कोंग्रेस विधायकों की टीम करेगी गरीबों के पुस्तैनी कब्जे की बेशकीमती जमीन हड़पने के मामले की जांच, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के करीबी दबंग भू-माफिया पर है फर्जीवाड़ा कर जमीन खरीदने और नामांतरण कराने का आरोप

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पन्ना के सर्किट हाउस में प्रभावित गरीब परिवारों के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कोंग्रेस विधायकों की टीम।

* विधायकों ने प्रभावित लोगों और कलेक्टर से चर्चा कर प्रकरण की जानकारी ली

* गुरुवार की सुबह करेंगे नयापुरा और मुड़िया पहाड़ की बस्ती का सघन निरीक्षण

* कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी न्याय न होने से निराश प्रभावितों ने मांगी घरना-प्रदर्शन की अनुमति

* पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कहा था कोंग्रेस को इनके पक्ष में खड़ा होना चाहिए

* पन्ना के कोंग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता, जनप्रतिनिधि, प्रशासन और मीडिया इस मुद्दे पर है मौन

शादिक खान, पन्ना।(www.radarnews.in) मध्यप्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी की सियासत में अंदरूनी हलचल पैदा करने वाले पन्ना की बेशकीमती जमीन का विवाद बड़ा सियासी मुद्दा बनने जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कोंग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के द्वारा इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट करके प्रभावित लोगों के पक्ष में कोंग्रेस पार्टी से खड़े होने का आव्हान करने के बाद इस मुद्दे पर पन्ना से लेकर भोपाल तक सियासी सरगर्मी अचानक काफी बढ़ गई है। मुख्य विपक्षी दल कोंग्रेस पार्टी ने सैंकड़ों गरीबों के आशियाने से जुड़े इस मुद्दे को अत्यंत ही गंभीरता से लेते हुए मामले की मौके पर जाकर जांच करने के लिए अपने विधायकों की एक टीम को तत्काल प्रभाव से पन्ना भेजा है। चार सदस्सीय विधायकों की इस टीम में कांग्रेस के पूर्व एवं वर्तमान विधायक शामिल हैं।
प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव का बिगुल बजने के अगले ही दिन बुधवार 30 सितंबर को कोंग्रेस के विधायकों की टीम के पन्ना पहुंचकर सर्किट हाउस में प्रभावित गरीब परिवारों के प्रतिनिधि मण्डल से मिलने और इस मुद्दे पर कलेक्टर संजय कुमार मिश्र से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने से भाजपा के खेमे में खलबली मची है। जांच करने आई इस टीम में बरगी के पूर्व विधायक नन्हेंलाल धुर्वे, गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी और पूर्व विधायक फुन्दर चौधरी शामिल हैं। विधायकों की यह टीम गुरुवार 1 अक्टूबर को पन्ना के समीप स्थित ग्राम पंचायत मनौर के ग्राम नयापुरा और मुड़िया पहाड़ की विवादित भूमि का सघन निरीक्षण कर वस्तुस्थिति का जायजा लेगी, वहां काबिज लोगों एवं सभी पक्षों से सीधे मुखातिब होकर सच्चाई जानने का प्रयास करेगी। कोंग्रेस के इस कदम को भारतीय जनता पार्टी को घेरने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। जिससे आने वाले दिनों में प्रदेश भाजपा की मुश्किल बढ़ सकतीं हैं।

