PTR में टाइगर और हाइना की करंट से मौत, शिकार के लिए बिछाया था बिजली का तार

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पन्ना टाइगर रिजर्व की किशनगढ़ रेन्ज अन्तर्गत शिकारियों द्वारा बिछाए गए बिजली के तार की चपेट में आने से करंट लगने से मृत युवा नर बाघ का शव।

*    महीने भर में दो बाघों की मौत से पन्ना के पुनः बाघ विहीन होने की आशंका गहराने लगी

  पूर्व में पन्ना के उत्तर वन मण्डल अंतर्गत क्लिच वायर के फंदे में लटका मिला था टाइगर

शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में अब टाइगर सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में बीते कुछ सालों में हुई बाघों की मौत से जुड़े आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं। बाघों को लेकर सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति पन्ना जिले में निर्मित है। बुधवार को पन्ना में एक और बाघ की मौत होने की खबर मिली है। पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत एक नर बाघ और मादा हाइना (लकड़बग्घा) की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है। जंगल में शिकारियों के द्वारा बिछाए गए बिजली के तार इनकी अकाल मौत की वजह बने हैं। हैरान करने वाली इस घटना के सामने आने के बाद पन्ना टाइगर प्रबंधन सवालों के घेरे में है। सुरक्षित माने जाने वाले वन क्षेत्र के अंदर शिकारियों की सक्रियता ने पार्क की कथित चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था एवं निगरानी तंत्र की निष्क्रियता की पोल खोलकर रख दी है।
महीने भर के अंदर पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ की मौत यह दूसरी घटना। इसके पूर्व माह दिसंबर 2022 के प्रथम सप्ताह में पार्क के बफर क्षेत्र से सटे उत्तर वन मण्डल पन्ना के वन परिक्षेत्र पन्ना अंतर्गत क्लिच वायर के फंदे पर लटका हुआ मिला था। फंदे की खूंटी पेड़ में फंसने से लटके बाघ की मौत विचलित करने वाली तस्वीरों पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। अत्यंत ही हैरान और परेशान करने वाली इस घटना को प्रदेश जे मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए शीर्ष अफसरों की आपात बैठक बुलाई थी। मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। करंट से बाघ की मौत की हालिया घटना से एक इतना तो स्पष्ट हो चुका है कि, मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद भी पन्ना के हालात सुधरने के बजाए लगातार बिगड़ रहे हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर एरिया में किशनगढ़ रेन्ज अन्तर्गत बीट वसुधा कक्ष क्रमांक- 521 में एक नर बाघ एवं एक मादा हायना की करेंट लगने से मौत हो गई है। पार्क प्रबंधन को घटना की सूचना 3-4 जनवरी की रात्रि में मिली। करंट की चपेट में आने से मृत नर बाघ उम्र लगभग 2 वर्ष बताई जा रही है। पीटीआर (पन्ना टाइगर रिजर्व) के अधिकारियों ने संभावना जताई है कि शिकारियों के द्वारा जंगली सुअर को मारने के लिए बिजली के तार बिछाकर करंट प्रवाहित किया गया था। जिसकी चपेट में आने से बाघ एवं हायना असमय काल कवलित हो गए। इस घटना की सूचना मिलने पर बुधवार 4 जनवरी की सुबह पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक बृजेन्द्र झा, उप संचालक रिपुदमन सिंह भदौरिया एवं वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता मौके पर पहुंचे।
पार्क के अधिकारियों ने मृत वन्यजीवों के शव और घटनास्थल का मुआयना किया। मृत बाघ एवं हायना के सभी अंग सुरक्षित पाये गए। अधिकारियों की उपस्थिति में दोनों शव बरामद कर मौके पर पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार किया गया। मृत बाघ के सैम्पल को नियमानुसार जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। शिकार की घटना पर पार्क प्रबंधन ने फ़िलहाल अज्ञात शिकारियों के विरुद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किया है। जंगल में करंट के तार बिछाने वाले अज्ञात शातिर शिकारियों का सुराग लगाने के लिए डॉग स्क्वाड से इलाके की सघन सर्चिंग कराई जा रही है। साथ ही मुखबिरों को भी सक्रिय किया गया है।