्लाई होती है उस बस्ती के लोगों को उन्हीं पाईप लाइनों से आज तक नल कनेक्शन नहीं मिले। जिससे पन्ना नगर की प्यास बुझाने के नाम पर यूआईडीएसएसएमटी योजना अंतर्गत पेयजल व्यवस्था पर करोड़ों रूपये की राशि के खर्च को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
पहाड़कोठी की झुग्गी बस्ती के लोग आजादी के 70 साल बाद भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे है। यहां आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। लोगों को पीने व निस्तार का पानी भरने के लिए अपनी हर रोज जान जोखिम में डालनी पड़ती है। पहाड़ कोठी में स्थित पानी टंकी का लीकेज पानी पहाड़ के नीचे से निकलता जिसे भरकर बस्ती के लोग अपना काम चलाते हैं। इस पानी को भरने के लिए वैसे तो दिन भर लोग पहुँचते हैं लेकिन सुबह-शाम भीड़-भाड़ अधिक रहती है। पहाड़ चढ़कर पानी लाने की जद्दोजहद में ही बस्ती के लोगों का 3-4 घण्टे का समय गुजर जाता है। इस कारण बस्ती के अधिकांश लोग सुबह बगैर कुछ खाए अर्थात भूखे ही मजदूरी करने के लिए निकल जाते हैं। शाम को घर लौटने पर ही उन्हें भोजन नसीब हो पाता है। जल संकट इन गरीबों के जीवन पर कितना व्यापक असर डाल रहा है इसका सहज ही अंदजा लगाया जा सकता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार चट्टानों और कच्चे रास्ते में फिसलने से महिलाएं, बच्चे और वृद्ध गंभीर रूप से घायल हो चुके है। पानी के लिए होने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए बस्ती के लोगों ने नगर पालिका परिषद, प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली। जबकि वर्तमान में पानी की जब इतनी किल्लत है तो गर्मियों के मौसम में आलम क्या होगा इसका अंदाज लगाया जा सकता है ।
फाइल फोटो।
झुग्गी बस्ती में रहने वाली शीला बाई बताती हैं कि सुबह से पानी भरने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। पहाड़ से नीचे उतरते समय अगर सावधानी न बरती जाए तो अक्सर दुर्घटनायें हो जाती है। छोटे-छोटे बच्चे फिसलने की वजह से अक्सर घायल हो जाते हैं। बस्ती के लोग कई सालों से लगातार नल कनेक्शन दिलाए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक इन्हें झूठे आश्वासन ही मिले। नगर पालिका के अफसर पेयजल समस्या के समाधान को लेकर अपनी उदासीनता को छिपाने के लिए बहानेबाजी करते हैं।
स्थानीय निवासी कैलाश चौधरी का कहना है कि यहां के अधिकांश लोग मजदूरी करने जाते है कई बार पानी भरने के चक्कर में लेट होने के कारण मजदूरी नहीं मिल पाती। वहीं टंकी से निकलने वाला लीकेज पानी कभी-कभी इतना गंदा आता है कि कई घण्टों तक पानी के साफ होने का इंतजार करना पड़ता है। बस्ती के लोगों से बात करने पर जान पड़ता है कि पहाड़ कोठी की पेयजल समस्या इतनी जटिल नहीं जितना इसे नगर पालिका परिषद के अकर्मण्य अमले ने बना रखा है। गौर करने वाली बात यह है कि जिला मुख्यालय में बड़े प्रशासनिक अफसरों की आखों के सामने जब इस तरह के हालात अभी निर्मित हैं तो दूरस्थ ग्रामीण अंचल की स्थिति क्या होगी, कहना मुश्किल पर समझना आसान है।

इनका कहना है-

“यह बड़ी विडंबना है कि आजादी के 70 साल बाद भी जिला मुख्यालय पन्ना के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है। मैनें स्वयं पहाड़कोठी में पानी के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी देखी हैं, नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं होता है तो युवक कोंग्रेस स्थानीय लोगों के साथ मिलकर नगर पालिका का धेराव करेगी।”

– स्वतंत्र प्रभाकर अवस्थी, अध्यक्ष, युवक कांग्रेस, पन्ना।

“फॉरेस्ट का एरिया होने की वजह से ओर टेक्निकल दृष्टि से वहां पाइप लाइन बिछाना संभव नहीं है। लेकिन फिर वहां के लोगों को पानी की सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।”

– यशवंत वर्मा, सीएमओ, नगर पालिका परिषद, पन्ना।