क्या है मामला

पन्ना के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग- 39 किनारे स्थित मुड़िया पहाड़ की विवादित भूमि जिस पर गरीब तबके के सैंकड़ों लोग कई पीढ़ियों रह रहे हैं।
पन्ना जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत मनौर के ग्राम नयापुरा और मुड़िया पहाड़ में नेशनल हाईवे-39 के किनारे दोनों तरफ स्थित 15 एकड़ से अधिक भूमि पर सभी वर्गों के गरीब परिवारों का पुस्तैनी कब्ज़ा है। कई दशकों से इस बेशकीमती भूमि पर रह रहे लोगों का आरोप है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा के करीबी दबंग भू-माफिया अंकुर त्रिवेदी ने जालसाजी करके राजस्व विभाग की सांठगांठ से कथित तौर पर अपने ही आदिवासी बंधुआ श्रमिक से करीब 1 करोड़ रुपए में भूमि क्रय करके उसका नामांतरण करा लिया है। तथ्यों को छिपाकर राजनैतिक रसूख के दम पर गरीबों के कब्जे की भूमि को हड़पने के बाद भाजपा नेता अंकुर त्रिवेदी के द्वारा वहां रहने वाले लोगों पर भूमि खाली करने का दबाव बनाते हुए उन्हें लगातार धमकी दी जा रही है।
सड़क के दूसरी तरफ स्थित नयापुरा बस्ती निर्मित मकान इस बस्ती की रजिस्ट्री और नामांतरण भाजपा नेता अंकुर त्रिवेदी के नाम हो गया।
मुड़िया पहाड़ की भूमि पर एक आलीशान मकान निर्माणाधीन है, जिसके सम्बंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माणाधीन मकान को अंकुर त्रिवेदी भाजपा सांसद विष्णु दत्त शर्मा का बताकर उनके नाम की धौंस जमाते हुए हमें जमीन से बेदखल करने की आए दिन धमकी देता है। जिससे उनका जीना मुहाल हो गया है। विवादित भूमि पर करीब 400 से अधिक गरीब निवासरत हैं। जिनमें से कुछ तो 70 से लेकर 100 साल से काबिज हैं। इनके पास कई ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज मौजूद हैं जिन पर गौर करने से पता चलता है कि उक्त भूमि के विक्रय एवं नामांतरण में गड़बड़ी हुई है। इसके उलट भाजपा नेता अंकुर त्रिवेदी का कहना है कि उसने वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन कर भूमि क्रय की और नामंतरण कराया है। अंकुर के अनुसार इस मामले में उनके खिलाफ राजनैतिक दुर्भावना के कारण बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं, उनका कहना है कि प्रशासन को जमीन के स्वामित्व की शीघ्र निष्पक्ष जांच करानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

इंसाफ के लिए करेंगे आंदोलन

कलेक्टर को धरना-प्रदर्शन की अनुमति के लिए दिए गए आवेदन पत्र का पहला पेज।
भाजपा नेता अंकुर त्रिवेदी के द्वारा जमीन खाली कराने के लिए गरीबों के ऊपर दबाव बनाने के परिणामस्वरूप नयापुरा और मुड़िया पहाड़ के लोगों के सामने बेघर होने की नौबत आ गई है। पुस्तैनी कब्जे के बाबजूद आशियाना उजड़ने की चिंता में हैरान-परेशान स्थानीय लोग करीब एक माह से आंदोलित हैं। लगभग एक पखवाड़े पूर्व प्रभावित परिवारों की महिलाओं ने अपने गले में फांसी का फंदा डालकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला था। इस दौरान आक्रोशित प्रदर्शनकारी महिलाओं ने भाजपा नेता एवं दबंग भूमाफिया अंकुर त्रिवेदी और कथित तौर पर उसे राजनैतिक संरक्षण देने के आरोप में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए थे। वहीं पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र को एक ज्ञापन सौंपते हुए महिलाओं ने उनसे न्याय दिलाने की गुहार लगाई थी। कलेक्टर ने प्रदर्शकारी महिलाओं को 15 दिवस के अंदर मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन तय समयसीमा के गुजरने के बाद भी सत्ताधारी दल के नेताओं से जुड़े इस मामले में कोई कार्रवाई न होने से हताश-निराश प्रभावितों ने बुधवार 30 सितम्बर को कलेक्टर को एक आवेदन पत्र देकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी है।

… तो सामूहिक रूप से कर लेंगे आत्मदाह

कलेक्टर को धरना-प्रदर्शन की अनुमति के लिए दिए गए आवेदन पत्र का दूसरा पेज।
धरना-प्रदर्शन की अनुमति हेतु कलेक्टर को दिए गए पत्र में उल्लेख है कि “15 दिन व्यतीत हो जाने के बाद भी हम पीड़ितों को प्रशासनिक स्तर पर न्याय नहीं मिला। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का भू-माफिया अंकुर त्रिवेदी को खुला संरक्षण प्राप्त होने एवं प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के कारण जिला प्रशासन भी उसे संरक्षण प्रदान कर रहा है। इसलिए हम पीड़ितों को भविष्य में भी प्रशासन से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है।” पत्र में कहा गया कि कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यदि “शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन की करने की अनुमति नहीं दी जाती है तो हम सामूहिक रूप से आत्मदाह करने को विवश होंगें, जिसकी समस्त जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी।”
बताते चलें कि जमीनी विवाद के सुर्ख़ियों में आने के बाद से अंकुर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से अपनी करीबी को नकारते रहे हैं। वहीं कुछ दिन पूर्व पन्ना के भाजपा जिलाध्यक्ष रामबिहारी चौरसिया ने धमकी भरी भाषा में एक पत्र जारी कर स्पष्ट किया था कि नयापुरा-मुड़िया पहाड़ की विवादित भूमि से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का किसी तरह से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद भी उनका नाम अगर कोई इस मामले में घसीटता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि, इस पत्र के जारी होने के बाद प्रभावित गरीबों ने भाजपा जिलाध्यक्ष रामबिहारी चौरसिया को ही भाजपा कार्यालय में गत दिनों ज्ञापन सौंपने के दौरान अंकुर त्रिवेदी के कब्जे वाली विवादित जमीन पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का आलीशान मकान निर्माणाधीन होने की बात कही थी। इस बातचीत का वीडियो भी काफी वायरल हुआ था।

पन्ना के कोंग्रेसियों की चुप्पी से प्रदेश नेतृत्व हैरान

पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कोंग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के द्वारा सोशल मीडिया पर पन्ना के नयापुरा-मुड़िया पहाड़ के प्रभावितों के समर्थन में की गई पोस्ट
उल्लेखनीय है कि, अपने आशियाने को बचाने के लिए संघर्षरत गरीबों के मुद्दे पर पन्ना में स्थानीय कोंग्रेस नेता, अन्य विपक्षी दल, जनप्रतिनिधि, मेन स्ट्रीम मीडिया, समाजसेवी और एक्टिविस्ट लम्बे समय से मौन साधे हुए हैं। इन हालात में सत्ता से जुड़े ताकतवर लोगों की चालबाजियों खिलाफ कई दिनों से अकेले लड़ रहे इन गरीबों के समर्थन में पन्ना राजपरिवार की महारानी जीतेश्वरी देवी खुलकर सामने आईं थीं। इसके आलावा पूर्व मंत्री एवं भाजपा की कद्दावर नेत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने मीडिया को दिए गए अपने बयान में नयापुरा-मुड़िया पहाड़ के वाशिंदों के कई दशकों से वहाँ काबिज होने की तस्दीक करते हुए उन्हें वहां से हटाए जाने का खुलकर विरोध किया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूर्व मंत्री सुश्री महदेले के बयान वाले वीडियो को ही सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कोंग्रेस पार्टी से प्रभावितों के पक्ष में तत्काल खड़े होने का आव्हान किया था।
सैंकड़ों गरीबों से जुड़े जनहित के इस मुद्दे पर स्थानीय कोंग्रेस नेताओं के उदासीन रवैये और जानबूझकर इसकी अनदेखी किए जाने से प्रदेश नेतृत्व हैरान है। पन्ना के पार्टी के पदाधिकारियों के द्वारा अपनी भूमिका का ईमानदारी के साथ सही तरीके से निर्वहन न करने के कारण प्रदेश के शीर्ष कांग्रेस नेताओं को इस मुद्दे पर विधायकों की टीम को भेजना पड़ा है। हालांकि आगामी समय में यह देखना बेहद महत्पूर्ण होगा कि कोंग्रेस पार्टी इस मुद्दे का उपयोग सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और स्थानीय विधायक को घेरने के लिए करती है या फिर गरीबों को इंसाफ दिलाने के प्रति भी वह संवेदनशील है।

इनका कहना है –

पन्ना कलेक्टर, संजय कुमार मिश्र।
“नयापुरा-मुड़िया पहाड़ के लोगों ने आवेदन पत्र दिया था, उन्हें फिलहाल धरना-प्रदर्शन न करने की समझाइश दी गई है। विवादित भूमि की जांच जारी है, एडीएम इसकी जांच कर रहे जिसके अक्टूबर महीने में पूर्ण होने की उम्मीद है। प्रभावित परिवारों को आश्वस्त किया गया है कि आप लोग निश्चिंत होकर रहें आपको कोई परेशान नहीं करेगा। आवेदन देने आए लोगों के सकरात्मक रूख के मद्देनजर मुझे भरोसा है कि धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे।”

– संजय कुमार मिश्र, कलेक्टर, पन्ना।